65 हजार लोगों को सेकंड डोज के लिए मैसेज भेजा, 61 केंद्रों में पहुंचे सिर्फ 7640 डोज, पुलिस भी नहीं रोक सकी हंगामा
कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन कार्यक्रम बुधवार को लोगों के लिए आफत का सबब बन गया। हेल्थ विभाग की ऐसी लापरवाही रही कि 65 हजार लोगों को वैक्सीनेशन के लिए मोबाइल पर मैसेज भेज दिया। वजह यह कि उनके दूसरे की अवधि पूरी चुकी है। इधर बनाए गए 61 सेंटरों में इसके लिए इंतजाम कोई भी नहीं थे।
इसके चलते लोगों को खासी दिक्कतों का सामने करना पड़ा। शासन ने दुर्ग जिले के 65 हजार लोगों को बुधवार टीका लगाने का मैसेज भेजा। जबकि सेंटरों में केवल 100 से 120 लोगों के लिए वैक्सीन का स्टॉक था। केंद्रों में 7458 वैक्सीन के डोज भेजे गए। उनमें से 7640 डोज का उपयोग हुआ। शेष 182 अब भी सेंटर में ही रखे गए हैं।
रिसाली सेंटर में 20 मिनट में टोकन खत्म, फिर भी लगती रही कतारें
रिसाली सेंटर में सुबह 9 बजे लोगों को टोकन बांट दिया गया। टोकन स्वास्थ्य विभाग के नहीं बल्कि वहां के पूर्व पार्षद के लोगों ने बांटा। लोग सुबह 10 बजे से 11 बजे तक वैक्सीन लगाने पहुंचे तो उन्हें टोकन खत्म होना बताया गया। इस सेंटर में 150 वैक्सीन दी गई थी। हेल्थ विभाग के कर्मियों को जब पूछा गया कि टोकन सिस्टम से वैक्सीन कैसे लग रहा है तो उनका जवाब था कि वे नहीं जानते। पूरे दिन लोग केंद्र पहुंचते रहे।
7458 डोज खत्म, केवल 182 डोज बचे, आज के लिए नहीं है वैक्सीन
दुर्ग जिले के लिए मंगलवार को केवल 7640 डोज कोवीशील्ड वैक्सीन आई थी। इस वैक्सीन को बुधवार लगाया गया। लंबे इंतजार के बाद वैक्सीन आने की वजह से एक दिन में ही 7458 डोज खत्म हो गई है। यानी गुरूवार के लिए केवल 182 डोज वैक्सीन ही बची है।
मोबाइल पर मैसेज शासन स्तर से भेजा गया, हमें इसकी जानकारी नहीं
लोगों को मोबाइल से मैसेज शासन द्वारा भेजा गया है। वैक्सीन जिले को पर्याप्त संख्या में नहीं मिल रही है। सेंटरों में सुविधाओं का इंतजाम करने की जिम्मेदारी संबंधित निकायों की है। -डॉ गंभीर सिंह ठाकुर,सीएमएचओ दुर्ग
खुर्सीपार में पत्थरबाजी पुलिस ने कहा- ये अफवाह
शासकीय स्कूल रुआबांधा सेंटर में 120 डोज दिया गया था। यहां सुबह 11.30 बजे दरवाजे के दोनों तरफ लोगों की भीड़ लगी थी। लोगों को ऑफलाइन स्पॉट रजिस्ट्रेशन करवाने वाले और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने वाले दोनों पहुंचे थे। करीब 200 लोग यहां थे। इधर खुर्सीपार सामुदायिक भवन में पत्थरबाजी की खबर आई। इस दौरान दरवाजे भी तोड़े गए। मौके पर पुलिस पहुंची। बाद में पता चला कि खबर केवल अफवाह थी।