हिन्दू युवा मँच ने छेड़ी वृक्ष बचाओं, जीवन बचाओं की मुहिम.
*O आदिशक्ति हिन्दू युवा मँच के तत्वावधान में भीषण गर्मी में मुरझाए पौधों को पानी देकर किया जा रहा पुनर्जीवित.*
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और मरीजों में ऑक्सीजन के बढ़ते महत्व को देखते हुए हिन्दू युवा मँच की महिला विंग आदिशक्ति ने पर्यावरण जागरूकता संबंधी एक सकारात्मक मुहिम छेड़ी है। इस मुहिम के माध्यम से प्रतिदिन पौधों में बाल्टी और मग्गे से पानी डालकर उन्हें जीवित और पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जाता हैं। उनका यह प्रयास सतत जारी है।
उक्ताशय की जानकारी देते हुए हिन्दू युवा मँच जिला के जिलाध्यक्ष किशोर माहेश्वरी, आदिशक्ति की महिला नेतृत्वकर्ता शाम्भवी आईच और जिला संयोजिका शैलजा शर्मा ने बताया कि, उक्त मुहिम तत्वावधान हिन्दू युवा मँच के तत्वावधान में और मँच की महिला विंग आदिशक्ति के कुशल नेतृत्व में तत्वावधान में वृक्ष बचाओं, जीवन बचाओं के तहत चलाई जा रही है। इस अभियान के तहत हमारा कारवाँ इस भीषण गर्मी पौधों में सुख रहे पौधों की सुध लेते हुए उन्हें बचाने निकला है। आज इस अभियान के तहत रामकृष्ण नगर के डिवाइडर में लगाये गए पौधों को पानी देने का कार्य किया गया। इसके साथ ही प्रतिदिन हमारा वृक्ष बचाव दल अलग-अलग क्षेत्रों में पौधों और वृक्षों को बचाने निकलेगा। कोरोना काल मे जब आज हर किसी ने खुद को अपने घरों के अँदर कैद कर लिया है। ऐसी विकट स्थिति और भीषण गर्मी में भी हमारा प्रतिनिधि मंडल पौधों की रक्षा के लिए संकल्पित और प्रयासरत है। धरती को भी तपा देने वाली, जीवित पौधों को भी सूखा देने वाली इस भीषण गर्मी में भी हम युवाओं का उत्साह कम नही हुआ है। तपती धूप में भी ये पौधों और वृक्षों को बचाने और पर्यावरण के संरक्षण का संदेश देने हम निकले हैं। नलकूपों से पानी भरकर बाल्टी और मग्गों की सहायता से हमारा वृक्ष बचाव दल ने प्रत्येक पौधे में जीवन की संभावनाएं ढूँढ कर उन्हें जीवित करने पूरा जोर लगा दिया है। इनका कहना है जब ये पौधे कल विशालकाय वृक्ष बनेंगे तब सैकड़ों और हजारों लोगों को ऑक्सीजन के माध्यम से जीवनदान देंगे। पौधों की तुलना में वृक्ष ज्यादा ऑक्सीजन देते हैं। इनके महत्व को समझते हुए हमें पौधों को बचने के साथ-साथ वृक्षों को भी कटने से बचना चाहिए। हमारी यह मुहिम आगे भी जारी रहेगी। हम चाहते है कि, इस मुहिम ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ें ताकि हम अधिक से अधिक पौधों और वृक्षों को बचा सकें और शहर के ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ा कर एक स्वस्थ वातावरण निर्मित कर सकें।