नक्सलियों के शहरी नेटवर्क का भंडाफोड़, राजनांदगांव के ठेकेदार अजय जैन सहित चार गिरफ्तार, एसपी ने क्या कहा देखे वीडियों –
माओवादियों की मदद करने के मामले में कांकेर पुलिस ने राजनांदगांव की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक और उसके कर्मचारी को पूछताछ के लिए उठाया था।
राजनांदगांव के रूद्रांश कंस्ट्रक्शन कंपनी के खाते से ढाई लाख रूपए निकालकर माओवादियों को देने का मामला सामने आया था। इस मामले में कंपनी के प्रोपराइटर अजय जैन और कोमल वर्मा को गुरुवार को कांकेर पुलिस पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई थी।
माओवादियों को मदद करने और सामान पहुंचाने के मामले में कांकेर के सिकसोड़ पुलिस ने ठेकेदार तापस कुमार पालित को सामान के साथ पकड़ा था। इसके बयान के आधार पर दयाशंकर मिश्रा को भी पकड़ा गया था। इसके बाद मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया और जांच तेज की गई। इसके बाद राजनांदगांव के कंस्ट्रक्शन कंपनी का नाम सामने आया था।
कांकेर / राजनांदगांव. कांकेर पुलिस ने जिले में नक्सलियों के शहरी नेटवर्क का पर्दाफाश करने में बड़ी कामयाबी हासिल की है। कांकेर पुलिस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक विगत कुछ सालों से नक्सलियों को विभिन्न प्रकार के सामग्री और पैसा पहुंचाने वाले राजनांदगांव के ठेकेदार सहित पांच आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के पकड़े गए आरोपियों में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के लोग भी शामिल हैं। इन लोगों के पास से पुलिस ने एक डस्टर कार, एक हुंडई कार और 10 मोबाइल फोन जब्त किए हैं।
शुक्रवार की सुबह 9 बजे कांकेर पुलिस अधीक्षक एमआर आहिरे ने पुलिस अधीक्षक के सभाकक्ष में प्रेसवार्ता कर पूरे मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पिछले 2 साल से नक्सलियों को ये लोग विभिन्न सामग्री और आर्थिक मदद पहुंचा रहे थे। इन्होंने नक्सलियों को लाखों रुपए की आर्थिक सहायता पहुंचाई।
गिरफ्तार आरोपियों में राजनांदगांव के रहने वाले अजय जैन कोमल, प्रसाद वर्मा, कोयलीबेड़ा के रोहित नाग, उत्तर प्रदेश स्थित मेरठ के सुशील शर्मा और मध्य प्रदेश के बालाघाट के सुरेश शरणागत 0को गिरफ्तार किया गया है। इस कार्यवाही के बाद राजनांदगांव के ठेकेदारों के मध्य हडकंप मच गया है। पुलिस की इस कार्रवाई से माओवादी क्षेत्र में काम करने वाले अन्य ठेकेदारों में भी दहशत का माहौल बन गया है।
24 मार्च को एक ठेकेदार की गिरफ्तारी के बाद सिकसोड़ थाना पुलिस नक्सलियों के शहरी नेटवर्क का खुलासा करने में जुटी थी। आहिरे ने बताया कि लैंड मार्क इंजीनियर कंपनी बिलासपुर के निशांत जैन और लैंड मार्क रॉयल इंजीनियर कंपनी राजनांदगांव के वरुण जैन के नाम से कांकेर जिले में पीएमजीएसवाई के तहत अंतागढ़ आमाबेड़ा सिकसोड़ और कोयलीबेड़ा जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क निर्माण का काम संबंधित फर्म को विभाग द्वारा दिया गया था। इस फर्म द्वारा रुद्रांश अर्थमूवर्स के पार्टनर अजय जैन और कोमल वर्मा को अधिकार पत्र के माध्यम से काम करने के लिए दे दिया गया था। जिसके द्वारा अंदरूनी क्षेत्रों में कार्य करने के दौरान नक्सलियों से संपर्क और संबंध स्थापित कर उन्हें वर्दी, कपड़ा जूता मेनपेक सेट, नगद पैसे और अन्य सामग्री सप्लाई की जा रही थी।
आने वाले दिनों में और होगी कार्रवाई : पुलिस
नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के पर्दाफाश को कांकेर पुलिस बड़ी सफलता मान रही है। पुलिस का दावा है कि अभी भी इस मामले की जांच जारी है और आने वाले दिनों में और कार्रवाई होगी।