सुंदरा मल्टी हास्पीटल मे मिली बडी खामिया आज हो सकती है कार्यवाही ? जप्त किए दस्तावेज मान्यता को लेकर भी चल रही जांच
राजनांदगांव.सुंदरा हास्पिटल में कलेक्टर टीके वर्मा द्वारा गठित की गई जांच टीम ने छापामार कार्यवाही करते हुए जो भी दस्तावेज मिले है.जप्त किए गए है. हास्पिटल प्रबंधन ने दस्तावेज उपलब्ध कराने में भी आनाकानी की है. तीन घंटें तक चली कार्यवाही में प्रारंभिक रूप से रेमडीसीविर इंजेक्शन सहित मरीजों के उपचार में अनियमितता सामने आई है.
मिली जानकारी के अनुसार एसडीएम राजनांदगांव मुकेश रावटे की अध्यक्षता में गठित किए गए जांच दल ने तकरीबन चार बजे सुंदरा हास्पिटल में दबिश दी. जांच दल में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एमके भुआर्य, नगर पुलिस अधीक्षक लोकेश देवांगन, औषधि निरीक्षक संजय झाड़ेकर, जिला परियोजना समन्वयक आयुष्मान भारत ऐश्वर्य साय ने जांच शुरू की. अस्पताल प्रबंधन ने शुरू से ही दस्तावेज देने में आनाकानी की. जांच अधिकारियों द्वारा बार- बार दस्तावेज मांगे जाते रहे. लेकिन दस्तावेज नहीं है, कहकर अस्पताल प्रबंधन लेट लतीफी करता रहा. जिसके बाद जो भी दस्तावेज जांच दल को हाथ लगे है. सभी की जप्ती बनाई गई. जांच दल के सूत्र बता रहे है कि प्रारंभिक रूप से रेमडीसीविर इंजेक्शन के उपयोग में गड़बड़ी नजर आ रही है. रेमडीसीविर इंजेक्शन का रेट भी निर्धारित दर से कही अधिक वसूला गया है. इसके अलावा किस- किस मरीज को रेमडीसीविर इंजेक्शन की आवश्यकता थी और किन्हें लगाया गया है उससे जुड़े दस्तावेज भी नहीं दिए गए है. अस्पताल प्रबंधन का रिकार्ड कहीं से पूर्ण नहीं था. तीन घंटे की जांच उपरांत जो भी दस्तावेज मिले, जप्त किए गए है.
दस्तावेज उपलब्ध कराने दी गई एक दिन की मोहलत
जांच दल ने जो भी दस्तावेज नहीं मिले है. उसके लिए अस्पताल प्रबंधन को एक दिन की मोहलत उपलब्ध कराई है. समय रहते दस्तावेज नहीं देने पर आधे अधूरे दस्तावेज के आधार पर ही कार्यवाही की जाएगी.
डोंगरगांव के विधायक दलेश्वर साहू ने कलेक्टर को सुंदरा हास्पिटल के खिलाफ रेमडीसीविर इंजेक्शन की कालाबाजारी किए जाने की शिकायत की थी. इसके बाद से कलेक्टर ने एक जांच कमेटी बनाई और इस कमेटी ने आज छापामार कार्यवाही की है.
जल्द सौपेंगे रिपोर्ट- रावटे
एसडीएम मुकेश रावटे ने बताया कि जप्त किए गए दस्तावोज में प्रारंभिक रूप से गड़बड़ी मिली है. जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर सौंपी जाएगी.
मान्यता को लेकर भी सवाल
पूर्व में इस अस्पताल की मान्यता को लेकर भी स्थानीय स्तर पर और राज्य शासन को शिकायत की गई थी। इसके बाद भी इसे कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बना दिया गया। इस बिंदु पर भी जांच होने पर कई बड़े खुलासे होंगे।