छत्तीसगढ़

राज्यपाल ने झीरम घाटी नक्सली हमले पर आयोग की रिपोर्ट कानूनी राय के बाद सरकार को भेजी

झीरम घाटी नक्सली हमले पर न्यायिक आयोग की रिपोर्ट सौंपे जाने को लेकर विवाद के बीच छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने रविवार को कहा कि रिपोर्ट उन्हें सौंपे जाने के बारे में सवाल आयोग से पूछा जाना चाहिए।

झीरम घाटी नक्सली हमले पर पत्रकारों से बात करते हुए राज्यपाल अनुसुइया उइके ने रविवार को कहा कि उन्होंने न्यायिक आयोग की रिपोर्ट स्वीकार कर ली क्योंकि यह उन्हें सौंपी गई थी और कानूनी राय लेने के बाद इसे राज्य सरकार को भेज दिया गया है।

उन्होंने कहा, यदि राज्यपाल को कोई न्यायिक रिपोर्ट दी जा रही है, तो इसमें कोई समस्या नहीं है। मैंने रिपोर्ट का अध्ययन नहीं किया क्योंकि यह दस खंडों में है और 4,184 पृष्ठों में है। मेरी ओर से रिपोर्ट सीधे राज्य सरकार को भेजी गई थी लेकिन यह कैसे लीक हुई (जैसा कि कांग्रेस का आरोप है), आप ही बताएं यह कैसे हुआ। तो क्या मुझे डाकिया की तरह रिपोर्ट सरकार को सौंपनी चाहिए थी?

राज्यपाल को रिपोर्ट सौंपे जाने पर सत्तारूढ़ कांग्रेस ने आपत्ति जताई थी। माओवादियों ने 25 मई 2013 को छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले की झीरम घाटी में कांग्रेस की परिवर्तन रैली के दौरान पार्टी नेताओं के एक काफिले पर हमला किया था, जिसमें तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री वी सी शुक्ला सहित 29 लोगों की मौत हो गयी थी ।

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