छत्तीसगढ़ : नेताप्रतिपक्ष कौशिक बोले- सरकार ने 13 लाख परिवारों के सिर से छीना छत, कांग्रेस ने किया पलटवार
रायपुर। विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने से पहले ही भाजपा ने राज्य सरकार पर हमला तेज कर दिया है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने 13 लाख परिवारों के सिर से छत छीन लिया है।
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार 51 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है। इसके बाद भी प्रधानमंत्री आवास के लिए राज्यांश देने में भी अक्षम है। प्रदेश सरकार ने यह स्वीकारा किया है कि आवास योजना के तहत वर्ष 2019 में 765 करोड़ रुपये व 2020-21 में 800 करोड़ रुपये का राज्यांश नहीं दे पाई। इससे प्रदेश में लाखों की संख्या में प्रधानमंत्री आवास योजना के हित ग्राहियों को लाभ नहीं मिल पाया।उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 के लिए केंद्र सरकार ने 7.82 लाख आवास का लक्ष्य प्रदेश सरकार को दिया था लेकिन राज्यांश जमा नहीं होने पर यह लक्ष्य वापस ले लिया। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि जिन हितग्राहियों को आवास स्वीकृत की गई उन्हें आवास के लिए दी जाने वाली पहली, दूसरी, तिसरी व चैथी किस्त के लिए कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ रहा है।
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि एक जनवरी 2019 से नवंबर 2021 तक ग्रामीण आवास में 1.58 लोगों को प्रथम किस्त, 1.92 लाख हितग्राहियों को द्वितीय किस्त, 2.37 लाख लोगों को तृतीय किस्त और 3.08 लोगों को चौथी किस्त का भुगतान अब तक नहीं किया गया है।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने सवाल किया है कि जब केंद्र सरकार से आवंटन रद किया तब कौशिक मौन क्यों थे। मोदी सरकार ने गरीबों का आशियाना छीना तो भाजपा के सांसदों ने विरोध क्यों नही किया?प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ठाकुर ने नेता प्रतिपक्ष कौशिक से पूछा राज्य सरकार ने पीएम आवास में अगर राज्यांश नहीं दिया है तो छत्तीसगढ़ में पीएम आवास योजना के तहत लाखो मकान कैसे बन रहे है? उन्होंने कहा कि मोदी सरकार केंद्रीय योजनाओं खुद के अंशदान की कटौती कर राज्यों के ऊपर व्ययभार थोप दिया है।प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना जिसमें 100 फीसद राशि केंद्र सरकार वहन करती थी उसमें में 50 फीसद कटौती कर दिया गया। अब 50 फीसद व्ययभार राज्य सरकार को उठाना पड़ेगा। राष्ट्रीय बागवानी मिशन सर्व शिक्षा अभियान सहित कई ऐसी केंद्रीय योजनाएं हैं जिसमें केंद्र सरकार ने पूर्व मिलने वाले अंशदान में कटौती कर राज्य और केंद्र के अंशदान को बराबर कर दिया है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार खुद आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रही है। साढ़े सात साल के कार्यकाल में देश के ऊपर विदेशी कर्ज लगभग 19 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है। जबकि पेट्रोल-डीजल में अब तक मोदी सरकार ने लगभग 24 लाख करोड़ मुनाफा हुआ है।रसोई गैस में मिलने वाले सब्सिडी को खत्म कर रसोई गैस के दाम को दोगुना किया है। सरकारी कंपनी, रेलवे स्टेशन, विमानन कंपनी, एयर पोर्ट सहित भारत के नवरत्न कंपनियों को बेचा जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर देश का पैसा कहां जा रहा है।