कवर्धा जिलाछत्तीसगढ़

अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ी तो सिविल सर्जन ने संभाला मोर्चा, अस्पताल का निरीक्षण करने निकले डॉ प्रभाकर ने दिया प्रेरक संदेश


कवर्धा। जिला अस्पताल में सेवा और समर्पण भाव का ऐसा प्रेरक दृश्य देखा गया जिसमें अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए निकले सिविल सर्जन ने परिस्थितिवश खुद आगे आकर मोर्चा संभाला और सड़क दुर्घटना, स्नैक बाइट तथा डॉग बाइट जैसे मामले के पीड़ितों का उपचार किया। इस दौरान लोगों को उपचार के मामले में झाड़-फूंक से बचने के प्रति जागरुक करते हुए तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लेने की सलाह दी गई है।
जिला अस्पताल में लंबे समय बाद ऐसा हुआ कि, एक ही दिन में एक के बाद एक 4 सड़क दुर्घटना, 3 स्नैक बाइट तथा एक डॉग बाइट समेत अन्य को मिलाकर कुल 11 मामले सामने आए और सभी पीड़ित ग्रामीण हैं।
इस तरह के गंभीर प्रकरण आने से स्थिति नियंत्रण से बाहर न चली जाए इसलिए सिविल सर्जन डॉ. पीसी प्रभाकर ने खुद भी आगे आकर डॉ. स्वप्निल तिवारी के साथ मिलकर मरीजों का उपचार किया। इस दौरान उन्होंने सतर्कता से कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए मरीजों को उपचार दिया। सिविल सर्जन डॉ. प्रभाकर ने बताया, वह निरीक्षण के लिए जब जिला अस्पताल में थे, उसी समय एक के बाद एक लगातार मरीजों का आना शुरू हुआ व सभी कैजुअल्टी के ही प्रकरण होने के कारण समय गंवाना व्यर्थ था, इसलिए उन्होंने स्वयं उपचार किया। डॉ. प्रभाकर ने स्नैक बाइट और डॉग बाइट के प्रकरणों से संबंधित मरीज व परिजन से ऐसे मामले में झाड़-फूंक कराकर समय गंवाने के बजाए तत्काल चिकित्सक के पास पहुंचने की अपील की। उन्होंने बताया, ऐसे प्रकरणों में अक्सर लोग घरेलू उपचार और झाड़-फूंक के फेर में देरी कर बैठते हैं जिसकी वजह से पीड़ित को आसानी से राहत नहीं मिल पाती और ऐसी दशा में कभी-कभी पीड़ित की जान बचाना भी मुश्किल हो जाता है।

इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार मंडल ने बताया, अस्पताल में आने वाले मरीज अथवा पीड़ित के शीघ्र राहत व उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम मुस्तैद है। इसका एक ताजा उदाहरण अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए गए सिविल सर्जन द्वारा मरीजों का उपचार किया जाना है। डॉ. मण्डल ने बताया, अस्पताल में सड़क दुर्घटना, स्नैक बाइट व डॉग बाइट के साथ ही अन्य तकलीफों से ग्रसित मरीजों के अलावा कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए भी जिले में हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। टीकाकरण अभियान के तहत इन दिनों 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है। जिन व्यक्तियों ने अभी तक टीका नहीं लगवाया हैए उन्हें कोरोना से सुरक्षा का टीका अनिवार्य रूप से लगवाना चाहिए।

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