छत्तीसगढ़

रायपुर : दुर्ग में भी रायपुर की तरह बनेगा होलसेल कॉरिडोर : श्री भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों की मांग पर की घोषणा: कलेक्टर को  दिए जमीन चिन्हांकन के निर्देश

आप तो स्टील बेचते हैं हम तो गोबर भी बेच देते हैं: उद्योगपतियों से अपने खास अंदाज में कहा मुख्यमंत्री ने
उद्योगपतियों से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि स्थानीय लोगों का स्किल डेवलपमेंट करें, उनके लिए रोजगार की संभावना होगी तो वे उद्योगों को स्वीकार करेंगे
मुख्यमंत्री ने किया जिला उद्योग एवं व्यापार केन्द्र के नवीन कार्यालय भवन का लोकार्पण

मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों की मांग पर की घोषणा: कलेक्टर को  दिए जमीन चिन्हांकन के निर्देशमुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि दुर्ग में भी रायपुर की तरह होलसेल कॉरिडोर बनेगा। उन्होंने आज जिला मुख्यालय दुर्ग में जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के नवीन कार्यालय भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में उद्योगपतियों की मांग पर यह घोषणा की। मुख्यमंत्री ने दुर्ग कलेक्टर को इसके लिए जमीन चिन्हांकन के निर्देश दिए। कार्यक्रम में गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया और राज्य भंडार गृह निगम के अध्यक्ष श्री अरूण वोरा सहित अनेक जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

कलेक्टर को  दिए जमीन चिन्हांकन के निर्देश
श्री बघेल ने कहा कि दुर्ग औद्योगिक जिला है, लेकिन देश मे औद्योगिक केंद्र की पहचान भिलाई से है। बीएसपी की स्थापना के बाद यहां उद्योगों की शुरुआत हुई। दुर्ग के निर्माण में यहां के उद्योगों की बड़ी भूमिका है। बीच के दौर में निजीकरण का दौर चला और श्रमिकों की मांग घटी। तकनीक का असर पड़ा है।  बीएसपी प्रदेश के उद्योगों के लिए रीढ़ की तरह है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्ग जिला सब्जी और फल का भी हब रहा है। यहां के किसान ऐसी क्रॉप भी उगा रहे हैं जिनकी मांग विदेशों में भी है। उद्योगपतियों के साथ बैठकों के बाद हमने उद्योग नीति बनाई, जिसमें सभी राज्यों की अच्छी नीतियों का समावेश रहा। कोरोना काल मे लगातार मै उद्योग संगठनों से मिलता रहा, उनकी समस्याएं जानी और इसका निराकरण किया। हमने प्रदेश के उन क्षेत्रों में भी उद्योग प्रसार की नीति अपनाई जहां पर उद्योग कम थे। मैंने फाइनल ड्राफ्ट बनने के बाद भी उद्योगपतियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस नीति में एनपीए नहीं होगा।
श्री बघेल ने कहा कि जब उद्योग की बात आती है तो रोजगार के उद्देश्य से इसकी मांग होती है लेकिन कई बार स्थानीय स्तर पर विरोध भी होता है। हमने स्थानीय लोगों से कहा कि स्थानीय स्तर पर रोजगार हो तो आपको पलायन की जरूरत नहीं पड़ेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना काल के दौरान ऐसे स्थल के लोगों से बात हुई जहाँ काफी संख्या में श्रमिकों को वापस लाया गया था। हमने उन्हें बताया कि स्थानीय स्तर पर उद्योग के कार्य हो सकें, इसके लिए हमने ऑरेंज एरिया चिन्हांकित किये। चैम्बर के अधिकारियों से बस्तर में बैठक ली। उन्हें बताया कि जब आप उद्योग लगाएं तो स्थानीय स्तर पर सर्वे कर उद्योग की जरूरत की मुताबिक लोगों का कौशल उन्नयन करें, जब लोगों को उद्योगों में रोजगार के अवसर दिखेंगे, तो वे लोग उद्योगों का समर्थन करेंगे क्योंकि अब उनके लिए आपके पास रोजगार की संभावना है।
मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन के दौरान मिलर्स के लिए किए गए कार्यों को भी रेखांकित किया। मिलिंग के चार्ज को बढ़ा दिया गया। संग्रहण केंद्रों में नाममात्र का धान रह गया है। हमने ग्रामीण क्षेत्रों में गौठान को भी ग्रामीण उद्योग के रूप में बदला है और रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में इसे विकसित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। आप अपने व्यावसाय और उद्योग की जरूरत के मुताबिक यहां काम करने वाले स्व सहायता समूहों से उत्पाद बनवा सकते हैं। आपके उद्योगों के लिए इन रूरल पार्क से काफी मदद मिल सकती है। आप लोग विजनरी हैं, सरकार की पूरी सहायता आपके साथ हैं। आप आगे बढ़े, प्रदेश का औद्योगिक परिदृश्य शानदार रूप से उन्नत होगा।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी से हुई अपनी चर्चा का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ऊर्जा परिदृश्य में काफी संभावना है। हमने कहा कि धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति मिलने पर इस उद्योग के लिए बड़ा काम हो सकता है। किसान उन्मुखी नीतियों का लाभ बाजार को मिला है और शहरी अर्थव्यवस्था भी इससे लाभान्वित हुई है। कोर सेक्टर और इससे बाहर हम सबको अवसर देंगे। हमारे उद्योगपति ही हमारे उद्योग के ब्रांड एम्बेसडर हैं। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान उद्योगपतियों से सीधी बातचीत की।

advertisement
advertisement
advertisement
advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button