बीएसपी के इंजीनियर्स ने 60 साल पुराने रशियन टेक्नालॉजी वाले पंप को सुधारा
बीएसपी के इलेक्ट्रिकल रिपेयर शाॅप ने अपने इंजीनियरिंग कौशल का बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पंप हाउस-1 के 60 साल पुराने रशियन मेक विशाल वर्टिकल पंपों को अपने स्थान पर ही आंतरिक संसाधनों से रिपेयर कर शुरू भी कर दिया। बीते दिनों पंप हाउस-1 मुख्य वाटर लाइन की विफलता के कारण पानी में डूब गया था।
इस वजह से 900 किलोवाट क्षमता वाले, 6.6 किलो वोल्ट और 500 आरपीएम वाले रशियन मेक के सभी चारों वर्टिकल पंप मोटर्स पानी में डूबने से खराब हो गए थे। पंप हाउस को बंद करना पड़ा था। यह पंप हाउस टर्बो ब्लोअर के कंडेंसर को ठंडा करने के लिए पीबीएस-1 को वांछित दबाव में पानी की आपूर्ति करता है, जो पानी को भाप में परिवर्तित कर ब्लास्ट फर्नेस को प्रदान करता है। पंप के सुधार के साथ ही पंप हाउस -1 को शुरू कर दिया गया है।
सीमित संसाधनों से संभव हो पाया पंप हाउस का मेंटेनेंस
इन पंपों के बंद होने से बीएसपी का सामान्य उत्पादन प्रभावित होने के साथ-साथ भारी नुकसान की भी संभावना थी। संयंत्र के उत्पादन को गतिशील बनाए रखने इस पंप हाउस का तत्काल विकल्प खोजा गया। संयंत्र के उत्पादन की निरंतरता को बनाए रखने के लिए संयंत्र की इन आवश्यकताओं को बहुत सीमित स्टैंडबॉय विकल्पों के साथ पंप हाउस-11 के पंपों द्वारा प्रबंधित किया गया। पंपों को सुखाकर पुनर्जीवित करने का प्रयास सफल नहीं हुआ। कार्य को सीजीएम इलेक्ट्रिकल पीके सरकार व जीएम ईआरएस पीके पाढ़ी के मार्गदर्शन व डीजीएम कुंतल बघेल के नेतृत्व में किया गया।
जमीन के नीचे लगे हैं चारों पंप, मौके पर ही रिपेयर
चारों वर्टिकल पंप मोटर्स जमीन से 45 फीट नीचे लगे हुए है। इसलिए इसका उसी स्थान पर रिपेयर करना अत्यंत ही चुनौतीपूर्ण कार्य था। 20 फीट डायमीटर और 5 फीट उंचे विशाल पंप मोटर्स का रिपेयर अपने आप में एक कठिन कार्य था। सीमित स्थान में एक साथ कई लोगों का सुरक्षित कार्य करना भी एक चुनौती थी। ईआरएस की टीम ने इस रिपेयर को अंजाम दिया और पंप को शुरू किया।
इन्सुलेशन पहले हो चुका था खराब, नया लगाया
वाइंडिंग 60 वर्ष से अधिक पुरानी है और इसलिए इन कॉइल में प्रदान किया गया इंसुलेशन पहले से ही समाप्त हो चुका है और इंसुलेशन के प्रतिस्थापन के माध्यम से इसे रिपेयर करने की आवश्यकता महसूस की गई। इस महती कार्य को उसी स्थान पर करने के लिए आवश्यक योजना व रणनीति बनाई गई। जिससे इस कठिन कार्य को त्वरित रूप से पूरा किया जा सके।
25 दिनों में पूरा किया गया रिपेयरिंग का यह कार्य
इस पृष्ठभूमि के साथ, सबसे पहले पम्प नंबर-4 के सभी 126 पुराने कॉइल के रि-इंसुलेशन के साथ रि-वाइंडिंग के लिए लिया गया। जिसे 25 दिन में ही पूर्ण कर लिया गया। इसी क्रम में पम्प नंबर-1 को भी रिवाइंडिंग के लिए लिया गया और इस भी एक महीने के भीतर पूरा किया गया। संकटकालीन स्थिति से उबारते हुए दोनों ही पंप को शुरू किया गया।