छत्तीसगढ़मुंगेली जिला

मुंगेली : मुंगेली जिले से रोजी-रोटी के लिए अन्य राज्य जाने वाले 7196 श्रमिको के बैंक खाते में अब तक 10 लाख 85 हजार से अधिक की राशि जमा

नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के वैश्विक संक्रमण से  निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा संपूर्ण देश में 03 मई तक की लाॅकडाउन की घोषणा की है। मुंगेली जिले से अन्य राज्यों में रोजी-रोटी कमाने जाने वाले श्रमिकों एवं मजदूरों के लाॅकडाउन के दौरान फसे होने पर उन्हे राहत देने हेतु जिला प्रशासन द्वारा विशेष कार्ययोजना बनाकर जिला स्तर पर माॅनिटरिंग सेल का गठन कर जिला स्तरीय  कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गई है। जिला स्तरीय  कन्ट्रोल रूम के दूरभाष क्रमांक नम्बर 07755-274274 है। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के निर्देश पर स्थापित कंट्रोल रूम में दिन रात अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। ड्यूटीरत् जिला स्तरीय अधिकारियों के मोबाईल नंबरों पर मुंगेली जिले से उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आन्ध्रप्रदेश, दिल्ली, मध्यप्रदेश, झारखण्ड, बिहार, राजस्थान, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, केरल एवं गुजरात राज्य में फसे अनेक  मजदूरों द्वारा नियमित रूप से  सहायता राशि  की मांग की जा रही है। जिला श्रम पदाधिकारी मुंगेली द्वारा मजदूरों से प्राप्त विवरण का परीक्षण कर उन राज्यों के अधिकारियों से राहत सामग्री दिलाने की व्यवस्था की जा रही है। संबंधित प्रदेशों से किसी कारणवंश जिले के मजदूरों को तत्काल सहायता नही मिलने पर ड्यूटीरत् अधिकारी-कर्मचारी द्वारा उनके व्हाट्सप पर ग्रुप फोटो, मजदूरों के नाम, पता एवं बैंक एकाउंट का विवरण प्राप्त किया जा रहा है। तत्पश्चात् जिला प्रशासन मुंगेली द्वारा मजदूरों के उनके खाते में राशन, दवाईयों और रोजमर्रा की जरूरतों के सामान खरीदने हेतु आॅनलाईन राशि का अंतरण किया जा रहा है। इसी क्रम में डेडिकेटेड हेल्फ लाईन योेजना के तहत उत्तरप्रदेश के लखनऊ मे फसे श्री अजय साहू , महाराष्ट्र के नागपुर मे फसे श्री दुर्गा प्रसाद, उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद  मे फसे श्री कमलेश साहू, तेलंगाना के सिकंदराबाद मे फसे श्री दादू पात्रे, महाराष्ट्र के पुणे मे फसे लक्ष्मीनारायण महिलांग जैसे सात हजार 196 मजदूरों के बैंक खाते में अब तक दस लाख 85 हजार चार सौ रूपये की राहत राशि का जमा किये गये है। कंट्रोल रूम मे तैनात अधिकारी-कर्मचारी मजदूरों के खातों में राशि अंतरण तक ही सीमित नही है बल्कि उन मजदूरों से प्रतिदिन आत्मीय बात-चीत कर उनके सुख-दुख के साथ-साथ उनके भोजन, राशन, दवाई आदि की उपलब्धता  के संबंध मे जानकारी भी प्राप्त कर रहे है और उन्हे लाॅकडाउन तक जहां है वही धैर्य के साथ रहने की समझाईश भी दी जा रही है। 

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