आगरा के 28 बच्चे आए घर, मां-बाप की जान में आई जान, चार छात्र खारकीव और ओडेशा में फंसे
यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी जंग में फंसे ताजनगरी के 76 छात्र फंस गए थे। बीते छह दिनों में 55 छात्र घर वापस आ चुके हैं। शुक्रवार को सबसे ज्यादा 28 छात्र वापस आए हैं। घर लौटे बमरौली कटारा निवासी देवेंद्र ने बताया कीव में धमाके हो रहे थे। उन्होंने वहां फायरिंग देखी। कीव से निकलने के लिए ट्रेन पकड़ने रेलवे स्टेशन पहुंचा। वहां एक-एक करके तीन ट्रेनें छूट गईं। तब लगा कि मैं अब घर नहीं लौट पाऊंगा। फिर दूतावास के सहयोग से भारत आया।
देवेंद्र के पिता बच्चू सिंह, मां उर्मिला सहित परिवार रिश्तेदार गांव लोग बच्चे के लौटने से खुश नजर आए। कीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस के छात्र देवेंद्र ने बताया कि पिछले सोमवार को यूक्रेन से निकले थे। बॉर्डर पार कर रोमानिया पहुंचे। वहां तीन दिन शेल्टर होम में रहे। इसके बाद स्वदेश पहुंचे।
यूक्रेन में फंसा छात्र जितेंद्र पहुंचा घर
बरहन क्षेत्र के गांव गढ़ी बाजरा निवासी पूर्व प्रधान रनवीर सिंह का पुत्र जितेंद्र चौधरी भी यूक्रेन से वापस आ गए हैं। बेटे को देख परिजनों की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। यूक्रेन में हो रही बमबारी के कारण जितेंद्र चौधरी और उसके अन्य सहपाठियों को 23 फरवरी को कुछ देर के लिए हॉस्टल के नीचे बने बंकर में भी समय बिताना पड़ा था।
उसके बाद बस द्वारा जितेंद्र चौधरी सहित उसके अन्य सहपाठियों को गाड़ियों से पोलैंड बॉर्डर से 25 किमी पहले ही छोड़ दिया गया, जिससे वह 25 किमी पैदल चलकर पोलैंड पहुंचे, वहां से फ्लाइट से दिल्ली पहुंचा। दिल्ली से वह गुरुवार को अपने घर पहुंच गया।
घर लौटा मानवेंद्र, परिजनों में दौड़ी खुशी की लहर
मिढ़ाकुर के गांव नगला गुजरा निवासी मानवेंद्र शुक्रवार को रोमानिया से दिल्ली आ गया। शाम को वह अपने घर पहुंच गया। मानवेंद्र ने बताया कि वह वह 28 फरवरी को रोमानिया आ गया था। इसके बाद से ही वह रोमानिया के एयरपोर्ट के पास रुका हुआ था।
उसने बताया कि वह गुरुवार को अपने पैसों से टैक्सी करके मित्रों के साथ एयरपोर्ट पर आया। शाम साढ़े पांच बजे उसे दिल्ली के लिए फ्लाइट मिल गई। रात में ही वह दिल्ली पहुंच गया। मानवेंद्र घर पहुंचते ही परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई।
21 छात्रों की जल्द होगी वापसी
प्रशासन के मुताबिक 21 छात्र एक-दो दिन में स्वेदश लौट आएंगे। इनमें दो छात्र खारकीव व दो ओडेसा में फंसे हैं। बाकी छात्र सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं। देर रात तक और छात्रों के आने की भी संभावना है।