डोंगरगढ़ को जिला बनाने की मांग, सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन
डोंगरगढ़ को जिला बनाने की मांग तेज हो गई है। चैंबर आफ कामर्स ने मंगलवार को मुख्यमंत्री के नाम पर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपकर बताया कि डोंगरगढ़ को जिला बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। राजनांदगांव से पहली बार मानपुर-मोहला-चौकी को नवीन जिला बनाने की घोषणा हुई है। लेकिन डोंगरगढ़ की फिर से उपेक्षा हुई है। डोंगरगढ़ राजनांदगांव जिले का सबसे बड़ा नगर है, यह दो राज्यों मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र के सीमा से जुड़ा हुआ है। डोंगरगढ़ महाराष्ट्र सीमा से लगा हुआ है। वनांचल गांव के लोगों को जिला मुख्यालय जाने के लिए 80 किलोमीटर तय करना पड़ता है। छुरिया ब्लाक मुख्यालय से डोंगरगढ़ की दूरी महज 22 किलोमीटर ही है। ऐसे में छुरिया भी डोंगरगढ़ में शामिल हो सकता है।
डोंगरगढ़ जिले का एकमात्र ऐसा धार्मिक शहर जहां रेलवे स्टेशन है एवं मुख्य तथा दूरी के ट्रेनों के स्टापेज होने के कारण आवागमन अत्यंत सुविधाजनक है। डोंगरगढ़ रेल्वे स्टेशन में यात्रियों की अधिक संख्या होने के कारण यह जिले के रेलवे स्टेशन से भी अधिक लाखों की आय रेलवे मंत्रालय को देता है। डोंगरगढ़ नगर में मां बम्लेश्वरी देवी का मंदिर, प्रज्ञा गिरी, चंद्र गिरी, सहित सभी धर्मों के पहाड़ियों पर धार्मिक स्थल है, जहां देश विदेश से लाखो की संख्या में पर्यटकों का आवागमन है। हजारों संख्या में पर्यटक आते रहते हैं। यहाँ ठहरने एवं अच्छी होटल होने से रूकने एवं खाने की अच्छी व्यवस्था है। ज्ञापन सौंपने के दौरान प्रणय अग्रवाल, लक्ष्मी नारायण अग्रवाल, प्रकाश अग्रवाल, अभिषेक साहू, नितिन अग्रवाल, विशाल सुराना व बड़ी संख्या में अन्य लोग मौजूद रहे।