छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

मानपुर में एक दिवसीय समरसता विचार गौष्ठी का आयोजन

मानपुर।छत्तीसगढ़ महतारी के गोद मे विराजित वनांचल क्षेत्र के पावन माटी मानपुर में छत्तीसगढ़ प्रान्त जनजातिय गौरव समाज के निर्देशन में एक दिवसीय जनजातिय समरसता विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस आयोजन में विभिन्न जनजातिय समाज के समाज प्रमुख,ग्राम पटेल,सरपंच,एवम जनप्रतिनिधि गन उपस्थित हुए।विचार गोष्ठी में सम्मानीय देवलाल दुग्गा ,सम्मानीय केदार कश्यप सरंक्षक द्वय जनजातिय गौरव समाज छत्तीसगढ़ प्रान्त,सम्मानीय एम डी ठाकुर प्रान्त अध्यक्ष जनजातिय गौरव समाज,सम्मानीय विकास मरकाम प्रान्त महामंत्री जनजातिय गौरव समाज,सम्मानीय भोजराज नाग बस्तर सम्भाग अध्यक्ष, प्रमुख वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।गोष्टी में सभी वक्ताओं को विषय आबंटित किया गया था जिस पर उनके द्वारा विचार प्रस्तुत किया गया।माननीय केदार कश्यप जी बस्तर दशहरा में जनजातिय समाज की भूमिका के साथ समाज मे जेएनयू प्रेरित वैचारिक आतंक पर विचार दिए, माननीय देवलाल दुग्गा जी जनजाति क्षेत्रो में रावण को पुरखा मानकर भटकता हुआ समाज के विषय में समय चक्र के काल विभाजन में सतयुग से कलयुग तक जनजातिय समाज की भूमिका पर विस्तार से विचार दिए साथ ही रावण एवम गोड़ी शब्द राउंन के अंतर को स्पष्ट कर गोड़ समाज को रावण वंशी होने के धारणा को सिरे से खारिज किया।माननीय एम डी ठाकुर ने जनजातिय समाज के प्राचीन इतिहास एवम शासन व्यवस्था, धार्मिक व्यवस्था पर विचार व्यक्त करते हुए मध्य भारत मे सैकड़ो सालो तक गोंडवाना शासकों के बहत्तर पीढ़ियों के नाम गिनाते हुए उनके द्वारा राज करने के दरम्यान स्थपित किये मंदिर, देवालय,एवम उनमे स्थापित देवी देवताओं की विस्तार से जानकारी दिए। माननीय विकास मरकाम ने विभिन्न जनजातिय समाजो की उत्तपत्ति की प्राचीन अवधारणा एवम जनजातिय समाज मे गोत्र एवम नाम व्यस्था में मर्यादा पुरषोत्तम भगवान राम के साथ जुड़ाव का व्यापक उदाहरण देते हुए अलगाववाद की ओर समाज को ले जाने वालों पर विरोध प्रकट किए। माननीय भोज राज नाग जी ने जनजातिय समाजो के पूजा पद्यतियों को तोड़ मरोड़ करने वालो एवम समाज को भ्रमित कर धर्मान्तरित कर रहे लोगो से शतर्क रहने का संदेश दिए। प्रान्त प्रवक्ता माननीय डॉ देवेन्द्र माहला ने राज्यपाल को दिए जाने वाले ज्ञापन का वाचन किया एवम जनजातिय क्षेत्रो में बाहर से आकर समाज को बांटने हेतु अनर्गल विचार परोसने वाले के खिलाफ कड़ी कार्यवाई की मांग शासन प्राशासन से की यदि करवाई नही की जाएगी तो राष्ट्रपति से शिकायत करने की बात कही। अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर जनजातिय समाज को तोड़ने वाली शक्तियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की है।संगोष्ठी को संयोजित करने में जिला पंचायत सदस्य द्वय नरसिह भण्डारी, श्रीमती राधिका अंधारे एवम आदिवासी नेतृत्व कर्ता दिनेश मंडावी,रमेश हिडामे,राजू लाटिया का विशेष योगदान रहा।कार्यक्रम को सफल बनाने जनजातिय गौरव समाज के पदाधिकारी रामानंद उइके देवनाथ धनेंद्र, भूपत मंडावी,सरजूराम राणा,लखन कलामे, राजेश उसारे,कनक राणा,योगेंद्र कोडापे,नीलकंठ कोमरे, का सहयोग रहा। संगोष्ठी में तुकाराम सहारे, निर्मल साय तुलावी,बसन्त ठाकुर,बिरझु राम तारम,घसिया राम नाग,बल्लू कोरेटी,चिंता नायक,गोपाल कोरेटी,धरमु भुआर्य,गिरधर रावटे,चुम्मन किरसान,माखन पिस्दा,हरिराम गुनागहिया,राजू डोंगरे,राजेश्वर ध्रुव,आत्माराम चन्द्रवँशी,भूपेंद्र कत लम,उध्दव सिंह ठाकुर,गिरवर चन्द्रवँशी,विश्राम चन्द्रवँशी,रमेश पिस्दा,बिहारीलाल,गनपत लाल,जगन्नाथ भण्डारी,छगन बढ़ाई, ईश्वर भुआर्य,रतन तारम,गौकरण मेरिया,श्रीमति नम्रता सिंह,सुश्री कंचन भुआर्य,सत्यभामा सलामे,पुष्पा उइके,कुँवरिया मंडावी,पुष्पा आत्राम,अनिला उसारे,कैलाश ठाकुर,कांति तारम, शुखम खरे,नर्मदा आर्य,आदि उपस्थित रहे।कार्यक्रम का सफल संचालन टेकराम भण्डारी जनजातिय गौरव समाज दुर्ग सम्भाग ने किया।यह जानकारी नीलकंठ गढ़े सम्भागीय महामंत्री दुर्ग सम्भाग ने दिया।

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