छत्तीसगढ़ में पहली बार दिखा दुर्लभ प्रजाति का सांप, शर्मीले सांपों की गिनती में है शामिल
छत्तीसगढ़ का बस्तर (Bastar) दुर्लभ प्रजाति के वन्यजीवों और जीव जंतुओं के लिए पूरे प्रदेश में जाना जाता है, कुछ महीने पहले ही बस्तर के कांगेर नेशनल पार्क में दुर्लभ प्रजाति की छिपकली देखे जाने के बाद दंतेवाड़ा जिले में एक अनोखे दुर्लभ प्रजाति का सांप मिला है, इस सांप को ‘एरो हेडेड ट्रिंकेट’ (Arrow-headed trinket) के नाम से जाना जाता है. जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में इस प्रजाति का यह पहला सांप मिला है, जिसे घने जंगलों में छोड़ दिया गया है, जानकारों ने बताया कि यह बेहद ही शर्मीले किस्म का सांप होता है, जो पेड़ की टहनियों और जमीन दोनों जगह रहता है.
NMDC के स्क्रीनिंग प्लांट में मिला सांप
दंतेवाड़ा में मौजूद इस NMDC प्लांट के अधिकारी ने बताया कि स्क्रीनिंग प्लांट 10-11 में इस सांप को देखा गया था, जिसके बाद टीम को सांप को पकड़ने के लिए बुलाया गया, टीम ने काफी मशक्कत करने के बाद सांप का सफल रेस्क्यू किया, जिसके बाद इस सांप के बारे में पूरी जानकारी दी, इस टीम के सदस्य अमित मिश्रा ने बताया कि यह दुर्लभ प्रजाति का सांप है, इसके दांतों में जहर नहीं होता. ये ज्यादातर पहाड़ी इलाको में पाया जाता है और पेड़ के टहनियों, पानी और जमीन में भी होता है, छत्तीसगढ़ में इस तरह की दुर्लभ प्रजाति का सांप पहली बार मिला है..
इस सांप में जहर नही होता
सांप को पकड़ने के बाद इसे बैलाडीला के सुरक्षित जंगल में ही छोड़ दिया गया है, अमित मिश्रा ने बताया कि इस सांप का मुख्य आहार चिड़िया, मेंढ़क, गिरगिट, छिपकली, और चूहा है, हल्के भूरे और चितकबरे कलर का यह सांप देखने में बेहद खूबसूरत लगता है, अमित ने बताया कि इससे पहले छत्तीसगढ़ में इस सांप के मिलने का आज तक कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिला था, और पहली बार दंतेवाड़ा में ही देखा गया है.