मनाही के बाद भी खुल रहीं प्रतिबंधित दुकानें
राजनांदगांव। जिले में कंटेनमेंट जोन लागू है। प्रशासन ने हाल ही में फोटो कापी दुकान, बुक डिपो और कंप्यूटर के आनलाइन सेंटरों को खोलने की छूट दी है, लेकिन इन दुकानों की आड़ में व्यापारी मोबाइल शाप, जूता-चप्पल की दुकान, कपड़ा और गुटखा-पाऊच की दुकानें खुल रही है।
जबकि इन दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं है। इसके बाद भी व्यापारी चोरी-छिपे आधा शटर खोलकर दुकान चला रहे हैं। शहर में ऐसे ही लापरवाही करने वाले व्यापारियों पर कार्रवाई के लिए नगर निगम प्रशासन ने टीम बनाई है। शुक्रवार को निगम की टीम ने शहर के मानव मंदिर चौक स्थित शिवम इलेक्ट्रानिक्स मोबाइल शॉप में दबिश देकर संचालक से अर्थदंड वसूल किया।
दुकान संचालक से अर्थदंड के रूप में तीन हजार रुपये वसूला गया। गंभीर बात यह है कि वर्तमान में कोरोना का संक्रमण ग्रामीण क्षेत्रों में कहर बरपा रहा है और गांवों में ही व्यापारी ज्यादा मनमानी कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में किराना की दुकानें खुल रही है। सब्जी का बाजार लग रहा है। यही नहीं कई प्रतिबंधित दुकानें भी खोली जा रही है, जिससे ग्रामीण इलाकों में संक्रमण बढ़ने का खतरा और बढ़ गया है।
नगर निगम की टीम शहर में लगातार कार्रवाई कर रही है। इसके बाद भी व्यापारियों की लापरवाही कम नहीं हुई है। शहरी क्षेत्र में कोरोना का संक्रमण डाउन हो गया है। पिछले चार दिनों से नए संक्रमितों की संख्या 50 का आंकड़ा भी पार नहीं कर रही है।
शायद यही कारण है कि शहर के व्यापारी अब कोरोना के कहर को भूलकर लापरवाही बरतने लगे हैं। निगम आयुक्त डा. आशुतोष चतुर्वेदी ने कहा कि व्यापारियों को लगातार समझाइश दे रहे हैं। इसके बाद भी मनमानी करने वालों से अर्थदंड वसूल किया जा रहा है।
प्रतिबंध के बाद भी व्यापारी आधा शटर या फिर भीतर से दुकानों का संचालन कर रहे हैं। शहर में ऐसी दर्जनों दुकानें हैं। यही हाल गांवों का भी है। अंतर बस इतना है कि गांवों में किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने के कारण व्यापारी बेखौफ होकर दुकानें खोल रहे हैं।
शहर से लगे ग्राम सोमनी में ही फैंसी जनरल स्टोर्स, जूता चप्पल और कपड़े की दुकान खुल रही है। इस तरह की मनमानी कर व्यापारी खुद कोरोना के संक्रमण को दावत दे रहे हैं। कई किराना व्यापारी भी होम डिलीवरी के बजाय दुकान खोल रहे हैं। इसके चलते लोगों की भीड़ भी बढ़ रही है। वनांचल के गांवों में भी व्यापारियों को कोरोना का डर नहीं है।