क्राइमदेश

सेल्समैन ने मांगी सैलरी, शराब ठेकेदार ने जिंदा जलाया

राजस्थान- राजस्थान के करौली में मंदिर के पुजारी को जिंदा जलाकर मार डालने के 18 दिन बाद अलवर में यह दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। मिली जानकारी के मुताबिक यहां के कुमपुर गांव में शनिवार शाम पांच महीने से तनख्वाह मांग रहे शराब ठेके के सेल्समैन की जिंदा जलाकर हत्या कर दी गई।
स्थानीय थाने के प्रभारी दारा सिंह ने बताया कि झाड़का निवासी रूप सिंह धानका ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई है। रूप सिंह ने आरोप लगाया है कि उनका भाई कमल किशोर (23) शराब ठेका संचालक राकेश यादव और सुभाषचंद के यहां काम करता था। यह ठेका कुमपुर-भगेरी मोड़ पर एक कंटेनर में चलाया जा रहा था। ठेकेदार ने कमल को पिछले पांच महीने से तनख्वाह नहीं दी थी।
रूप सिंह ने पुलिस को बताया कि तनख्वाह मांगने पर उनके भाई को मारपीट कर धमकाया जाता था। शनिवार शाम करीब चार बजे ठेकेदार राकेश और सुभाष घर आए और कमल किशोर को अपने साथ ले गए। कमल पूरी रात घर नहीं आया तो परिजनों ने सोचा कि वह ठेकेदारों के साथ कहीं गया होगा।

लेकिन रविवार सुबह पता चला कि कुमपुर शराब ठेके में आग लग गई है। इसके बाद परिजन मौके पर पहुंचे और पुलिस की मौजूदगी में लोहे के कंटेनर को खुलवाया। अंदर कमल का जला हुआ शव डीप फ्रीजर के अंदर बैठी हुई अवस्था में मिला।

रूप सिंह ने आरोप लगाया कि उनके भाई कमल को राकेश और सुभाष ने ही पेट्रोल डालकर जिंदा जलाया और फिर कंटेनर में आग लगा दी। परिजनों की शिकायत पर सुभाष यादव निवासी भेड़टा श्योपुर और ठेकेदार राकेश यादव निवासी फतियाबाद के खिलाफ हत्या करने और एससीएसटी एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है।

कंटेनरनुमा बक्से में शराब का ठेका चलाए जाने को लेकर स्थानीय प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। दर्दनाक वारदात से आक्रोशित लोगों का कहना है कि कंटेनर में शराब का ठेका क्यों चलाया जा रहा था। स्थानीय डीएसपी ताराचंद ने इस संबंध में बताया कि भगेरी मोड़ पर ठेकेदार राकेश यादव और सुभाष चंद के लोग शराब का ठेका चलाते हैं। ठेके के कागजात मंगाए गए हैं।

आरोपी ठेकेदार राकेश यादव की मां ग्राम पंचायत माछरौली की सरपंच हैं। ठेका आबकारी विभाग के निर्धारित मापदंडों के विपरीत सड़क पर रखे एक कंटेनरनुमा बक्से में चल रहा था। ऐसे में इस भयावह घटना के लिए विभाग भी जिम्मेदार है। नियमानुसार सीसीटीवी कैमरा तक नहीं लगा था।

वारादात से नाराज परिजन न्यायिक जांच की मांग करते हुए पोस्टमॉर्टम नहीं कराने पर अड़ गए। हालांकि डीएसपी और थानाधिकारी की समझाइश के बाद रविवार को एक मेडिकल बोर्ड ने पोस्टमॉर्टम किया। डीएसपी ताराचंद ने बताया कि मामला गंभीर और संदिग्ध है। फॉरेंसिक टीम भी घटनाक्रम और मौके की पड़ताल कर रही है

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