खुले आसमान तले 22 हजार क्विंटल धान
अंबागढ़ चौकी । बारिश सर पर है अगले सप्ताह मानसून दस्तक देने वाली है और सोसायटियों में धान अभी भी खुले में रखा हुआ है। 31 मई तक हर हाल में प्रशासन ने धान का उठाव करने का निर्देश दिया था लेकिन धान का उठाव नहीं होने से सोसायटियों की मुश्किले बढ़ गई है। प्री मानसून के चलते धान खरीदी केंद्रों में खुले में रखा धान बीते मई माह में चार से पांच बार भीग चुका है। खुले आसमान के नीचे धान लंबे समय से पड़ा हुआ है। यदि सोसायटियों से जल्द से जल्द धान का उठाव नहीं हुआ तो सोसायटी को लाखों की क्षति का सामना करना पड़ सकता है।
विकासखंड में इस वर्ष कुल आठ सोसायटी चौकी, आतरगांव, छछानपाहारी , कौडीकसा, ढाढुटोला, आमाटोला, चिल्हाटी, विचारपुर के माध्यम से धान खरीदा गया है। जानकारी के अनुसार इस साल ब्लाक की आठ सोसायटियों में 13727 कृषकों से पांच लाख 20 हजार 742 क्विंटल धान समर्थन मूल्य में खरीदा गया है। ब्लाक में ढाढुटोला सोसायटी को छोड दे तो अन्य सात सोसायटियों में खुले में धान खरीदी की गई है। हालांकि इन सोसायटियों में धान की सुरक्षा व बारिश से धान को बचाने के लिए केप कवर की व्यवस्था है। लेकिन सोसायटियां बारिश से धान को सुरक्षित रख पाने में असफल साबित हुई है। धान का उठाव नहीं होने से सोसायटियों की मुश्किले बढ़ी हुई है। मई महीन बीतने के बाद भी धान का उठाव सोसायटियों से हुआ नहीं है। अभी भी ब्लाक की सभी सोसायटियो में धान खुले में पडा हुआ है।
विखं की आठ सोसायटियों में कुल एक लाख 22 हजार 586 क्विंटल धान का उठाव शेष है। सबसे अधिक कौडीकसा सोसायटी में 27 हजार 107 क्विंटल धान पड़ा हुआ है। छछानपाहरी सोसायटी में मात्र 2856 क्विंटल, आतरगांव में 13 हजार 598, ढाढुटोला में 12 हजार 295, आमाटोला में 16 हजार 369 क्विंटल, चिल्हाटी में 15 हजार 732 क्विंटल व विचारपुर में 14 हजार 373 क्विंटल धान का उठाव होना शेष है।
सोसायटियों से धान के उठाव के लिए मई महीने के दूसरे सप्ताह में टीओ कटा हुआ है। इसके बाद भी ट्रांसपोर्टर धान का परिवहन नही कर रहे हैं। इससे सोसायटियों की मुश्किलें बढ़ी हुई है। जिला प्रशासन की ओर से 31 मई तक सोसायटियो से धान का पूरी तरह उठाव हर हाल में किए जाने का निर्देश था। लेकिन उठाव नहीं हो रहा है। टीओ कटने के बाद ब्लाक मुख्यालय अंबागढ चौकी की सोसायटी से पिछले 20 दिनो में मात्र सात ट्रिप धान का ही परिवहन हुआ है। यदि ऐसी ही गति रही तो इस महीने में भी धान का उठाव नहीं हो सकता है।