उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा शूटिंग रेंज को शूटर दादी के नाम से मशहूर चंद्रो तोमर के नाम पर रखने का बड़ा एलान किया है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने निर्देश दे दिए हैं और जल्द ही यह काम पूरा कर लिया जाएगा।
चंद्रो तोमर का इसी साल 30 अप्रैल को कोविड से निधन हो गया था। वह बेहद मजबूत इरादों वाली थीं और इसी वजह से उन्होंने बड़ी उम्र में शूटिंग जैसे खेल में अपना नाम बनाया। शूटर दादी चंद्रो तोमर के मजबूत जज्बे का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह अंतिम सांस तक भी लोगों की मदद करती रहीं। अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से कोरोना पॉजिटिव व अन्य मरीजों की मदद में जुटी रहीं। इस दौरान कई मरीजों को मदद भी मिली तो मरीजों ने दादी का आभार भी जताया।
जीते थे 50 से अधिक पद
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति बटोरने और राष्ट्रीय स्तर पर 50 से अधिक पदक जीतकर कामयाबी हासिल करने वाली जौहड़ी गांव निवासी अंतरराष्ट्रीय वृद्धा शूटर दादी चंद्रो तोमर भले ही किसी प्रतियोगिता में न हारी हों, कोरोना ने उन्हें हरा दिया। अंतिम सांस तक दादी कोरोना से जंग लड़ती रहीं और ऐसी हालत में भी अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से कोरोना पॉजिटिव व अन्य मरीजों की मदद करती रहीं।
दादी के ट्विटर अकाउंट पर जो भी मरीज अपने समस्या रखता, दादी उस समस्या को अन्य लोगों को शेयर कर उनकी मदद करती रहीं। पौत्री के पति सुमित राठी ने बताया कि अस्पताल में भर्ती होने के बाद भी दादी अपने ट्विटर अकाउंट पर सक्रिय रहीं। इस दौरान जो भी मरीज बेड या ऑक्सीजन की कमी की समस्या दादी के एकाउंट पर डालता, दादी जरूरतमंदों की परेशानी अन्य लोगों को शेयर कराती थीं।
इस दौरान राजस्थान के अरविंद ने दादी के ट्विटर अकाउंट पर कोरोना की जांच न होने की दिक्कत रखी, जिसके बाद दादी ने उनकी समस्या अन्य लोगों को शेयर की तो दादी द्वारा शेयर किए गए ट्वीट पर कई अन्य लोगों ने अरविंद को सुझाव भी दिए। यह तो मात्र एक उदाहरण है, ऐसे बहुत से मरीज है, जिनकी मदद दादी अंतिम सांस चलने तक करती रहीं।