काशी, मथुरा हिंदुओं का है उसे हिंदुओं को सौंपना चाहिए-शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती
काशी, मथुरा हिंदुओं का है तो उसे हिंदुओं को सौंपना ही चाहिए। जो हिंदू नेता दबी जुबान में कहते हैं, उन्हें खुलकर बोलना चाहिए। उनके शरीर में हिंदुओं के लक्षण होने चाहिए। अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें। युवा दिशाहीन न हो इसलिए संस्कार जरूरी है। युवा रोजगार के लिए किसी के भरोसे न रहे, खुद में आत्मविश्वास रखकर मर्यादित जीवन जीते हुए आगे बढ़े।
उन्माद, अदूरदर्शिता का नाम राजनीति नहीं
देशभर की यात्रा में निकले ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय गोवर्धन मठ जगन्नाथपुरी के पीठाधीश्वर जगत गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने राजधानी रायपुर में सरकार वार्ता को संबोधित करते हुए राजनीतिक परिपेक्ष्य में बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि उन्माद का नाम, सत्ता भोग का नाम, फूट डालो राज करो की कूटनीति का नाम राजनीति नहीं है। राजनीति का अर्थ होता है नीतियों में सर्वोत्कृष्ट, जिसके द्वारा व्यक्ति और समाज को सुबुद्ध, स्वावलंबी व सुसंस्कृत बनाया जा सके। उन्माद, अदूरदर्शिता का नाम राजनीति नहीं है। महाभारत, मत्स्यपुराण, अग्नि पुराण आदि में कहा गया है कि राजनीति का दूसरा नाम है राजधर्म। नीति और धर्म पर्यावाची शब्द हैं।
उन्माद, अदूरदर्शिता का नाम राजनीति नहीं
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि उन्माद, अदूरदर्शिता का नाम राजनीति नहीं है। महाभारत, मत्स्यपुराण, अग्नि पुराण आदि में कहा गया है कि राजनीति का दूसरा नाम है राजधर्म। नीति और धर्म पर्यावाची शब्द हैं। शंकराचार्य महाराज ने बताया कि हिंदू आज कहने लगे हैं, पहले तो सनातनी ही कहते थे। सनातनी, वैदिक, आर्य, हिंदू चारों का प्रयोग कर सकते हैं। हिंद महासागर, हिंदकुट, हिंदी, हिंदू ये सब प्राचीन शब्द हैं। पुराण, ऋग्वेद में भी हिंदू शब्द का प्रयोग है। उन्होंने कहा कि हिंसा कहीं भी हो, हम उसका समर्थन नहीं करते। उन्माद फैलाना राजनीति नहीं है। इससे बचना चाहिए।
पूरे देश में चल रहे लाउडस्पीकर विवाद पर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने कहा, धर्मस्थल कोई भी हो वहां लाउड स्पीकर पर शोरशराबा करके पूजा करने का क्या औचित्य है उनके पुरी मठ में कभी कैसेट पर कोई भजन लाउटस्पीकर पर नहीं बजता। उनका कहना है, उन्होंने ये आदेश दिया हुआ है कि जब भी वे मठ में न हों, वहां कैसेट पर कोई भजन न बजाएं। वहां माइक का उपयोग तभी हो जब वे मठ में हों और उन्हें कोई पूजा-पाठ करनी हो या उपदेश देना हो।
मंदिरों में साईं बाबा को मुख्य स्थान देना गलत
महाराज ने साईं बाबा के मंदिरों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है सांई बाबा के मंदिरों में देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को किनारे करके साईं बाबा को मुख्य स्थान देना गलत है। साईं बाबा के नाम पर मंदिरों से देवी देवताओं हटाना गलत है। कोई किसी भी कुल में पैदा हुआ हो, उसके कुल की जानकारी देनी चाहिए। छुपाने से क्या मतलब है, यह तो भक्तों के साथ धोखा है।
महाराज ने कहा कि वे किसी पार्टी, संगठन की पैरवी नहीं करते। जो गलत करे, उसे सजा मिले। मैं धर्म के साथ खड़ा हूँ और हमेशा रहूँगा। पार्टी कोई भी हो उसे हिंदू धर्म का झंडा उठाकर चलना चाहिए। हमने तो पहले भी मक्का में मक्केश्वर महादेव की पूजा करने और उस पर हिंदुओं का अधिकार होने की बात कही है। मस्जिद में शिवलिंग है तो उसकी जांच होनी चाहिए।