राजनांदगांव : अवैध प्लाटिंग व कालोनी के नियमितिकरण के संबंध में नगर निगम में बैठक आयोजित
राजनांदगांव 2 जनवरी। गत दिवस नगर निगम में निगम आयुक्त श्री चंद्रकांत कौशिक की उपस्थिति में अवैध प्लाटिंग व कॉलोनी निर्माण के नियमितिकरण के को-आर्डिनेशन संबंध में बैठक आहूत की गई। जिसमें अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) श्री मुकेश रावटे, तहसीलदार श्री रमेश मौर्य, कार्यपालन अभियंता श्री यू.के. रामटेके व श्री दीपक कुमार जोशी प्र.कार्यपालन अभियंता श्री जयनारायण श्रीवास्तव सहित नगर निगम के सहायक अभियंतागण व उप अभियंतागण एवं नगर के वास्तुविद उपस्थित थें।
बैठक में निगम आयुक्त श्री कौशिक द्वारा शासन निर्देशानुसार अवैध भूखण्ड में विकास कार्य किये जाने हेतु अभिन्यास तैयार कर प्रकरणों का त्वरित निराकरण किये जाने हेतु कार्ययोजना पर चर्चा की गई। उन्हांने बताया कि सभी अवैध खसरा छोटे-छोटे भू-खण्ड में है, इनकी संख्या ज्यादा है। जिससे मार्ग संरचना बनाने में कठिनाई हो रही है। साथ ही साथ कॉलोनाईजर द्वारा कांटे गए छोटे भूखण्ड राजस्व विभाग से खसरा नक्शा भूमि स्वामी, बटांकन तथा रजिस्ट्री की प्रति अनुपलब्ध है, जिसके कारण भू-खण्डधारी स्वामी के नाम से अभिन्यास में अंकित कर ले-आउट बनाने में दिक्कत आ रही है। इस सबंध में अनुविभागीय अधिकारी एवं तहसीलदार को शीघ्र दस्तावेज दरवारी के माध्यम से उपलब्ध कराने निर्देश दिए गए हैं। साथ ही छोटे-छोटे खसरों के अभिन्यास के स्थान पर उक्त क्षेत्र का राजस्व शीट अनुसार सम्पूर्ण क्षेत्र का राजस्व शीट अनुसार सम्पूर्ण क्षेत्र के मास्टर प्लान की सड़क एवं स्वीकृत कॉलोनी के सड़क को आधार बनाकर ले-आउट बनाया जाकर अवैध भू-खण्ड तक मार्ग संरचना तैयार कर विकास कार्यों का अभिन्यास बनाने का निर्णय लिया गया।
अनुविभागीय दण्डाधिकारी श्री मुकेष रावटे द्वारा बैठक में शासन द्वारा जारी गाईडलाईन अनुसार अनाधिकृत कॉलोनियों का नियमितिकरण का आरंभ न्यून आवासीय कॉलोनी क्षेत्र को छोड़कर ऐसे कॉलोनी का अभिन्यास नगर के मास्टर प्लान अनुसार तैयार किया जावे, जिस क्षेत्र में आज की स्थिति में 10 प्रतिशत मकान निर्मित हो तथा अवैध प्लाटिंग की शिकायते आ रही है। वास्तुविद के द्वारा अभिन्यास तैयार किये जाने हेतु आवश्यक दस्तावेज भू-स्वामी का बी-1 खसरा, रजिस्ट्री की प्रति तथा संबंधित क्षेत्र के पटवारी तथा राजस्व निरीक्षक प्रतिवेदन के आधार पर उस क्षेत्र का कच्चा ले-आउट तैयार कर कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है साथ ही पंजीयक को अवैध कॉलोनी क्षेत्र में की गई रजिस्ट्री की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया गया है कि पैतृक भूखण्ड को नियमितिकरण किया जाना है किन्तु प्लाट को काटकर बेचने की अनुमति नहीं होगी। जिस क्षेत्र में नियमितिकरण की कार्यवाही की जानी उस क्षेत्र का भूमि क्रय-विक्रय प्रतिबंधित रहेगा। इस संबंध में जिला पंजीयक को पृथक से निर्देश जारी किया जावे।
बैठक के अंतिम में यह निर्णय लिया गया है कि अनाधिकृत कॉलोनियों का नियमितिकरण की कार्यवाही सर्वप्रथम प्रथम चरण में कौरिनभांठा, रेवाडीह, चिखली, मोहारा एवं लखोली क्षेत्र का अभिन्यास अलग-अलग वास्तुविद द्वारा तैयार किया जावेगा, इस हेतु निगम स्तर चार वास्तुविदों सहित इंजीनियर एवं नगर निगम उप अभियंता की टीम गठित किया जावेगा। शासन मागदर्शन/निर्देशानुसार अवैध प्लाटिंग पर भू-स्वामियों से निर्माण एरिया का विकास शुल्क राशि की वसूली की जावेगी तथा अनाधिकृत कॉलोनी का नियमितिकरण हेतु कॉलोनाईजर से अभिन्यास तैयार करने हेतु उपगत होने वाले व्यय की रकम विकास शुल्क के दस प्रतिशत से अनधिक नियत किया जावेगा। अनाधिकृत कॉलोनियां मास्टर प्लान की सड़क, ग्रीन, लैंड, म्ॅै ए गार्डन की भूमि, सास्कृतिक भवन एवं स्कूल की भूमि छोड़ेगा, अन्यथा की स्थिति में कॉलाईनाईजर/भू-स्वामी से खुला क्षेत्र गार्डन की भूमि का दुगुना मूल्य वसूली जावेगी। साथ ही कॉलोनी अधिनियम के तहत् आय शुल्क मूल भू-स्वामी से राजस्व के रूप में वसूल किया जावे, न करने पर भू-राजस्व की संहिता के तहत कार्यवाही तहसीलदार के माध्यम से किया जावेगा।