देश

कैप्‍टन अमरिंदर की पाकिस्तानी मित्र अरूसा पर पंजाब में घमासान, जांच का आदेश देकर घिरे गृहमंत्री रंधावा

कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस से अलग होने और अपनी पार्टी बनाकर भाजपा से गठजोड़ की बात  कहने के बाद पंजाब के कांग्रेस नेता पूर्व सीएम के खिलाफ हमलावर हो गए हैं। कैप्‍टन अम‍रिंदर सिंह द्वारा नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्‍तान कनेक्‍शन पर सवाल उठाने के बाद कांग्रेस नेताओं ने उनकी (कैप्‍टन अमरिंदर सिंह) पाकिस्‍तानी मित्र अरुसा आलम का मुद्दा उठा दिया है। इससे पंजाब की सियासत पर अरुसा आलम को लेकर बवाल मच गया है। शुक्रवार को पंजाब के गृहमंत्री सुखजिंदर सिंह रंंधावा ने तो अरुणा आलम के आइएसआइ से संबंधों की जांंच के आदेश दे दिए। उन्‍होंने इसकी जानकारी ट्वीट कर दी, लेकिन  बाद में इस ट्वीट को डिलीट क‍र दिया और जांच के आदेश की बात से मुकर गए। इसके बाद कैप्‍टन की टीम के साथ शिरोमणि अकाली दल के निशाने पर आ गए। इसके बाद कांग्रेस हाईकमान ने रंधावा को तलब कर लिया। इससे रंधावा अब खुद घिरते दिख रहे हैं।   

कैप्टन अमरिंदर सिंह और उपमुख्‍यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ऐसे आए आमने-सामने

इस मुद्दे पर कैप्टन अमरिंदर सिंह  और  पंजाब के उपमुख्‍यमंत्री व गृहमंत्री रंधावा आमने-सामने आ गए। दोनों ने एक के बाद एक ट्वीट कर जुबानी हमला किया, लेकिन बाद में रंधावा जांच की बात से मुकर गए। सबसे पहले शुक्रवार दोपहर को रंधावा ने ट्वीट कहा, ‘अरूसा आलम के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के साथ कथित कनेक्शन की जांच के आदेश पंजाब के डीजीपी इकबाल प्रीत सहोता को दे दिए गए हैं।’ इस पर लोगों ने ट्विटर पर ही उन्हें घेर लिया और सवाल करने लगे कि उन्हें साढ़े चार साल बाद अब क्यों इसकी याद आई। थोड़ी देर बाद ही रंधावा ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।

कैप्टन बोले, अरूसा 16 साल से अनुमति लेकर रह रहीं, सोनिया के साथ फोटो शेयर किया

इसके बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पलटवार करते हुए रंधावा, मौजूदा केंद्र सरकार और इससे पहले की यूपीए सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ अरूसा आलम की एक पुरानी फोटो भी शेयर कर दी। उन्होंने ट्वीट कर पूछा, ‘रंधावा किस पर अंगुली उठा रहे हैं। अरूसा 16 सालों से भारत आ रही हैं और इस दौरान केंद्र में कांग्रेस गठबंधन की सरकार भी थी। तब भी अरूसा केंद्र सरकार की अनुमति लेने के बाद आती थीं और उसके बाद भी केंद्र की इजाजत से ही आती रहीं हैं।’

jagran

कैप्‍टन अमरिंदर सिंह द्वारा शेयर की गई  अरूसा आलम और कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी की तस्‍वीर।  

कैप्टन ने कहा, ‘रंधावा पहले यह तो स्पष्ट करें कि वह अपनी ही कांग्रेस सरकार के फैसले पर अंगुली उठा रहे हैं या मौजूदा केंद्र सरकार पर। कैप्टन ने पूछा, ‘त्योहारों के समय जब पंजाब बार्डर पार से सुरक्षा को लेकर हाई रिस्क पर है तो इस प्रकार की जांच में पंजाब के डीजीपी को उलझा कर रंधावा क्या करना चाह रहे हैं।

इसके कुछ देर बाद रंधावा ने मीडिया से कहा, ‘मैंने किसी जांच के आदेश नहीं दिए। पत्रकारों ने मुझसे अरूसा के बारे में सवाल पूछा था, तो मैंने इतना ही कहा था कि इस मामले को देखेंगे। इस मामले की जांच करना तो रॉ का काम है।’ उन्होंने ट्वीट कर कहा, मैं सच्चा राष्टवादी हूं और आप बेहतर जानते हैं। आप कानून और व्यवस्था की स्थिति के बारे में चिंता न करें क्योंकि अब पुलिस लोगों की सुरक्षा कर रही है, चीकू और सीताफल नहीं।’

ऐसे चला कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुखजिंदर सिंह रंधावा में ट्वीट वार

रंधावा- वैसे आप (कैप्टन अमरिंदर सिंह) अरूसा और आइएसआइ लिंक की जांच से इतने घबरा क्यों रहे हैं?

कैप्टन – इतने सालों में क्या आपने मुझे कभी किसी मुद्दे पर घबराते देखा है। असल में मुझे तो आप घबराए हुए और भ्रमित लग रहे हैं। आप अरूसा आलम के खिलाफ इस तथाकथित जांच पर अपना मन क्यों नहीं बनाते?

रंधावा –अरूसा का वीजा किसने दिया। उससे जुड़ी हर चीज की जांच की जाएगी। मुझे उम्मीद है कि संबंधित सभी लोग जांच में पुलिस का सहयोग करेंगे।

कैप्टन – जहां तक वीजा अनुरोध की बात है तो निश्चित रूप से 16 साल तक यह मैने किया, लेकिन आपको पता होना चाहिए कि ऐसे अनुरोध भारतीय उच्चायोग की ओर से विदेश मंत्रालय को भेजे जाते हैं, जिसे रॉ और आइबी से क्लीयरेंस मिलने के बाद मंजूरी दी जाती है। वीजा देने से पहले तत्कालीन यूपीए पीएम (मनमोहन सिंह) के आदेश पर एनएसए की ओर से 2007 में विस्तृत जांच की गई थी। तब मैं मुख्यमंत्री नहीं था। आपको जो भी चाहिए, मैं आपकी मदद करूंगा।

रंधावा – ईश्वर सर्वशक्तिमान है। आपको यह सब इसलिए भुगतना पड़ा, क्योंकि आप पवित्र गुटका साहिब की शपथ लेने के बाद भी गुरु साहिब के प्रति प्रतिबद्धता को पूरा करने में विफल रहे। पंजाब सुरक्षित हाथों में है और रहेगा।

कैप्टन – बरगाड़ी पूछताछ के लिए मैं आपको चुनौती देता हूं। दोनों जांच अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह और रणबीर सिंह खटड़ा आपकी सिफारिशों पर नियुक्त किए गए थे। मुझ पर बेबुनियाद आरोप लगाने के बजाय अपना काम करें।  

advertisement
advertisement
advertisement
advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button