छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

बेसहारा बच्चों की देखरेख में कमी पाने पर होगी कड़ी कार्रवाई

राजनांदगांव । कोरोना काल में मृत अभिभावकों के बेसहारा हुए बच्चों की देखभाल के लिए प्रशासन ने योजना तैयार कर ली है। ऐसे बच्चों का चिह्नांकन शुरू कर दिया गया है। कोविड-19 संक्रमण से प्रभावित 24 बच्चों को अभी देखरेख में रखा गया है। शिक्षा विभाग द्वारा 87 बच्चों की सूची बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करेगा। कलेक्टर ने ऐसे बच्चों की देखरेख सहानुभूतिपूर्वक करने कहा है। उन्होंने अफसरों से दो टूक कहा है कि निरीक्षण के दौरान उनकी देखरेख में कमी पाई जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा की अध्यक्षता में कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला बाल संरक्षण समिति, जिला स्तरीय मॉनिटरिंग समिति व टॉस्क फोर्स की बैठक आयोजित हुई। उन्होंने कहा कि बेसहारा बच्चों को बाल गृह में रखा गया है। इन्हें स्नेह एवं सुविधाओं की आवश्यकता है। मानवीय दृष्टिकोण से सहानुभूतिपूर्वक इनकी देखरेख एवं ध्यान रखने की जरूरत है। वहां काम करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को संवेदनशीलता के साथ कार्य करने के लिए कहा। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती रेणु प्रकाश को बाल गृह में निरीक्षण करते रहने के निर्देश दिए।

छात्रवृत्ति व निश्शुल्क शिक्षा की सहायता कलेक्टर ने महतारी दुलार योजना की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण की इस विभीषिका से कई परिवार प्रभावित हुए हैं और कुछ परिवारों में बच्चों ने अपने अभिभावकों को खो दिया है। ऐसी कठिन परिस्थिति में उनके पालन-पोषण के लिए शासन द्वारा महतारी दुलार योजना के तहत छात्रवृत्ति एवं निश्शुल्क शिक्षा की सहायता दी जाएगी। उन्होंने कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास से कहा कि कोविड-19 से प्रभावित ऐसे बच्चों का चिह्नांकन करें तथा शिक्षा विभाग से समन्वय करते हुए इन बच्चों की मदद के लिए कार्य करें। कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास ने बताया कि कलेक्टर ने बाल विवाह, बाल तस्करी एवं भिक्षावृत्ति के संबंध में जानकारी ली।

बैठक में कलेक्टर ने नशा मुक्ति के लिए अभियान चलाने कहा। उन्होंने कहा कि म का भी आयोजन करें। नशा मुक्ति तथा बाल तस्करी को रोकने के लिए संयुक्त कार्य योजना बनाएं। सीमावर्ती थानों में बाल तस्करी को रोकने के लिए पुलिस सजग रहे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रज्ञा मेश्राम ने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा नशा मुक्ति के लिए विशेष कार्य किए जाएंगे। कलेक्टर ने बैठक में उपस्थित सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी को अच्छा कार्य करने के लिए कहा।

इस वर्ष 23 बाल विवाह रोके गए जिला बाल संरक्षण अधिकारी चंद्रकिशोर लाडे ने एकीकृत बाल संरक्षण योजना अंतर्गत किए जा रहे कार्यों के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 से मई 2021 तक 23 बाल विवाह रोके गए हैं। उन्होंने किशोर न्याय बोर्ड एवं बाल कल्याण समिति के आदेशानुसार तैयार सामाजिक अन्वेषण रिपोर्ट की जानकारी दी। उन्होंने दत्तक ग्रहण, जिले में बाल देखरेख संस्थाओं में रह रहे बालकों को दी गई सेवाएं, उनकी सुरक्षा व्यवस्था, बाल संप्रेक्षण गृह में भवन निर्माण के लिए रिक्त भूमि की उपलब्धता के संबंध में जानकारी दी। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी, महिला एवं बाल विकास अधिकारी राजकुमार जामुलकर एवं समस्त सीडीपीओ, बाल संरक्षण तथा बाल गृह के कर्मचारी उपस्थित थे।

advertisement
advertisement
advertisement
advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button