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ज्ञानवापी सर्वे की दूसरी रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, जानें विशेष अधिवक्ता आयुक्त ने कोर्ट में क्या बताया

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हुए सर्वे के दौरान तहखाने की दीवार हटाने और वजूखाने की मछलियों के प्रकरण समेत अन्य मामलों अब 23 मई को सुनवाई होगी। वहीं गुरुवार को अदालत में दाखिल सर्वे रिपोर्ट पर भी 23 मई को ही सुनवाई होगी। सर्वे की दूसरी रिपोर्ट कोर्ट में पेश होने के बाद बड़ा खुलासा हुआ है। मस्जिद में सनातन धर्म से जुड़े चिह्न मौजूद हैं।

ज्ञानवापी मस्जिद में 14 से 16 मई तक विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह के नेतृत्व में हुई कमीशन की कार्यवाही की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वजूखाने में मिली आकृति शिवलिंग जैसी है। ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन व अन्य विग्रहों के सरंक्षण की मांग मामले में अब तक दो सर्वे रिपोर्ट अदालत में सौंपी जा चुकी है।

दोनों ही रिपोर्ट में हिंदू धर्म से जुड़े निशानों का जिक्र है। अजय कुमार मिश्र की तरह विशाल सिंह की रिपोर्ट में भी मस्जिद परिसर में हिंदु आस्था से जुड़े कई निशान मिलने की बात कही गई है। तत्कालीन अधिवक्ता आयुक्त और विशेष अधिवक्ता आयुक्त की रिपोर्ट के बाद मुस्लिम पक्ष भी सामने आ गया है और उसने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। सर्वे की दूसरी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मस्जिद के अंदर गुंबद और दीवारों के साथ ही कई जगहों पर स्वास्तिक, डमरू, हाथी के सूंड, पान, घंटियां सहित देवी-देवताओं के प्रतीक मौजूद हैं। कमीशन की रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि मुस्लिम पक्ष जिसे फव्वारा कह रहा है उसमें पाइप डालने की कोई जगह तक नहीं है। 

कमीशन की कार्यवाही के दौरान मौके पर फव्वारा भी नहीं चलाया जा सका था। सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दाखिल आठ पेज की रिपोर्ट में तहखाने के ऊपर पड़े मलबे के पत्थरों पर प्राचीन भारतीय मंदिर शैली जैसी कलाकृति का दावा किया गया है। 

बताया गया है कि मस्जिद के मुख्य गुंबद के नीचे दक्षिणी खंभे पर स्वास्तिक का चिन्ह मौजूद है। मस्जिद के प्रथम गेट के पास तीन डमरू के चिन्ह मिले हैं। सर्वे रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है कि मस्जिद परिसर के उत्तर-पश्चिम दिशा में 15 फीट लंबा और 15 फीट चौड़े तहखाने के ऊपर पड़े मलबे के पत्थरों पर मंदिर जैसी कलाकृति है। 

इससे पहले ज्ञानवापी स्थित श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना और अन्य विग्रहों के संरक्षण की मांग पर छह और सात मई को हुई कमीशन की कार्यवाही की रिपोर्ट बुधवार को तत्कालीन अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दाखिल की थी। 

दो पेज की रिपोर्ट में आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि जांच में मस्जिद की पिछली दीवार पर शेषनाग और देव विग्रह के रूप में चार मूर्तियों की आकृति मिली, उस पर सिंदूर का मोटा लेप लगा हुआ है। उसके आगे दीपक जलाने के उपयोग में लाए जाने वाले त्रिकोणीय ताखा में फूल रखे हुए थे। 

पूर्व दिशा में बैरिकेडिंग के अंदर व मस्जिद की पश्चिम दीवार के बीच मलबे का ढेर है। यह शिलापट्ट भी उन्हीं का हिस्सा प्रतीत हो रहा है। इन पर उभरी हुई कलाकृतियां के मस्जिद की पश्चिम दीवार पर उभरी कलाकृतियों से मेल खाने का दावा किया गया है।

अजय कुमार मिश्र की तरह विशाल सिंह की रिपोर्ट में भी मस्जिद परिसर में हिंदु आस्था से जुड़े कई निशान मिलने की बात कही गई है। तत्कालीन अधिवक्ता आयुक्त और विशेष अधिवक्ता आयुक्त की रिपोर्ट के बाद मुस्लिम पक्ष भी सामने आ गया है और उसने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। 23 मई को मामले की सुनवाई होगी। 

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