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90 फीट ऊंचाई से गिरने वाले वाटर फॉल को देखने के लिए जोखिम में जान, बड़ी संख्या में पहुंच रहे सैलानी; नहीं मान रहे पुलिस की बात

छत्तीसगढ़ का कोरिया जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। ये जिला घने जंगलों, पहाड़ों, नदियों और झरनों से भरा पड़ा है। इनमें अमृतधारा जलप्रपात भी है, जो इन दिनों लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पिछले कई दिनों से हो रही अच्छी बारिश के चलते इसका जलस्तर तो बढ़ा ही है। अमृतधारा में 90 फीट की ऊंचाई से गिरने वाले वाटर फॉल को देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। परेशान करनी वाल बात ये है कि लोग डेंजर पॉइंट में जाकर सेल्फी ले रहे हैं। इससे बड़ा हादसा होने का भी खतरा बना हुआ है।

वैसे यहां सैलानियों का आना-जाना सालभर रहता है, लेकिन बरसात में यहां का नजारा और भी दिलकश हो जाता है। इसी वजह से इन दिनों यहां लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। झरने के पास जाकर सेल्फी ले रहे हैं। राहत की बात ये है कि इस साल अब तक कोई हादसा नहीं हुआ है। हालांकि, प्रशासन की तरफ से झरने के पास पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके बावजूद लोग जान जोखिम में डालकर झरने के पास जा रहे हैं। लोग पुलिस की बात भी नहीं सुन रहे हैं।

फोटो में आप देख सकते हैं कि लोग कितने करीब तक पहुंच गए हैं।

फोटो में आप देख सकते हैं कि लोग कितने करीब तक पहुंच गए हैं।

हसदेव नदी पर है झरना
यह खूबसूरत झरना राष्ट्रीय राजमार्ग 43 और नागपुर ग्राम पंचायत से 8 किलोमीटर दूर हसदेव नदी पर स्थित है। जलप्रपात के पास ही भगवान भोलेनाथ का भी एक मंदिर है। यहां प्रशासन की तरफ से हर साल शिवरात्रि के मौके पर मेले का भी आयोजन किया जाता है। हालांकि, कोरोना के चलते इस साल यह आयोजन नहीं हो सका था।

झरने में जिस बिंदु पर पारी गिरता है, वहां बादल जैसा माहौल चारों ओर बन जाता है।

झरने में जिस बिंदु पर पारी गिरता है, वहां बादल जैसा माहौल चारों ओर बन जाता है।

जिले में अब तक 521.16 MM बारिश
इस इलाके में बीते सोमवार से सावन की झड़ी लगी हुई है। इसकी वजह से 50 फीट चौड़ा अमृतधारा का पाट 150 फीट चौड़ा हो गया है। इसके अलावा इसी बारिश के कारण जिले के सभी नदी नाले उफान पर हैं। जिले में अब तक 521.16 MM बारिश दर्ज की गई है। जो कि पिछले साल की तुलना में 1.12 MM कम है, लेकिन अमृतधारा जल प्रपात में जल का स्तर सोनहत ब्लॉक में अधिक बारिश की वजह से बढ़ता है। मौसम विभाग के मुताबिक सोनहत इलाके में पिछले साल की तुलना में 40.20 MM बारिश दर्ज की गई है।

ऐसे पहुंचें अमृतधारा जलप्रपात
आप अमृतधारा जलप्रपात जाने का मन बना रहे हैं तो सड़क मार्ग से जा सकते हैं। यह झरना मनेंद्रगढ़ शहर से 28 किलोमीटर दूर है। बैकुंठपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर है। ट्रेन से आने वाली सैलानी चाहें तो ट्रेन के माध्यम से भी यहां आ सकते हैं। इसके लिए आपको नागपुर रेलवे स्टेशन, मनेंद्रगढ़ रेलवे स्टेशन या बैकुंठपुर रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा।

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