एम्स रायपुर में ‘ब्लैक फंगस’ के साथ ‘माइकोटिक एन्योरिज्म’ का सफल ऑपरेशन
रायपुर स्थित एम्स के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि चिकित्सकों ने कोविड-19 और ‘म्यूकरमाइकोसिस’ के साथ होने वाली दुर्लभ बीमारी ‘माइकोटिक एन्योरिज्म’ का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया। उन्होंने बताया कि मरीज को टीबी भी थी और उसका गुर्दा प्रतिरोपण भी हुआ था।
बिलासपुर निवासी 46 वर्षीय रोगी को लगभग दो माह पहले कोविड-19 रोग हुआ था। अधिकारियों ने कहा कि लगभग 13 दिन बाद इस रोगी को छुट्टी दे दी गई और अब वह सामान्य जीवन व्यतीत कर रहा है। चिकित्सकों के मुताबिक, यह दुर्लभतम ऑपरेशन है और चिकित्सा जगत के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
अधिकारियों ने कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने रोगी की जांच की जिसमें वह कोविड के बाद कुछ लोगों में होने वाली गंभीर बीमारी ‘पल्मोनरी म्यूकरमाइकोसिस’ के साथ ‘माइकोटिक एन्योरिज्म’ से भी पीड़ित मिला। चिकित्सक सजल डे, नरेंद्र कुमार बोधे और विनय राठौर की टीम ने तुरंत ऑपरेशन की सलाह दी।
इसके बाद दो जून को शल्य चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. क्लेइन डेंटिस और डॉ. नितिन कश्यप की टीम ने रोगी के फेफड़े की सर्जरी की। ऑपरेशन के बाद उसे विशेषज्ञों की निगरानी में रखा गया और फिर 15 जून को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। एम्स में अभी तक ‘म्यूकरमाइकोसिस’ के सौ से अधिक ऑपरेशन हो चुके हैं।
वहीं, एम्स रायपुर के निदेशक डॉक्टर नितिन एम नागरकर ने इस ऑपरेशन को चिकित्सकों की बड़ी उपलब्धि बताया और कहा कि इस चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूर्ण कर डॉक्टरों ने उल्लेखनीय कार्य किया है। नागरकर ने कहा कि इस तरह की सर्जरी दुनिया की दुर्लभतम सर्जरी में से एक मानी जाती है।
उल्लेखनीय है कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के साथ पिछले दिनों ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस), व्हाइट फंगस और येलो फंगस के मामले भी सामने आए हैं। विशेषज्ञ इन तीनों को काफी संक्रामक और गंभीर मानते हैं। वहीं, ब्लैक फंगस को कई राज्यों ने महामारी तक घोषित कर दिया है।