सुकमा: लॉकडाउन बढ़ते ही पैदल कोंटा पहुंचे मजदूर
सुकमा. कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को दो हफ्ते और बढ़ाने का फैसला किया है. पहले मजदूरों को लगा कि लॉकडाउन खुल जाएगा और काम शुरू हो जाएगा. अब लॉकडाउन फिर बढ़ा दिया गया है. ऐसे में बिना कामकाज के मजदूरों को काफी परेशानी हो रही है. इस वजह से कुछ मजदूर अब बॉर्डर वाले इलाके कोंटा में पहुंचे हैं.
कोंटा पहुंची मजदूर बिंदा साहू के मुताबिक मजबूरी में 8 माह की बच्ची के साथ पैदल जाने का फैसला लिया. 5 दिन तक चलने के बाद कोंटा पहुंचे है. इन 5 दिनों में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा. छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में रहने वाले कृष्णा साहू, धन्नू साहू के मुताबिक दोनों विजयवाड़ा में अपने परिवार के साथ तीन महीने पहले मजदूरी के लिए गए हुए थे. लेकिन जैसे ही लॉकडाउन हुआ तो खाने-पीने की चीजें हमारे पैसे खत्म हो गई. आवागमन ठप्प था, ऐसे में हमारे सामने पैदल चलकर जाने के अलावा कोई विकल्प नही था. इसलिए हम अपने बच्चो के साथ पैदल रवाना हुए.
पैदल चलने का फैसला तो ले लिया लेकिन यह बिल्कुल भी आसान नहीं था. मजदूर धन्नू की 2 वर्ष तो कृष्ण 2 माह की बच्ची के साथ रवाना हो गए. पति के कंधे पर समान था और पत्नियों के कंधे पर बच्चियां थी. कभी इतना पैदल चलने की नौबत नही आई थी. लिहाजा 300 किमी का सफर तय करने में 5 दिन लग गए.
पैदल पहुंचे बिंदा और पूजा ने बताया कि बीच में आने वाले गांव के लोगों से जो भी मिल जाता उसी से हम अपना और बच्चों का पेट भर लेते. फिलहाल दोनों परिवार समेत 13 लोगों को कोंटा में क्वारंटीन किया गया है. 14 दिन रहने के बाद उन्हें गृहग्राम के लिए भेजा जाएगा. प्रशासन सभी मजदूरों की मदद कर रही है.