नक्सलियों के स्कूल शिक्षक ने गर्भवती पत्नी के साथ सरेंडर किया
नक्सली कराना चाहते थे गर्भपात
दंतेवाड़ा – छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों के स्कूल में पढ़ाने वाला शिक्षक हरदेश और नक्सली संगठन में ही काम करने वाली उसकी पत्नी आसमती ने बुधवार को सरेंडर कर दिया। दोनों भागे-भागे पुलिस के पास पहुंचे थे। हरदेश की पत्नी आसमती गर्भवती थी और नक्सली नहीं चाहते थे कि वह बच्चे को जन्म दे। ऐसे में अपने बच्चे को बचाने के लिए दोनों ने विचारधारा बदली। प्रदेश में नक्सलियों से जुड़ा अपनी तरह का पहला मामला सामने आया है।
हरदेश ने पुलिस के सामने कहा- साहब, मेरी पत्नी 6 महीने की गर्भवती है। नक्सली मेरी पत्नी का गर्भपात कराकर बच्चे को मारना चाहते हैं। मुझ पर दबाव बना रहे हैं। इससे पहले भी नक्सल संगठन में काम कर रही 4 महिलाओं का गर्भपात कराया गया है। मैं अपने बच्चे को खोना नहीं चाहता। हम दोनों पति-पत्नी सरेंडर करना चाहते हैं। अफसरों ने इन दोनों का ताली बजाकर स्वागत किया।
उसने 5वीं तक पढ़ाई की है। साल 2017 को उसके पिता की मौत हो गई तो वह पढ़ाई छोड़कर गांव आ गया। बाद में नक्सली आयतू जबरदस्ती उठाकर ले गया। वहां नक्सल स्कूल चलाने लगा। इसमें 10 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को पढ़ाता था। अब तक 25 से ज्यादा बच्चों को नक्सली स्कूल में पढ़ा चुका है।
हरदेश ने बताया कि संगठन में रहते हुए उसे सीएनएम सदस्य आसमती से प्यार हो गया और दोनों ने 2018 में शादी कर ली। आसमती 2020 में गर्भवती हुई। नक्सलियों को पता चला कि वह गर्भवती है तो गर्भपात के लिए दबाव बनाने लगे। मीटिंग रखी और कहा- ये नहीं मान रहे हैं तो आसमती का गर्भपात जरूरी है। संगठन में बच्चे पैदा करने की इजाजत नहीं है। इसके बाद दोनों अंधेरा का फायदा उठाकर भाग निकले।