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अमित शाह की अध्यक्षता वाला पैनल लेगा भविष्य पर फैसला, इसी हफ्ते हो सकती है बैठक

घाटे में चल रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया की कमान इस सप्ताह उसके नए मालिक को सौंप दी जाएगी। नए मालिक का फैसला इस सप्ताह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंत्रियों के पैनल में किया जाएगा। संभव है कि एक सप्ताह बाद एयर इंडिया की घर वापसी हो और सरकार टाटा ग्रुप को दोबारा एयर इंडिया की कमान सौंप दे। 

दअरसल, टाटा ग्रुप एयर इंडिया की बोली में सबसे आगे चल रहा है। इस दौड़ में स्पाइस जेट के प्रमोटर अजय सिंह भी शामिल हैं। हालांकि, अंतिम निर्णय एक सप्ताह बाद ही होना है। 

1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से हुई थी शुरुआत
अगर टाटा के साथ सरकार का सौदा पक्का होता है तो विमानन कंपनी की 68 साल बाद ‘घर वापसी’ होगी। टाटा समूह ने अक्तूबर 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया की शुरुआत की थी। वर्ष 1947 में देश की आजादी के बाद एक राष्ट्रीय एयरलाइंस की जरूरत महसूस हुई। ऐसे में भारत सरकार ने एयर इंडिया में 49 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर लिया। इसके बाद 1953 में भारत सरकार ने एयर कॉर्पोरेशन एक्ट पास किया और फिर टाटा समूह से इस कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी खरीद ली। 

रिजर्व प्राइस से करीब 3,000 करोड़ रुपये ज्यादा है टाटा की बोली 
एक रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा ग्रुप की बोली सरकार द्वारा तय किए गए रिजर्व प्राइस से करीब 3,000 करोड़ रुपये ज्यादा है। टाटा की बोली स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह द्वारा लगाई गई बोली से लगभग 5,000 करोड़ रुपये अधिक है।

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