छत्तीसगढ़

चार दिन अवकाश के बाद हंगामे के साथ शुरू हुआ सदन, गूंजा किसानों की आत्‍महत्‍या का मुद्दा, विपक्ष ने दागे तीखे सवाल

चार दिन के अवकाश के बाद छत्‍तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र सोमवार को पुनः हंगामे के साथ शुरू हुआ। सदन में विपक्ष ने किसानों की आत्‍महत्‍या का मुद्दा जोरशोर से उठाया। किसानों की आत्‍महत्‍या के मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए तीखे सवाल दागे।

विपक्ष की ओर से विधायक कृष्णमूर्ति बांधी ने गृहमंत्री से पूछा कि राज्‍य में कितने किसानों की आत्महत्या और मुआवजा दिया गया…? उन्हें सहायता देने का क्या नियम है..? जवाब में गृहमंत्री ने कहा, प्रावधान नहीं है।

वहीं नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पूछा, 570 किसानों ने आत्महत्या की है यह मंत्री ने स्वीकार किया है.. तो जब किसान खुशहाल है तो आत्महत्या क्यों कर रहे किसान…? किसानों की आत्महत्या पर मुआवजा का नियम बनाएंगे क्या..?

विपक्ष के सवालों के जवाब में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा, किसानों के मुआवज़े का नियम नही है… और आत्महत्या के मामले में कमी आई है, ये आंकड़े भी बता रहे हैं।

ये हैं आंकड़े

2016 में 585 आत्महत्या

2017 में 285 आत्महत्या

2018 में 182 आत्महत्या

2019 में 233 आत्महत्या

2020 में 167 आत्महत्या

2021 में 170 आत्महत्या

सदन में शिवरतन शर्मा ने उठाया राष्ट्रीय एक्सप्रेस वे अनियमितता का मुद्दा

वहीं विधायक शिवरतन शर्मा ने राजधानी के राष्ट्रीय एक्सप्रेस वे की अनियमितता में अधिकारियों के निलंबन का मामला उठाया। विधायक ने पूछा कि कौन- कौन सी अनियमितताएं थी, कितने लोगों को निलंबित किया गया। किस किस आधार पर सेवा में बहाली किया गया..?

विधायक के सवाल जवाब में लोक निर्माण विभाग एवं गृहमंत्री ताम्रध्‍वज साहू ने कहा- मूल विभाग सस्पेंड करता है, जिसकी जांच प्रक्रिया पूरी हो गई उसे बहाल किया गया। जिसमे से सतीश जाधव रिटायर्ड हो गए हैं, जितेंद्र सिंह, विवेक सिन्हा को मूल विभाग ने बहाल किया। जनता के सामने सच आ गया है।

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