छत्तीसगढ़

ज्ञानवापी में पहले दिन का सर्वे पूरा, तहखानों में हुई वीडियोग्राफी, वादी पक्ष का दावा- साक्ष्य हमारे साथ

वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर का सच सामने लाने के लिए अदालत के आदेश पर सभी पक्षों की मौजूदगी में फिर से सर्वे की कार्रवाई शुरू हुई। शनिवार को पहले दिन का सर्वे समाप्त हो गया। एडवोकेट कमिश्नर की मौजूदगी में सर्वेक्षण के दौरान पूरी टीम ने एक-एक चीज का बारीकी से निरीक्षण किया। एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्र और वादी-प्रतिवादी पक्ष के 50 से ज्यादा लोग परिसर के अंदर गए  थे। 
ज्ञानवापी परिसर से बाहर आने के बाद कोर्ट कमिश्नर और अन्य अधिवक्ताओं ने मीडिया के सामने कुछ बताने से इनकार कर दिया। न्यायालय का आदेश है इसलिए सर्वे से संबंधित कोई भी जानकारी मीडिया के सामने देने से सर्वे की टीम ने मना किया। पुलिस ने सभी को वाहनों में बैठाकर काशी विश्वनाथ धाम से रवाना किया।

पुलिस आयुक्त  ए सतीश गणेश ने बताया कि रविवार सुबह आठ बजे से सर्वे का काम शुरू होगा। माना जा रहा कि  टीम ज्ञानवापी के ऊपरी भाग का का सर्वे करने पहुंच सकती है। जानकारी के मुताबिक, शनिवार को ज्ञानवापी परिसर में मौजूद तहखाने के चारों कमरों के सर्वे का काम पूरा हो गया। तहखाने में क्या मिला है, इसकी जानकारी अभी नहीं है। इधर, मीडिया से बातचीत में वादी पक्ष के वकील ने दावा किया कि सभी साक्ष्य हमारे साथ हैं। 

डीएम बोले- परिसर में 50 फीसदी से अधिक हिस्से का सर्वेक्षण

जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने बताया कि अदालत के आदेश पर शनिवार सुबह आठ बजे से 12 बजे तक ज्ञानवापी मस्जिद परिसर और उसके आसपास कोर्ट कमिशन की कार्रवाई हुई। इस दौरान वादी-प्रतिवादी पक्ष, उनके अधिवक्ता और मंदिर एवं जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि सभी पक्षों ने अदालत के आदेश का पालन किया। शांतिपूर्वक तरीके से सर्वे का कार्य पूरा हुआ। सभी पक्षकार संतुष्ट हैं। लगातार चार घंटे सर्वे के उपरांत लगभग 50 फीसदी से अधिक हिस्से का सर्वेक्षण हो चुका है। यह कार्यवाही कोर्ट की निगरानी में हो रही है इसलिए ये जानकारी नहीं दी जा सकती की कौन-कौन से स्थानों का सर्वे किया गया और वहां क्या-क्या मिला। रविवार सुबह आठ बजे से पुनः सर्वे की कार्रवाई शुरू होगी। 

डीजीपी और मुख्य सचिव ने की  मॉनिटरिंग

 ज्ञानवापी परिसर के बाहर तैनात पुलिस बल

पूरे परिसर की वीडियोग्राफी के लिए विशेष कैमरा और लाइट की व्यवस्था की गई थी। ज्ञानवापी परिसर के आसपास जबरदस्त सुरक्षा व्यवस्था रही। डीजीपी और मुख्य सचिव ने पूरे मामले की मॉनिटरिंग की। ज्ञानवापी सर्वे को लेकर वाराणसी कमिश्नरेट में अलर्ट जारी रहा। सोशल मीडिया पर निगरानी रखी जा रही है।  मंदिर के आसपास की सभी दुकानें बंद रहीं। मैदागिन और गोदौलिया की ओर से ज्ञानवापी जाने वाले रास्ते को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया था। बाबा के भक्तों को गेट नंबर एक से मंदिर में प्रवेश मिला। काशी विश्वनाथ धाम क्षेत्र छावनी में तब्दील रहा। 

मीडिया को ज्ञानवापी परिसर से रखा गया दूर

अदालत ने सर्वे कराने की जिम्मेदारी एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्र को सौंपी है। उनके साथ  विशेष कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह और सहायक कोर्ट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह भी रहे। मीडिया को ज्ञानवापी परिसर और मुख्य द्वार से लगभग एक किलोमीटर दूर ही रोक दिया गया था। ज्ञानवापी मस्जिद की वीडियोग्राफी सर्वे की कार्रवाई सुबह 8 बजे शुरू हुई और 12 बजे तक चली।

17 मई को अदालत में पेश होगी रिपोर्ट

बांसफटक से ज्ञानवापी मार्ग पूरी तरह से छावनी में तब्दील

बांसफटक से ज्ञानवापी मार्ग पूरी तरह से छावनी में तब्दील – फोटो : अमर उजालाबता दें कि अदालत ने इस मामले में सुनवाई करते हुए नए सिरे से सर्वे का आदेश दिया है। 17 मई को अदालत में इस मामले की रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी है। शनिवार से शुरू होने वाली सर्वे की कार्रवाई 16 मई तक हर दिन सुबह आठ बजे से दोपहर 12 बजे तक जारी रहेगी।

इससे पहले छह मई को सर्वे की कार्रवाई शुरू हुई थी, जो हंगामे के कारण सात मई को रुक गई। सात मई को ही अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर अधिवक्ता आयुक्त (कोर्ट कमिश्नर) को बदलने की मांग कर दी थी। अदालत ने गुरुवार को यह मांग खारिज कर दी। 

 चप्पे-चप्पे पर फोर्स, छतों से भी निगरानी

छावनी में तब्दील सड़क

बड़ी संख्या में पीएसी व सीआपीएफ के जवान की तैनाती श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर गेट नंबर चार के अंदर तथा बाहर तैनात की गई है। ज्ञानवापी मस्जिद के चारों ओर पूर्व में तैनात पुलिसकर्मियों के अलावा अतिरिक्त फोर्स की भी तैनाती की गई है। वहीं मुख्य मार्ग से लगायत समीप की गलियों तथा संवेदनशील क्षेत्रों में भी पुलिस चक्रमण कर रही है। मकान की छतों पर भी पुलिस तैनात है। 

समझें पूरा घटनाक्रम
ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी के रोजाना दर्शन पूजन की मांग को लेकर पांच महिलाओं की ओर से दायर वाद पर बीते आठ अप्रैल को सुनवाई हुई। अदालत ने अजय कुमार मिश्र को अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त करते हुए ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कर 10 मई तक अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।

छह मई को कमीशन की कार्रवाई शुरू तो हुई लेकिन पूरी नहीं हो सकी। सात मई को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर एडवोकेट कमिश्नर बदलने की मांग कर दी। वहीं वादी पक्ष की ओर से ज्ञानवापी मस्जिद की बैरिकेडिंग के अंदर तहखाने समेत अन्य उल्लिखित स्थलों का निरीक्षण करने का स्पष्ट आदेश देने की अपील की गई इस प्रार्थना पत्र पर तीन दिन तक अदालत में सुनवाई चली। अदालत के फैसले के बाद अब शनिवार से कमीशन की कार्रवाई शुरू हुई है।

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