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पीएम मोदी के बाद सीएम योगी के गढ़ में डंका बजाएंगी प्रियंका, 31 अक्तूबर को महिला शक्ति के प्रचंड प्रदर्शन की तैयारी

प्रियंका गांधी अपनी पूरी ताकत के साथ उत्तर प्रदेश के राजनीतिक मैदान में डट गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी में नवरात्रों के दौरान बड़ी रैली कर अपना इरादा साफ कर चुकीं प्रियंका गांधी अब 31 अक्तूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के किले गोरखपुर में डंका बजाने की तैयारी कर रही हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की शहादत के दिन गोरखपुर में दो लाख से ज्यादा लोगों की विशाल रैली आयोजित की जाएगी, जिसमें सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं की होने की उम्मीद है। प्रियंका की योगी के किले को महिला शक्ति से भेदने की तैयारी है। पार्टी कार्यकर्ता कार्यक्रम को सफल बनाने में जुट गए हैं।    

पार्टी के एक नेता के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी आज भी महिला शक्ति की बड़ी प्रतीक मानी जाती हैं। प्रियंका गांधी ने महिलाओं को टिकट बंटवारे में 40 फीसदी हिस्सेदारी देने की घोषणा कर रखी है। गोरखपुर की रैली में महिला शक्ति की बड़ी उपस्थिति दिखाकर पार्टी अपने इस दावे को और पुष्ट करने का काम करेगी। इस रैली से महिलाओं को यह विश्वास दिलाने की कोशिश की जायेगी कि यदि वे आगे बढ़ना चाहेंगी तो पार्टी पूरी ताकत के साथ उनके साथ खड़ी रहेगी।    
पूर्वांचल पर ही क्यों है खास ध्यान
दरअसल, पूर्वांचल में उत्तर प्रदेश विधानसभा की लगभग 125 सीटें आती हैं। यदि कोई राजनीतिक दल इस इलाके में अपनी पैठ मजबूत कर लेता है तो वह यूपी की बड़ी सियासी ताकत बन सकता है। संभवत: यही कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने चुनाव प्रचार के अभियान में भी इसी पूर्वांचल को सबसे ज्यादा अहमियत दी थी। अब कांग्रेस भी अपनी जड़ों की तलाश में दोबारा इसी क्षेत्र में आई है।  

यह क्षेत्र कभी कांग्रेस की पारंपरिक भूमि हुआ करता था। ब्राह्मण, क्षत्रिय, पिछड़ी और दलित आबादी के उचित मिश्रित आबादी वाला यह क्षेत्र कांग्रेसी राजनीति की असली कसौटी हुआ करता था, जो समाज के सभी तबके को एक साथ लेकर चला करती थी। कांग्रेस की कमजोर स्थिति में भी यहां पार्टी के पर्याप्त समर्थक वोटर और कार्यकर्ता मौजूद हैं। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनावों में पार्टी को मिली बड़ी जीत बताती है कि यहां के युवा मतदाताओं में अभी पार्टी की विचारधारा के लिए पर्याप्त जगह बाकी है। पार्टी नेता मानते हैं कि यदि इस क्षेत्र में पूरी ताकत के साथ काम किया गया तो इन उम्मीदों को संजोया जा सकता है और पार्टी दोबारा उत्तर प्रदेश में खड़ी हो सकती है।

यही कारण है कि कांग्रेस ने पूरी रणनीति के अंतर्गत यूपी के पूर्वांचल के हिस्से को अपनी चुनावी अभियान के केंद्र में रखा है। इसी रणनीति के अंतर्गत सबसे पहले प्रियंका गांधी की काशी में रैली आयोजित की गई, तो अब गोरखपुर में रैली आयोजित करने की तैयारी है। इसके कुछ समय बाद प्रयागराज में भी रैली आयोजित की जाएगी।
कई शहरों में होगी प्रियंका की रैली
पूर्व कांग्रेस सांसद राजेश मिश्रा ने अमर उजाला को बताया कि प्रियंका गांधी ने अपनी उपस्थिति से केवल कांग्रेस कार्यकर्ताओं में ही उत्साह नहीं भरा है, बल्कि पूरे राज्य के चुनावी माहौल को गर्म कर दिया है। यह तेजी अब लगातार जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के सभी महानगरों में प्रियंका गांधी की बड़ी-बड़ी रैलियां आयोजित की जाएंगी। काशी के बाद गोरखपुर में रैली आयोजित की जा रही है। इसके बाद प्रयागराज, मेरठ, झांसी और अन्य इलाकों में भी कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।

कांग्रेस नेता ने कहा कि महिलाओं के लिए 40 फीसदी सीटें आरक्षित कर प्रियंका गांधी ने सत्ता पक्ष के साथ-साथ अन्य विपक्षी दलों को भी अपनी चुनावी रणनीति को दोबारा संयोजित करने के लिए मजबूर कर दिया है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि कांग्रेस इस चुनाव में न केवल मजबूती के साथ दोबारा खड़ी होने में सफल रहेगी, बल्कि सबसे मजबूत पार्टी बनकर भी उभरेगी।

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