अस्पताल में पांच लाख का इनामी नक्सली उपचार कराते पकड़ाया
एक निजी अस्पताल में संदिग्ध व्यक्ति द्वारा इलाज कराने की जानकारी पर पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम के सामने बड़ा खुलासा हुआ. पूछताछ में पता चला कि संदिग्ध नक्सलियों का एलओएस कमांडर है. उसपर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित है. पुलिस ने संदिग्ध को हिरासत में ले लिया है. साथ ही अस्पताल को भी सील कर दिया गया है.
बेमेतरा के एक निजी चिकित्सालय में 5 लाख के इनामी नक्सली को पकड़ा गया। पकड़ा गया नक्सली एरिया कमांडर बताया जा रहा है। उक्त नक्सली की गिरफ्तारी आज पुलिस ने की है। हालांकि इसकी खबर पुलिस को रायपुर एसआइटी के द्वारा दी गई तब कलेक्टर बेमेतरा एवं पुलिस अधीक्षक बेमेतरा व उनकी टीम ने एके मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में दबिश देकर नक्सली और उसके सहयोगी को धर दबोचा।
मिली जानकारी के अनुसार पुलिस के द्वारा उक्त नक्सली से पूछताछ की जा रही है जिसका विस्तृत ब्यौरा शनिवार को देने की बात कही गई है। किंतु अब तक मिली जानकारी के अनुसार उक्त नक्सली 5,00000 का इनामी नक्सली है जिसे पुलिस तलाश कर रही थी तथा सातवां एनकाउंटर इस नक्सली को पकड़ने के लिए पुलिस के द्वारा किया जा चुका है। वह अब तक बचते रहा। जैसे ही इस घटना की जानकारी पुलिस और प्रशासन को मिली एक तरफ से प्रशासनिक हड़कंप के हालात देखने को मिला। कलेक्टर बेमेतरा के निर्देश पर उक्त निजी नर्सिंग होम को पूरी तरह सील कर दिया गया है। इसके साथ ही साथ नर्सिंग होम में उपचार ले रहे 4 मरीजों को जिला चिकित्सालय में शिफ्ट किया गया ताकि उन्हें उपचार में दिक्कत न हो।जानकारी के अनुसार शाम को लगभग 4 बजे प्रशासन व पुलिस को इस बात की भनक हुई कि जिला मुख्यालय बेमेतरा के एक निजी चिकित्सालय में नक्सली उपचार करा रहा है। जिस पर प्रशासन की टीम अस्पताल पहुंची व अस्पताल के कागजात खंगाले गए जिसमें इस बात की पुष्टि हुई कि अंतागढ़ के सामुदायिक भवन से एक मेडिकल आफिसर डा. राकेश बट्टे उक्त नक्सली को स्वयं लेकर बेमेतरा आया और उससे निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया।
प्रारंभिक जानकारी में अब तक जो बातें सामने आई है उस लिहाज से पुलिस नक्सली के सहयोगी के रुप में कितने लोगों की गिरफ्तारी कर पाती है यह एक दिन बाद ही पता चल पाएगा। एके मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में मरीज का नाम डोमार सिंह, निवासी ग्राम सलधा दर्ज कराया गया है पुलिस इसकी भी जांच कर सकती है। बहरहाल प्रशासन के निर्देश पर अनुविभागीय अधिकारी बेमेतरा दुर्गेश वर्मा एवं एसडीओपी एके बर्मन के नेतृत्व में एक ही मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल को पूरी तरह खाली कराकर सील कर दिया गया है।
प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से आवश्यक कदम उठाते हुए जान निजी चिकित्सालय को सील कर दिया है। वहीं पकड़े गए नक्सली और उनके सहयोगी 10 वर्षीय बालक को फिलहाल पुलिस अभिरक्षा में लेकर पूछताछ कर रही है, तथा जल्द ही और भी कई चौंकाने वाले खुलासे की बात से इंकार नहीं किया जा सकता। बहरहाल पुलिस के लिए जांच का विषय अवश्य ही हो सकता है कि आखिर अंतागढ़ से नक्सली उक्त निजी चिकित्सालय में कैसे पहुंचा। क्या इससे पहले और भी कोई नक्सली का उपचार उक्त निजी चिकित्सालय में किया जा चुका है तथा इन सब की जानकारी के लिए पुलिस ने निजी चिकित्सालय के संचालक को भी अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करने में लगी हुई है।
डॉक्टर ने पहुंचाया अस्पताल
पुलिस के मुताबिक कांकेर जिले के अंतागढ़ चौकी के डॉक्टर ने स्वयं के वाहन से नक्सली को बेमेतरा में लाकर भर्ती कराया था. पेट दर्द का इलाज कराने अस्पताल में उसे भर्ती किया गया था. नक्सली के साथ 10 साल के एक बालक को भी अभिरक्षा में रखा गया है. शुक्रवार को भी उससे पूछताछ होगी. बेमेतरा के एसपी धर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि पुलिस सूचना शाखा रायपुर से इनपुट मिला था कि एक नक्सली कमांडर बेमेतरा में इलाज कराने पहुंचा है. छानबीन के बाद पता चला कि एके मल्टीस्पेशलिस्ट अस्पताल में एक संदिग्ध का इलाज चल रहा है. जिला मुख्यालय में ही संचालित इस अस्पताल में पुलिस और प्रशान की टीम पहुंची. वहां पूछताछ के लिए संदिग्ध को पकड़ा गया. उसने खुद को नक्सली कमांडर होना स्वीकार किया.