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चीन की चालाकी पर ड्रोन से नजर रख रहा भारत, नेवी के वाइस एडमिरल बोले- लगातार बढ़ा रहे समुद्री सीमाओं की सुरक्षा

भारत चीन पर रणनीतिक दबाव बढ़ाने के लिए समुद्री सीमाओं को मजबूत करने का प्लान कर रहा है। भारतीय नौसेना अपने बेडे में 6 नए सबमरीन को शामिल करने की तैयारी कर रही है। नौसेना में नई सबमरीन के शामिल होने के बाद भारत की ताकत समुद्र में कई गुना बढ़ जाएगी। नौसेना के वाइस एडमिरल जी अशोक ने कहा कि सबमरीन किसी भी नौसेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है।  ऐसे में एक साथ सबमरीन शामिल होना एक अहम फैसला है।

दरअसल, हिंद महासागर क्षेत्र के उत्तरी सीमाओं पर चीन के साथ चल रहे तनाव पर भारतीय नौंसेना चौंकना है। वाइस एडमिरल जी अशोक कुमार ने कहा कि प्रीडेटर ड्रोन से  समुद्री सीमा पर बहुत दूर तक नजर रखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि बंगाल की खाड़ी से लेकर पूरी समुद्री सीमाओं पर प्रीडटर ड्रोन से नजर रखी जा रही है। यह चीन, जापान, श्रीलंका हर देश के जहाजों पर नजर रखने में सक्षम है।  अब कोई हमें समुद्री सरहद पर नहीं चौंका सकता। भारतीय नौसेना ने कहा कि दो प्रीडेटर (एमक्यू-9 सी गार्डियन) ड्रोन पूरे हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री बल की निगरानी बढ़ाने में मदद कर रही है ।

ड्रोन के जरिए समुद्र में रखी जा रही निगरानी
गौरतलब है कि पिछले साल लद्दाख की गालवान घाटी में भारत-चीन के बीच बढ़े तनाव को देखते हुए भारतीय नौसेना ने अमेरिका से दो ड्रोन लिया था।  समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में नौसेना के वाइस चीफ एडमिरल जी अशोक कुमार ने कहा कि एमक्यू -9 सी गार्डियन ड्रोन की लंबी रेंज होने से समुद्र के बड़े क्षेत्र पर नजर रखने में मदद मिलती है।

श्रीलंका बंदरगाह पर चीन के कब्जे से भारत सतर्क
श्रीलंका में नई बंदरगाह परियोजनाओं में चीनी नौसेना की मौजदगी पर जब नौसेना के अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि  श्रीलंका में चीन के नए बंदरगाह पर कब्जा भारत के लिए खतरा पैदा कर सकता है। हालांकि नौसेना के वाइस चीफ एडमिरल जी अशोक कुमार ने कहा कि भारतीय नौसेना समुद्री सीमाओं को सुरक्षित करने में पूरी तरह से सक्षम है। भारत को कोई धोखा नहीं दे सकता। भारतीय नौसेना के जवान चीनी की चालाकी पर बारीक से नजर बनाए रहते हैं। चीन बार-बार समुद्र में अपना कब्जा जमाने की कोशिश करता रहता, लेकिन इसकी यह साजिश कामयाब नहीं हो पाती है।

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