छत्तीसगढ़ के प्रथम तिहार हरेली पर्व की आप सबको गाड़ा गाड़ा बधाई – शिव वर्मा
राजनांदगांव। जिला भाजपा पिछड़ा वर्ग के जिलाध्यक्ष पार्षद दल के प्रवक्ता शिव वर्मा ने छत्तीसगढ़ के प्रथम तिहार हरेली पर्व की सबको बधाई एवं शुभकामनाएं। चढ़व गेड़ी, खेलव फुगड़ी, भौंरा अउ बांटीहमर संस्कृति हमर गरब, पूजनीय हमर माटी नांगर, बइला, गैंती, रापा अउ कुदारी हरेली तिहार में रंगे हे छत्तीसगढ़ महतारी छत्तीसगढ़ के लोगों के बीच सबसे लोकप्रिय और सबसे पहला त्यौहार हरेली त्यौहार है। पर्यावरण को समर्पित यह त्यौहार छत्तीसगढ़ी लोगों का प्रकृति के प्रति प्रेम और समर्पण दर्शाता है। सावन मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाने वाला यह त्यौहार पूर्णतः हरियाली का पर्व है, इसीलिए हिंदी के हरियाली शब्द से हरेली शब्द की उत्पत्ति मानी जाती है। मूलतः किसानों का पर्व हरेली – किसानों का यह त्यौहार उनकी औज़ार पूजा से शुरू होता है, किसान आज काम पर नहीं जाते घर पर ही खेत के औजार व उपकरण जैसे नांगर, गैंती, कुदाली, रापा इत्यादि की साफ-सफाई कर पूजा करते हैं साथ ही साथ बैलों व गायों की भी इस शुभ दिन पर पूजा की जाती है। इस त्यौहार में सुबह – सुबह घरों के प्रवेश द्वार पर नीम की पत्तियाँ व चौखट में कील लगाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि द्वार पर नीम की पत्तियाँ व कील लगाने से घर में रहने वाले लोगो की नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती हैं ।हरेली में ग्रामीणों द्वारा अपने कुलदेवताओं का भी विशेष पूजन किया जाता है, विशेष पकवान जैसे गुड़ और चावल का चिला बनाकर मंदिरों में चढ़ाया जाताका मुख्य आकर्षण –हरेली पर्व का मुख्य आकर्षण गेड़ी होती है जो हर उम्र के लोगों को लुभाती है। यह बांस से बना एक सहारा होता है जिसके बीच मे पैर रखने के लिए खाँचा बनाया जाता है। गेड़ी की ऊँचाई हर कोई अपने हिसाब से तय करता है कई जगहों पर 10 फिट से भीअधिक होता है उन्होंने कहा कि हरेली का पर्व भाईचारा एवं एकता का संदेश भी देता।