देश इस समय कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। इसी बीच तीसरी लहर की आशंकाओं ने विशेषज्ञों और आम जनता के साथ लगभग हर वर्ग को चिंता में डाल दिया है। एम्स दिल्ली के निदेशक ने शनिवार को कहा की तीसरी लहर का आना तय है और यह अगले छह से आठ सप्ताह में आ सकती है। वहीं, एक कुछ दिन पहले महाराष्ट्र की कोविड टास्क फोर्स ने कहा था कि राज्य में कोरोना की तीसरी लहर अगले दो से चार सप्ताह में आ सकती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय: अक्तूबर तक आने की आशंका
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीते बुधवार को अगले तीन-चार महीने में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई थी। मंत्रालय ने कहा था कि वयस्क रोगियों के इलाज में काम आने वाली आइवरमेक्टिन, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और फैविपिराविर जैसी दवाएं बच्चों के उपचार के लिए अनुशंसित नहीं हैं, क्योंकि बच्चों पर इन दवाओं का परीक्षण नहीं हुआ। इसका मतलब यह है कि अगर तीसरी लहर आती है और बच्चे उसकी चपेट से संक्रमित होते हैं तो उपयोगी दवाएं भी नहीं हैं।
एम्स निदेशक: 6-8 सप्ताह में आएगी तीसरी लहर
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर का आना तय है और यह अगले छह से आठ सप्ताह में आ सकती है। बता दें कि कई सप्ताह के लॉकडाउन के बाद इस समय देश के कई राज्यों में अनलॉक की प्रक्रिया चल रही है और प्रतिबंधों में ढील दी जा रही है। उन्होंने कहा कि देश के आगे प्रमुख चुनौती इतनी बड़ी आबादी का टीकाकरण करना है। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि कोविशील्ड की खुराकों में अंतर बढ़ाना एक अच्छा कदम साबित हो सकता है।
महाराष्ट्र टास्क फोर्स: दो से चार सप्ताह में आएगी
उधर, कोरोना को लेकर बनाई गई महाराष्ट्र की टास्क फोर्स ने बीते दिनों मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ एक बैठक में कहा था कि अगले दो से चार सप्ताह के अंदर राज्य में तीसरी लहर का असर शुरू हो सकता है। ऐसे में बड़ा सवाल महाराष्ट्र की जनता के लिए खड़ा हो गया है कि वह किसकी बात माने। वहीं, कोरोना की दो लहरों के बीच देश में जैसी स्थिति हुई उसके बाद भी तीसरी लहर जैसे गंभीर संकट को लेकर ऐसे मतभेद बेहतर स्थिति की ओर इशारा नहीं करते हैं।