कचांदुर में 35 बेड का PICU तैयार, कलेक्टर ने कहा- बच्चों के लिए स्टडी लिटरेचर जल्द बनाया जाए
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर तैयारियां तेज कर दी है। यह लहर बच्चों के लिए संवेदनशील बताई जा रही है। इससे निपटने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है।
कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बच्चों (1 माह से 18 साल) को बचाने के लिए कचांदुर में 35 बेड का पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (PICU) तैयार हो गया है। यहां हाई फ्रिक्वेंसी नेजल कैनुला (HFNC), कांटीनिवस पॉजिटिव एयर-वे प्रेशर (CPAP), वैंटिलेटर, इंफ्युजन पंप, फोटोथैरपी, वार्मर लगाई गई हैं। बच्चों के लिए 65 ऑक्सीजन बेड लगाए गए है। ब्लॉक मुख्यालय पर भी बच्चों के लिए 20-20 बेड का हॉस्पिटल तैयार कराया जा रहा है।
नवजात बच्चों को सरकारी अस्पताल में रखने की तैयारी
कोरोना की तीसरी लहर के दौरान एक माह से कम उम्र के इंफेक्टेड बच्चों को जिला अस्पताल में रखने की तैयारी है। इसके लिए यहां की नई बिल्डिंग में पुराना स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU) को शिफ्ट कर दिया गया है। पहले यहां 18 बेड की सुविधा थी,जो अब 25 बेड की सुविधा हो गई है।
CMHO डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि यहां 400 बेड का ऑक्सीजन सिलिंडर युक्त सेट अप है। यदि बच्चे भी गंभीर रूप से संक्रमण का शिकार होते हैं तो इसके लिए भी कचांदुर में 100 बेड की व्यवस्था की गई है। इसमें 25 बेड ICU के, 25 बेड हाई डिसपेंसिंग यूनिट(HDU) के और 50 बेड सामान्य ऑक्सीजन युक्त है।
दुर्ग कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कालेज (CCMC) में बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है ताकि एक ही जगह प्रभावी रूप से अधिकांश मरीज के इलाज की उचित व्यवस्था और मॉनिटरिंग हो सकें।
तीन पेज का बनेगा स्टडी लिटरेचर
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने शिशु रोग विशेषज्ञ को बच्चों की ऑनलाइन क्लास में कोविड केयर के बारे में जागरूक करने तीन पेज का स्टडी लिटरेचर बनाने कहा है। इसे पढ़ाया जाएगा और इस पर बच्चों का टेस्ट भी लिया जाएगा। इसके अलावा उनको सुरक्षा के प्रति जागरूक करना बेहद अहम है, इस दिशा में ऑनलाइन क्लास विशेष सहायक हो सकती है।