छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

सुप्रीम कोर्ट का कृषि कानूनो पर रोक कृषि व कृषकों को बचाने वाला निर्णय : दुबे

राजनांदगांव। छग प्रदेश कांग्रेस कमेटी विधि विभाग के महामंत्री एवं जिला कांग्रेस कमेटी राजनांदगांव के प्रवक्ता रूपेश दुबे ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के तीनों कृषि कानून पर रोक लगाने का अंतरिम निर्णय का स्वागत करते हुये एवं प्रकरण के निःशुल्क पैरवी करने वरिष्ठ अधिवक्ता कांग्रेस विधि विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष विवेक के तनखा के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अलोकतांत्रिक तरीके से तीन कृषि कानून लागू किया था उसके क्रियान्वयन पर रोक लगाने के आदेश से यह साबित होता है कि भारत में कृषि व कृषकों की चिंता भले केंद्र सरकार ना करें, लेकिन न्याय व्यवस्था को उनकी चिंता अवश्य है।
महामंत्री व प्रवक्ता दुबे ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान अलोकतांत्रिक प्रक्रिया से देश के सर्वोच्च सदन संसद में बिना चर्चा कराए तीन कृषि कानून पास किये थे जिसके विरोध में देश के युवा नेतृत्व राहुल गांधी व छग में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम निरंतर आवाज उठा कर किसानों के हित के लिए संघर्षरत थे। देश के कृषक समुदाय केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिए थे उसके बाद भी पूंजीपतियों की पक्षधर भाजपा किसानों की चिंता किए बिना उनके आंदोलन को अर्बन नक्सली आंदोलन खालिस्तानीयों, विदेशी फंड से होने वाले आंदोलन की संज्ञा देकर किसान व कृषि का अपमान लगातार कर रहे है। अनवरत 48 दिन से अधिक सर्द मौसम व जान की परवाह किये बुजुर्ग, महिला, बच्चे, किसान डटे होने की दशा में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर चिंता जाहिर करते हुए केंद्र सरकार के इस कानून पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए पर जल्द निर्णय लेने का निर्देश दिया था। केंद्र सरकार अपनी हठधर्मिता व निष्कि्रयता के चलते समाधान निकालने में असफल रही। अतः माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने आगामी आदेश तक के लिए इस कानून पर रोक लगाने के निर्णय दिया जो कृषकों के सम्मान की जीत है और उनके सम्मान की रक्षा न्यायालय ने किया है कि यह भारतीय न्याय व्यवस्था की भी जीत है। इसके साथ ही माननीय उच्च न्यायालय ने तीनों कृषि कानून में किसानों के हित और अहित की समीक्षा का जो निर्देश दिया है इससे भी यह साबित होता है कि केंद्र सरकार उक्त तीनों काले कानून पारित कर देश में अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया है। साथ ही निर्णय के बाद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन का यह बयान आशान्वित हूँ की कोर्ट के निर्णय के बाद सकारात्मक समाधान होगा, इससे यह साफ हो गया कि अब तक केंद्र सरकार व भाजपा किसानों के प्रति नकारात्मक भावना रखती थी जिसके कारण डॉ. साहब आशान्वित भी नहीं थे, उसी के चलते सही बात पार्टी में रख पा रहे थे जिसकी पीड़ा भी फैसले की प्रतिक्रिया से जाहिर हुई है।

advertisement
advertisement
advertisement
advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button