वर्मी कंपोस्ट में मिट्टी मिलाने का खेल धड़ल्ले से चल रहा ,किसानों ने रंगे हाथों पकड़ा
ोंगरगढ़। वर्मी कंपोस्ट में मिट्टी मिलाने का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। नगर पालिका परिषद डोंगरगढ़ के मणि कंचन केंद्र में निर्मित वर्मी कंपोस्ट की बोरी में एक बार फिर रेत और मिट्टी के मिलावट का पर्दाफाश हुआ है।
वर्मी कंपोस्ट में मिट्टी मिलाने का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। नगर पालिका परिषद डोंगरगढ़ के मणि कंचन केंद्र में निर्मित वर्मी कंपोस्ट की बोरी में एक बार फिर रेत और मिट्टी के मिलावट का पर्दाफाश हुआ है। सेवा सहकारी समिति मुसरा, जहां किसानों की भीड़ रासायनिक खाद लेने खाद सेंटर में लगी हुई थी।
वहां पर नगर पालिका डोंगरगढ़ से वर्मी कंपोस्ट केंचुआ खाद लिखी हुई बोरी में ट्रैक्टर के द्वारा 100 बोरी खाद पहुंचाई गई। किसानों ने सर्व प्रथम खाद का तौल कराया। 25 किलो से 27 किलो तक उसका वजन आया। जबकि उसका वजन 30 किलोआना चाहिए। साथ ही उसमें मिट्टी और रेत की बहुतायत मात्रा पाई गई। जिससे किसानों ने हो-हल्ला मचाया और इसकी सूचना सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक शशिकांत द्विवेदी को सोसाइटी के संचालक सदस्य विनोद वैष्णव द्वारा दी गई।
बोरी में पैकेजिंग तिथि में अंकित नहीं
द्विवेदी ने नगरपालिका के मुख्य कार्यपालन अधिकारी यमन देवांगन के पास आपत्ति दर्ज कराते हुए शिकायत दर्ज कराई। जिस पर स्पष्टीकरण देते हुए उन्होंने बताया कि उक्त खाद वर्मी कंपोस्ट नहीं है बल्कि सुपर कंपोस्ट है। द्विवेदी ने बताया कि किसानों के कथानानुसार उसमें दो तिहाई मिट्टी और रेत भरी हुई है। साथ ही उस बोरी में वर्मी कंपोस्ट, केंचुआ खाद लिखा हुआ है। साथ ही उक्त बोरी में ना तो वजन की इंट्री की गई थी ना तो पैकिंग की तिथि थी और ना ही कहां बनाया गया है, किस समूह द्वारा निर्मित है। उसमें नहीं लिखा हुआ था। किसानों के द्वारा उसे जब खोला गया तो उसमें दो तिहाई मिट्टी और रेत पाई गई।
आंदोलन के मूड में किसान
वर्मी कंपोस्ट में मिलावटी किए जाने के बाद किसानों में जमकर आक्रोश देखा जा रहा है। किसान आंदोलन की मूड में हैं। जल्द ही किसानों ने आंदोलन करने की चेतावनी दी है। इधर, समितिप्रबंधक गणेश वर्मा से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि नगर पालिका डोंगरगढ़ से आई हुई खाद को मेरी उपस्थिति में संचालक मंडल के सदस्यों द्वारा तौल कराया गया तो बोरियों में 25 किलो से 28 किलो तक वजन पाया गया। साथ ही एक बोरी को खोल कर देखा गया तो उसमें अधिकांश मिट्टी और रेत पाई गई ।खाद सेंटर पर सोसाइटी के संचालक विनोद वैष्णव, लिखन साहू शिखर साहू, पन्नाालाल, पूनम चंद, लालचंद, बिसाहू वर्मा, प्यारेलाल, रमेश कुमार, खेमचंद, मनहरन, मनबोध व अन्य मौजूद रहे।