राजनांदगाँव : हिन्दू युवा मँच ने घरेलू गैस सिलेंडर पर सब्सिडी देने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र.
O प्रधानमंत्री और पेट्रोलियम मंत्रालय से सब्सिडी की राशी बढ़ाने और सब्सिडी की राशि हितग्राहियों के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर करने भी की माँग.
राजनांदगाँव/हिन्दू युवा मँच ने एलपीजी रसोई गैस की लगातार बढ़ती कीमतों को लेकर एलपीजी गैस सिलेंडर पर सब्सिडी बढ़ाने और सब्सिडी की राशि सीधे हितग्राहियों के खाते में स्थानांतरित करने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पेट्रोलियम मंत्रालय को पत्र लिखा है।
उक्ताशय की जानकारी देते हुए हिन्दू युवा मँच के जिलाध्यक्ष किशोर माहेश्वरी ने बताया है कि, वर्तमान समय में महंगाई आसमान छू रही है। खाने से लेकर, ईंधन, राशन, सब्जियाँ, फल हर अन्य दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुओं का मूल्य आये दिन और तेजी से बढ़ रहा है। आम आदमी का अब तो घर चलाना भी मुश्किल हो गया है। क्या खाएं, क्या पहनें और प्राथमिक ज़रूरतों में से की कौन सी पूरी करें इस पर पल पल मँथन चलता रहता है। इन सबके बीच एक आवश्यक वस्तु भी है जिसके बिना जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती वह है भोजन। भोजन एक ऐसी अनिवार्य आवश्यकता है जिसे पूरा किये बिना या उसके बिना रहना असंभव जैसा है। भोजन बनाने के लिए चाहिए ईंधन। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत आपने और आपकी सरकार ने प्रत्येक घर तक घरेलू गैस के कनेक्शन तो आपने पहुँचा दिए लेकिन इन गैस सिलेंडर में ईंधन भराना अब मुश्किल जान पड़ रहा है। दिन प्रतिदिन घरेलू गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतों ने रसोईघर का जायका बिगाड़ दिया है। पल प्रतिपल बढ़ती ईंधन की क़ीमतों पर आ रहे भारी उछाल ने घर की गृहलक्ष्मी कही जाने वाली गृहणियों के माथे पर चिंता की लकीरें और शिकन पड़ने लगी है। एक तरफ घरेलू गैस सिलेंडर भी महँगे होते चले गए और दूसरी तरफ सब्सिडी भी खत्म होती चली गई। इस प्रकार से दोनों तरफ से महँगाई की मार आम आदमी को झेलनी पड़ रही है।
हिन्दू युवा मँच के जिलाध्यक्ष ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि, केंद्र सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से और षड्यंत्र करके हर महीने घरेलू एलपीजी की कीमतों में बढ़ोतरी कर एलपीजी पर मिलने वाली सब्सिडी को ही खत्म कर दिया है। घरेलू रसोई गैस की कीमतों में बीतें साढ़े 7 वर्षों में इस कदर उछाल आया है कि, महँगे एलपीजी गैस ने आम आदमी की कमर तोड़कर ही रख दी है। बीते साढ़े 7 वर्षो की गणना करें तो हम पाएंगे की एलपीजी रसोई गैस की कीमतें बढ़कर दुगुनी से भी ज्यादा हो गई है। 1 मार्च 2014 की अगर बात करें तो घरेलू एलपीजी गैस 14.2 किग्रा का खुदरा मूल्य लगभग 400 रूपये प्रति सिलेंडर था जो आज दुगुने से भी ज्यादा बढ़कर लगभग 990 रुपये के लगभग पहुँच गया है। जुलाई 2020 में देश की राजधानी दिल्ली में 14.2 किग्रा वाले एलपीजी रसोई गैस का बाजार मूल्य 637 रुपये था, जो घटकर 594 रुपये रह गया था। इस पर पेट्रिलियम मंत्रालय का कहना है कि, मई 2020 से सब्सिडी और बिना सब्सिडी वाले घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत समान हो गई है और अब इसमें कोई अंतर नही रह गया है। इसलिये किसी भी ग्राहक को सब्सिडी नही दी जा सकती। इस प्रकार षड्यंत्र करके लगातार घरेलू गैस सिलेंडर में इज़ाफ़ा कर सब्सिडी शून्य कर दी गई है। अब सब्सिडी और बिना सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की कीमतों में शून्य का अंतर रह गया है। जिसके कारण आम नागरिक को सब्सिडी का लाभ नही मिल पा रहा है।
केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार रोकने और घरेलू गैस की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि को रोकने रिफलिंग के समय प्रति सिलेंडर की कीमत एक ही कर दी थी और उस पर मिलने वाली सब्सिडी सीधे ग्राहक के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती थी। अब भ्रष्टाचार को फिर से बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने धीरे धीरे सब्सिडी कम करते करते पूरी सब्सिडी ही खत्म कर दी ताकि भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल सके और भ्रष्टाचारी भी फल फूल सकें। केंद्र सरकार ने एक तरफ घरेलू गैस सिलेंडर भी महँगे कर दिए गए और दूसरी तरफ सब्सिडी भी खत्म कर दी गई। इस प्रकार से दोनों तरफ से महँगाई की मार आम आदमी को झेलनी पड़ रही है।
सब्सिडी के मानको पर जाएं तो सब्सिडी सरकार द्वारा तय किया गया अनुदान है। सब्सिडी देश के नागरिकों को मिले अथवा न मिले यह पूरी तरह सरकार की मंशा पर निर्भर करता है। आप इसका तात्पर्य इस प्रकार से भी निकाल सकते हैं कि, चुनाव की रणभेरी अभी दूर है। घरेलू एलपीजी रसोई गैस की कीमत घटे या बढ़े सरकार पर इसका कोई फर्क नही पड़ता क्योंकि चुनाव अभी दूर है। जब चुनाव निकट आ जायेंगे और रणभेरी बजनी शुरू हो जाएगी तब इसके दाम स्वस्फूर्त गिरने शुरू हो जायेंगे।
पूर्व में जिस प्रकार केंद्र सरकार ने चुनाव को देखते हुए घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में भारी उछाल को देखते हुए और बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने रिफलिंग के समय प्रति सिलेंडर की कीमत एक ही कर दी थी और उस पर मिलने वाली सब्सिडी की राशि सीधे ग्राहक के बैंक खाते में सीधे स्थानांतरित कर दी जाती थी। ठीक उसी तरह एक अदद पहल करने की आज फिर से आवश्यकता महसूस की जा रही है। दैनिक ज़रूरतों की रोज बढ़ रही क़ीमतों के बीच ईंधन ही एक वस्तु है जिसे तत्कालीन सरकार सब्सिडी देकर उनकी कीमत कम कर सकती है और गृहिणियों के माथे पर उभरती हुई चिंता की लकीरों को कुछ हद तक कम कर सकती है। हिन्दू युवा मँच ने अपने पत्र के माध्यम से देश मे महंगाई को लेकर मचे हाहाकार की बानगी को अवगत कराते हुए देश के तमाम परिवार को राहत प्रदान करने राष्ट्रहित में घरेलू गैस सिलेंडर पर सब्सिडी में वृद्धि करने, सब्सिडी की राशि सीधे हितग्राहियों को प्रदान करने और बढ़ती ईंधन की कीमतों पर अंकुश लगाने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पेट्रोलियम मंत्रालय नई दिल्ली से माँग की है।