साथियों से कहा-शेर डरते नहीं और चल पड़े थे नक्सलियों से लड़ने
राजनांदगांव । बीजापुर में नक्सली वारदात में शहीद होने वाले डोंगरगांव ब्लाक के ग्राम आलीखूंटा के सामान्य किसान परिवार के जवान जगतराम कंवर पुत्र अग्नूराम बेहद सजह और सरल स्वभाव के थे, लेकिन देशभक्ति का जज्बा ऐसा था कि उनके साथी भी उत्साहित हो जाते थे। यही कारण है कि 2013 में छत्तीसगढ़ आर्म्स फोर्स (सीएएफ) में भर्ती होने वाले जगत ने महज दो वर्ष बाद यानी 2015 में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) में जाने की ठान ली। तब फोर्स के अन्य साथियों ने उनसे कहा था कि एसटीएफ में जाना मतलब जान जोखिम में डालना है, मत जाओ। तब उन्होंने कहा था कि शेर कभी डरा नहीं करते। बाद में उन्होंने अपनी प्रेरणा से दो अन्य सिपाहियों को भी एसटीएफ में जाने के लिये तैयार कर लिया। करीब 36 वर्ष के जगत की शहादत से साथियों के अलावा पूरा गांव शोक में है।
0 छुट्टी पर करता थे किसानी फरवरी में जगतराम आखिरी बार छुट्टी में गांव आए थे। खेती-किसानी का बचा-खुचा काम निपटाकर वापस ड्यूटी पर गए थे। चूंकि वह शुरू से किसानी करते रहे इस कारण जब भी छुट्टी पर गांव आते, खेती-किसानी में जुटे रहते। इस बीच परिवार के अलावा गांव के लोगों के साथ भी समय बिताते थे। आदिवासी परिवार से होने के बाद भी वह शराबखोरी के खिलाफ थे।
0 आज पहुंचेगा शव बाकी शहीदों के साथ ही जगतराम के शव का भी पोस्टमार्टम जगदलपुर में ही कराया जाना है। उसके बाद शव को गृह ग्राम के लिए भेजा जाएगा। इसके लिए स्वजनों के साथ गांव के कुछ लोग रविवार की शाम को जगदलपुर के लिए रवाना हुए। सोमवार को शव पहले जिला मुख्यालय लाया जाएगा। पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि सभा के बाद गांव ले जाया जाएगा। वहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। नक्सल आपरेशन की कमान संभाल रहे एएसपी जेपी बढ़ई ने बताया कि शव दोपहर तक यहां पहुंच सकता है। प्रशासनिक तैयारी की जा रही है।
परिवार को छोड़ सबको पता डोंगरगांव जनपद उपाध्यक्ष रह चुके आलीखूंटा गांव के मदन साहू ने बताया कि जगत की पहचान गांव में एकदम अलग हटकर थी। पिता का काफी पहले ही देहांत हो चुका है। परिवार में वृद्ध मां के अलावा पत्नी, एक बेटा व दो बेटियां हैं। शहादत की खबर मिलते ही पूरे गांव में शोक है। गांव ने सच्चा देशभक्त बेटा खो दिया है। हालांकि शहीद की पत्नी, मां व उनकी बेटियों को इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है।