छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

कंटेनमेंट जोन को लेकर बढ़ा विवाद

खैरागढ़ । संगीत नगरी में कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। संक्रमितों की बढ़ती संख्या ने प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। इधर, नगर में कंटेनमेंट जोन के सीमा निर्धारण को लेकर व्यापारियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। उनका कहना है कि इसमें प्रशासन भेदभाव कर रहा है।

कंटेनमेंट जोन में व्यापार करने की शिकायत के बाद बुधवार को सुबह नायब तहसीलदार रश्मि दुबे, सीएमओ सीमा बक्शी सहित नपा और पुलिस टीम निरीक्षण के लिए पहुंची। इस दौरान अधिकारियों को देखकर व्यापारी भड़क गए और कहा कि कंटेनमेंट जोन निर्धारण को लेकर प्रशासन भेदभाव कर रहा है। मस्जिद चौक, पुराने बस स्टैंड राजीव चौक में भी संक्रमित मरीज मिले हैं, लेकिन प्रशासन का पूरा फोकस बक्शी मार्ग और गोलबाजार की दुकानों पर ही है। व्यापारियों को मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है। हालांकि अधिकारी अपनी बात रखने का प्रयास करते रहे, लेकिन व्यापारियों ने एक न सुनी और एक स्वर मे मांग रखी कि कंटेनमेंट जोन का निर्धारण चेहरा देखकर न किया जाए।

गौरतलब है कि व्यापार करने दुकान खुलने और बंद रखने को लेकर व्यापारी संघ एकमत नहीं हो पा रहे हैं। घर दुकान एक साथ होने के चलते उन जगहों पर ग्राहकों की आमद को लेकर सिर्फ दुकान वाले प्रशासनिक अधिकारियों को फोन घनघना रहे हैं। इसके चलते आपसी मनमुटाव की स्थिति निर्मित हो रही है। इस स्थिति से निपटने एसडीएम के निर्देश पर राजस्व और नपा अमले ने नए सिरे से गोलबाजार और बक्शी मार्ग मे एक्टिव केसों की संख्या के आधार पर सीमा निर्धारण की तैयारी शुरू कर दी है।

टोटल लाकडाउन हो सकता है विकल्प शहर सहित पूरे इलाके मे तेजी से बढ़ते संक्रमितों की संख्या के चलते आंशिक लाकडाउन और नाइट कर्फ्यू जैसे उपायों का असर नजर नही आ रहा है। बीते दो दिनों से शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक प्रशासन ने लाकडाउन घोषित किया है। लेकिन पूरे दिन सरकारी आफिसों, बैंकों और चौक-चौराहों सहित छोटे-बडे बड़े दुकानों मे उमड़ रही भीड़ के चलते ऐसा महसूस नहीं होता कि शाम से सुबह तक 12 घंटे का आंशिक लाकडाउन कोरोना से जंग जीतने सही विकल्प हो सकता है। बीते छह दिनो मे संक्रमितों की संख्या 500 पार कर गई है। वहीं मौतें भी 17 हो चुकी हैं। कंटेनमेंट जोन मे व्यापार को लेकर शिकवा शिकायतों के बीच रोज विवाद हो रहा है। इसके कारण आंशिक लाकडाउन को टोटल लाकडाउन मे तब्दील करने का मांग तेज हो रही है। पता चला है कि इस संबंध मे प्रशासनिक अधिकारियों ने उच्च स्तर पर चर्चा प्रारंभ कर दी है और संभावना है कि आने वाले एक दो दिनो में संक्रमितों की संख्या मे ऐसे ही बढ़ोतरी होती रही तो यहां भी रायपुर की तरह कड़ा लाकडाउन लग सकता है।

लोगों की लापरवाही जारी शासन-प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी इलाके में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। रोज नए-नए मरीज सामने निकलकर आ रहे हैं। वहीं मरने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। मंगलवार को दो बुजुर्ग महिलाओं की मौत के साथ कोरोना संक्रमण से मरने वालो की संख्या सालभर मे 37 हो गई है। इनमें 17 की मौत मार्च के अंतिम पखवाड़े से अप्रैल माह के शुरुआती छह दिनो के है। बीते 20 मार्च को पांडादाह सीएचसी मे एंटीजन टेस्ट मे पाजीटिव निकली टेमरी की 75 साल की बुजुर्ग महिला की मेडिकल कालेज पेंड्री मे इलाज के दौरान मौत हो गई। देर शाम कोरोना प्रोटोकाल के तहत उसका टेमरी में हुआ। लगभग नौ दिनो तक होम आइसोलेशन मे रहने के बाद 29 मार्च को तबीयत खराब होने पर उसे मेडिकल कालेज ले जाया गया था, जहां दम तोड़ दिया। दूसरी मौत शहर के वार्ड 10 लालपुर मोंगरा में 55 साल की बुजुर्ग महिला बिशन यादव की हो गई। एक सप्ताह पहले सांस लेने मे दिक्कत के चलते परिजन उसे जिला चिकित्सालय ले गए थे, जहां कोरोना पाजिटिव निकलने पर उसका इलाज मेडिकल कालेज पेंड्री मे चल रहा था। दोपहर दो बजे के आसपास कोरोना प्रोटोकाल के तहत कृषि उपज मंडी परिसर मुक्तिधाम मे अंतिम संस्कार किया गया। बीते 21 दिनों में इलाके में कोरोना से 17 लोगों की मौत हो चुक है। इसके बावजूद भी संक्रमण से बचाव को लेकर लोगों में लापरवाही देखी जा रही है।

advertisement
advertisement
advertisement
advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button