500 बेड का जंबो सेंटर तैयार, बीएसपी ने कहा-राज्य को करेंगे हैंडओवर, स्वास्थ्य सचिव बोले- उन्हें जानकारी नहीं
बीएसपी के 500 बेड क्षमता के जंबो कोविड सेंटर के उद्घाटन के एक महीने बाद भी उसे कौन संचालित करेगा, यह तय नहीं हो पाया है। बीएसपी प्रबंधन इसे अन्य इकाइयों की तर्ज पर जिला प्रशासन के माध्यम से राज्य सरकार को हैंड ओवर करना चाहता है। लेकिन जिला प्रशासन ने इसे अधिग्रहित करने से ही मना कर दिया है।
इस संबंध में जब हेल्थ सेक्रेटरी से बात की तो उन्होंने बताया कि इस मामले की उन्हें कोई जानकारी नहीं है।उसका कहना है कि कोविड सेंटर स्थापित करने के बाद उसका संचालन भी बीएसपी ही करेगी। दूसरी ओर राज्य शासन की बात करें तो इस मेगा प्रोजेक्ट के बारे में स्वास्थ्य सचिव को ही पता नहीं है।
इससे कोरोना की संभावित तीसरी लहर की तैयारियों के दावे पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। जानकारी के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर में देशभर में बड़ी संख्या में लोगों के संक्रमित हाेने के बाद केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों से अपने-अपने क्षेत्र में 500-500 बेड का जंबो कोविड सेंटर शुरू करने का निर्देश दिया।
मैनपावर की कमी सबसे बड़ी वजह बनकर उभरी
कोविड सेंटर के संचालन में दोनों ही पक्षों के सामने बड़ी समस्या मैनपावर की है। बीएसपी के अपने ही अस्पताल के लिए प्रबंधन को चिकित्सक से लेकर पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं जिला प्रशासन को लोगों का इलाज करने दूसरे शहरों से व्यवस्था करनी पड़ी है।
ऑक्सीजन सप्लाई के 3 विकल्प वाला पहला सेंटर
कोविड सेंटर की खास बात यह है कि यहां सीधे प्लांट से ऑक्सीजन की सप्लाई की जाएगी। इसके लिए डेढ़ किमी लंबी पाइप लाइन बिछाई है। आक्सीजन सप्लाई के दो और विकल्प रखे गए। एक ही सेंटर में आक्सीजन सप्लाई की तीन विकल्पों वाला प्रदेश का यह पहला कोविड सेंटर है।
386 बेड अगले 3 महीने में तैयार करने का लक्ष्य
जंबो कोविड केयर सेंटर के शेष 386 बेड को तैयार करने के लिए बीएसपी प्रबंधन ने 3 महीने का लक्ष्य रखा है। इनमें से डेढ़ सौ बेड बंद प्रिंटिंग प्रेस परिसर में स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए परिसर की सफाई व संसाधन जुटाए जा रहे। फिर बचे हुए बेड हॉस्टल नंबर 3 में तैयार होंगे।
बाकी इकाइयों में राज्य सरकारें कर रही संचालन
योजना के मुताबिक बाकी इकाइयों में बने कोविड सेंटर का संचालन संबंधित राज्यों की सरकार को सौंपा जा चुका है। इसमें आक्सीजन सप्लाई से लेकर पानी, बिजली व अन्य सुविधाएं सेल मुफ्त में उपलब्ध करा रही है। मेडिकल स्टाफ राज्य सरकार के हैं।