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बर्ड फ्लू को लेकर केंद्र अलर्ट,सभी राज्यों को तैयार रहने को कहा

केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश ने ही अभी तक अपने यहां बर्ड फ्लू की पुष्टि की है लेकिन सभी राज्यों को किसी भी संभावित घटना के लिए तैयार रहना चाहिए। राज्यों को पक्षियों को मारने के लिए आवश्यक उपकरणों और पीपीई किट का पर्याप्त स्टाक सुनिश्चित करने को कहा गया है। साथ ही लोगों के बीच इस बात की भी जागरूकता फैलाने को कहा गया है कि सही ढंग से उबालने और पकाने की प्रक्रिया के बाद पोल्ट्री उत्पादों का सेवन सुरक्षित है।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि पशुपालन और डेयरी विभाग के सचिव ने एवियन इंफ्लूएंजा या बर्ड फ्लू की स्थिति जानने के लिए राज्यों के साथ बैठक ली और इसमें इस बीमारी के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के लिए उपाय सुझाए गए।

केरल, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश और हिमाचल प्रदेश में पोल्ट्री, कौवों, प्रवासी पक्षियों की अचानक मौत हो रही है। बयान के मुताबिक, अभी तक केवल चार राज्यों केरल, राजस्थान, मध्यप्रदेश और हिमाचल प्रदेश ने ही अपने यहां इस बीमारी के होने की पुष्टि की है। केरल के प्रभावित जिलों में पक्षियों को मारने का अभियान चल रहा है।

बैठक में जल स्रोतों, पक्षी मार्केट, चिड़ियाघर, पोल्ट्री फार्म आदि में निगरानी बढ़ाने पर जोर दिया गया है। साथ ही मृत पक्षियों के उचित निस्तारण को सुनिश्चित करने को भी कहा गया है। साथ ही सैंपलों को एकत्र करने और समय पर लैबोरेटरी में जमा कराने को भी कहा गया है। केंद्र ने राज्यों के पशुपालन विभागों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बेहतर संवाद और समन्वय भी बनाने को कहा है ताकि बर्ड फ्लू की बीमारी को इंसानों में होने से रोका जा सके। राज्यों के वन विभागों को जंगली इलाकों और जल स्रोतों के आसपास गैर प्रवासी पक्षियों की असामान्य मौत की जानकारी तत्काल देने को कहा गया है।  

गुजरात में भी चार कौवों की मौत, सैंपल जांच के लिए भेजे गए
केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के बाद अब गुजरात में भी बर्ड फ्लू के पहुंचने की आशंका है। दरअसल, गुजरात के मेहसाणा जिले में बृहस्पतिवार को चार कौवे मृत पाए गए। जिले के मोधेरा गांव स्थित प्रसिद्ध सूर्य मंदिर परिसर में मृत मिले कौवों के सैंपल को भोपाल स्थित लैब भेजा गया है ताकि बर्ड फ्लू होने या नहीं होने की पुष्टि हो सके। इस बीच पंजाब, छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र की सरकारों ने अपने यहां अभी तक बर्ड फ्लू का कोई भी मामला नहीं पाए जाने की बात कही है।

मेहसाणा के पशुपालन अधिकारी डॉ. भरत देसाई ने बताया कि एवियन इंफ्लूएंजा या बर्ड फ्लू के मामले में बड़ी संख्या में पक्षी अचानक मरते हैं। इस मामले में केवल चार कौवों की मौत हो गई है। हालांकि यह एवियन इंफ्लूएंजा का मामला नहीं जान पड़ता लेकिन हमने इसकी पुष्टि के लिए सैंपल भोपाल लैब भेजे हैं। ऐहतियातन पशुपालन विभाग ने ठोल झील से 50 प्रवासी पक्षियों के मल और ब्लड सैंपल को एकत्र कर भी लैब भेजा है। इससे पहले बुधवार को सूरत के माधी गांव में चार पक्षी मृत मिले थे और इससे पहले जूनागढ़ में 55 पक्षियों की मौत हुई थी। राज्य के पशुपालन मंत्री कुंवरजी बवालिया ने प्रदेश में बर्ड फ्लू होने से इनकार किया है।

महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और पंजाब सरकारों ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनके यहां अभी तक बर्ड फ्लू का कोई मामला नहीं मिला। हालांकि प्रदेश सरकारें किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सभी ऐहतियाती कदम उठा रही हैं। महाराष्ट्र के पशु संवर्धन मंत्री सुनील केदार ने बताया कि कोविड-19 की तर्ज पर मुर्गी, कौआ और जंगली पक्षियों के बिस्टा और खून की जांच की जा रही है। इसके लिए पुणे की भारतीय पशु विज्ञान संशोधन संस्था (आईवीआरआई) की मदद ली जा रही है। राज्य में करीब 20 हजार पोल्ट्री फार्म हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है। ऐसे में प्रदेश में पोल्ट्री फार्म के मालिकों और अंडा चिकन खाने वाले लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है।

ओडिशा के मुख्य सचिव सुरेश चंद्र महापात्रा ने बर्ड फ्लू की आशंका के चलते हालात की समीक्षा की। प्रदेश सरकार के अनुसार, विभिन्न इलाकों से 11,000 सैंपलों की जांच की गई है और अभी तक बर्ड फ्लू का कोई मामला नहीं मिला है। महापात्रा ने संबंधित विभागों व अधिकारियों को निगरानी गतिविधि बढ़ाने का निर्देश दिया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने भी बयान जारी कर बर्ड फ्लू का मामला नहीं होने की बात कही है।

पंजाब के पशुपालन मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने कहा कि प्रदेश में अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया लेकिन सरकार किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है। सरकार और विभिन्न विभाग कड़ी नजर रखे हुए हैं। साथ ही मार्केट में खराब मीट या मछली की बिक्री न हो, इस पर भी निगरानी रखी जा रही है।

केंद्रीय विशेषज्ञों की टीम केरल पहुंची
तीन सदस्यीय केंद्रीय विशेषज्ञों की टीम बृहस्पतिवार को केरल पहुंच गई। यह टीम प्रदेश के अलपुझा और कोट्टयम में बर्ड फ्लू से उत्पन्न हालात से निपटने में मदद करेगी। टीम में केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. रुचि जैन, पुणे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिक डॉ. शैलेश पवार और दिल्ली के आरएमएल अस्पताल के फिजिशियन डॉ. अनिथ जिंदल शामिल हैं। जिले के अधिकारियों से बात करने के बाद टीम बर्ड फ्लू के हाटस्पॉट में से एक करुवट्टा पहुंचे। प्रदेश सरकार के अनुसार, दोनों जिलों में बुधवार तक बतख और चिकन समेत 69,000 से अधिक पक्षियों को मारा जा चुका है।

कर्नाटक में भी बर्ड फ्लू का डर, केरल से लगते सीमावर्ती जिले में छह कौवों की मौत
केरल में बर्ड फ्लू के बढ़ते मामलों को देखते हुए कर्नाटक में भी इसका डर उत्पन्न हो गया है। केरल से लगते कर्नाटक के सीमावर्ती जिले दक्षिण कन्नड़ में छह कौवे मृत पाए गए हैं। इनकी मौत की वजह जानने के लिए इनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। यह जानकारी बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने दी। उन्होंने कहा कि केरल से लगते प्रदेश के सभी जिलों में बर्ड फ्लू के प्रसार को रोकने के लिए जरूरी ऐहतियातन कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों को अभी घबराने की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य और पशुपालन विभाग के वैज्ञानिक और अधिकारी दक्षिण कन्नड़, कोडागू, मैसूर और चामराजनगर समेत सभी सीमावर्ती जिलों में सख्त निगरानी रखे हुए हैं।

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