राजनांदगांव 4 नवंबर।साध्वी सम्यग्दर्शना श्री जी ने कहा कि अच्छी मति से ही अच्छी गति मिलती है। उन्होंने कहा कि अपनी सोच बना लो कि अच्छा काम आज करेंगे और बुरा काम कल करेंगे। इससे कभी बुरा काम होगा ही नहीं और हम सद्गति को प्राप्त करेंगे।
स्थानीय जैन बगीचे में अपने नियमित प्रवचन में साध्वी सम्यग्दर्शना श्री जी ने कहा कि”अच्छा काम आज करेंगे और बुरा काम कल करेंगे”का विचार रखकर काम करने से हम सद मार्ग की ओर बढ़ेंगे।उन्होंने कहा कि कल कभी आता नहीं और कल – कल करते काल जाता है इसलिए हमारी धारणा यह रहने से हमसे कभी बुरा काम होगा नहीं।
साध्वी श्री ने कहा कि यह जीवन की सच्चाई है कि व्यक्ति अपने दुखों का निवारण करते हुए परम सुख की राह पर चल पड़े। उन्होंने कहा कि दो की लड़ाई में कभी तीसरे को बीच में नहीं लाना चाहिए।हो सके तो कोई भी मुद्दा आपस में ही सुलझाना चाहिए। उन्होंने कहा कि तीसरे को बीच में लाने से दोनों में ही तीसरे के प्रति बुरा भाव आ जाता है।पहला सोचता है कि तीसरा मेरा साथ नहीं दिया और दूसरा भी यही सोचता है। इससे विवाद बढ़ जाता है और उचित समाधान नहीं निकलता। उल्टे तीसरा व्यक्ति नाहक ही दोनों का बुरा बन जाता है।
साध्वी श्री ने कहा कि पुद्गलों का त्याग करो और हल्का हो जाओ। पुद्गल हमें भटकाते हैं। इनका त्याग करने से ही हम मोक्ष मार्ग की ओर आगे बढ़ जाते हैं।