छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

कांग्रेसी बोले- बढ़ाया हर वर्ग का मान, भाजपाइयों ने कहा- कुछ खास नहीं

राजनांदगांव । राज्य सरकार ने सोमवार को अपने कार्यकाल का तीसरा बजट पेश किया। बजट में सरकार ने राजनांदगांव जिले के मानपुर ब्लाक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नवीन कार्यालय की स्थापना के साथ नक्सल बेल्ट में सड़क निर्माण करने की मंजूरी दी है। सिंचाई के लिए जिले के सभी ब्लाकों में नरवा के संधारण का प्रविधान किया है।

किसानों को खेतों के लिये पानी तो मिलेगा ही, जल स्रोतों को बनाए रखने में भी मदद मिल सकती है। हालांकि जिले कि हिसाब से बजट में कोई खास बड़ी बात नहीं है। कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि इसके अलावा भी कई योजनाओं का लाभ जिलेवासियों को मिलेगा। जिले के विकास के लिए सरकार ने जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रविधान बजट में रखा है।

बजट पर जिले के कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि सरकार ने बजट में हर वर्ग के मान-सम्मान का प्रविधान रखा है। कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि सरकार ने बजट में पौनी-पसारी योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में इंडस्ट्रियल पार्क का प्रविधान किया है। कौशल्या मातृत्व योजना सहित कई जनकल्याणकारी योजनाओं को बजट में सरकार ने शामिल किया है, जिसका लाभ राजनांदगांव जिले की जनता को मिलेगा। दूसरी ओर भाजपाइयों ने राज्य सरकार के बजट को निराशाजनक बताया है। भाजपा नेताओं ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए बजट में कुछ नहीं है। छत्तीसगढ़ को भूपेश सरकार गर्त की ओर ले जा रही है। केंद्र की योजनाओं को बजट में शामिल कर भूपेश सरकार प्रदेश की जनता के सामने वाहवाही व श्रेय लेने की कोशिश कर रही है।

बजट में हर वर्ग का सम्मान महापौर हेमा देशमुख ने छग सरकार के बजट को प्रदेश की जनता का सम्मान बताया है। उन्होंने कहा कि यह बेहतर वित्तीय प्रबंधन, सामाजिक संतुलन और प्रदेश के समग्र विकास के संकल्प की स्पष्ट छाप दिखाने वाला जनकल्याकारी और गढ़बो नवा छत्तीसगढ की परिकल्पना को साकार करने वाला बजट है। कौशल्या मातृत्व योजना के तहत दूसरी बच्ची होने पर पांच हजार रूपये का प्रविधान स्वागत योग्य है। स्वच्छता दीदीयों का मानदेय एक हजार रूपये बढ़ाया गया है, जहां उन्हें आर्थिक संबंल प्रदान करेगा। ऐसे ही कई सम्मान की योजनाएं सरकार ने बजट में रखी है।

बिना प्लानिंग का बजट

छत्तीसगढ़ सरकार के प्रस्तुत बजट को जिला भाजपा अध्यक्ष मधुसूदन यादव ने अर्थहीन व योजनाविहीन कहा है। मधुसूदन ने कहा कि सरकार की पौनी पसारी योजना का ग्रामीणीकरण करके इंडस्ट्रियल पार्क खोलने की योजना पूरी तहह से फ्लॉप होना है।प्राधिकरणों के इस्टैब्लिशमेंट में जितनी राशि खर्च होगी, उतना तो विभाग में बजट ही एलाट नहीं किया है। केंद्र की राशि से नरवा घुरवा का क्रियान्वयन करके झूठी वाहवाही लेना ही बजट की असफलता को दर्शाता है। भटकाव व उलझाव से भरा हुआ बजट है, जिसे कांग्रेसी भी नही समझ पा रहे है।

ये अपेक्षाएं रह गईं अधूरी

शिक्षा जगत में रिक्त पदों पर भर्ती के साथ पदोन्नाति की उम्मींदें शिक्षकों को थी।

हॉफ बिजली बिल के बाद लो-वोल्टेज और कटौती की समस्या को खत्म करने की उठी थी मांग।

नक्सल प्रभावित पहुंचविहीन गांवों तक विकास पहुंचाने के लिए सड़क निर्माण की अपेक्षा थी।

राजनांदगांव जिले में रोजगार के लिए नए उद्योग स्थापित करने की उम्मींद सरकार के बजट से थी।

स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देने के साथ अस्पतालों में रिक्त डाक्टरों व विशेषज्ञों की नियुक्ति की उम्मींद थी।

वनाधिकार की मांग कर रहे वनवासियों ने सामूहिक अधिकार व वन पट्टा देने की मांग की थी।

धर्मनगरी डोंगरगढ़ में प्रसाद योजना के बाद बाकी कामों के लिए बड़े प्रविधान की अपेक्षा की गई थी

छुईखदान में पेयजल आवर्धन योजना की बहुप्रतीक्षित मांग भी अधूरी रह गई है

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