क्राइमराज्‍य

10 जून: कन्हैयालाल जेल से छूटे, 15 जूनः पुलिस के पास गए, फिर.. उदयपुर में तालिबानी हत्या की पूरी टाइमलाइन

उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर में दिनदहाड़े एक दर्जी कन्हैयालाल का सिर काटने की घटना से पूरा देश स्तब्ध है। पुलिस ने वारदात के दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान उदयपुर के सूरजपोल इलाके के निवासी गोस मोहम्मद, बेटे रफीक मोहम्मद और अब्दुल जब्बार के बेटे रियाज के रूप में हुई है। इस वारदात को लेकर मीडिया में तरह-तरह की खबरें आ रही हैं, लेकिन लोग यह समझना चाह रहे हैं आखिर इस वारदात की जड़ क्या है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर हवा सिंह घुमारिया ने कन्हैयालाल की नृशंस हत्या मामले की असल वजह बताया। साथ ही उन्होंने पुलिस की भूमिका पर उठ रहे सवाल का भी जवाब देने की कोशिश की।

‘आरोपियों ने कपड़ों का माप दिया फिर कर दी दर्जी की हत्या’
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर हवा सिंह घुमारिया ने बताया कि उदयपुर में हालात पूरी तरह से कंट्रोल में है। भीड़ को घरों में भेज दिया गया है। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि कन्हैयालाल की डेड बॉडी करीब 7 घंटे बाद उचित समय देखकर देर रात तक घटनास्थल से हटाया गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

दो मुस्लिम युवक थे, जैसा की वीडियो में भी दिख रहा है। ये दोनों पहले कन्हैयालाल की दुकान पर जाते हैं। कपड़े सिलवाने के लिए माप देते हैं। उसके बाद उसकी हत्या कर देते हैं। हत्या के बाद दोनों आरोपी एक बाइक से निकलते हैं और राजसमंद वाले रोड पर जाते हैं। हालांकि थोड़ी देर बाद ही पता लग गया कि आरोपी किस बाइक से निकले हैं। इस वजह से एक टीम उनका पीछा करती है। आगे राजसमंद एसपी की टीम नाके पर भीम इलाके से दोनों को अरेस्ट कर लेती है।

10 जून को कन्हैयालाल को किया गया था गिरफ्तार
उन्होंने बताया कि 10 जून को थाने में एक रिपोर्ट दर्ज हुई थी, जिसमें कन्हैयालाल पर आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने मोहम्मद साहब पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को आगे प्रचारित किया। इसपर पुलिस ने तत्काल ऐक्शन लिया। मुकदमा दर्ज किया और कन्हैयालाल को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके बाद कोर्ट से इन्हें जमानत मिल गई। 10 मई को मुकदमा दर्ज हुआ, उसी दिन कन्हैयालाल की गिरफ्तारी हुई जिसके बाद कोर्ट में पेशी के तुरंत बाद इसकी बेल हो गई थी।

बेल पर रिहा होने के बाद कन्हैयालाल ने पुलिस से लगाई थी सुरक्षा की गुहार
बेल पर बाहर आने के बाद कन्हैयालाल ने 15 जून को थाने में एक लिखित शिकायत देते हैं कि मुझे जान से मारने की धमकियां मिल रही है। इसलिए मुझे सुरक्षा दी जाए। तत्काल SHO ने उन लोगों को थाने में बुला लिया जिनपर कन्हैयालाल ने धमकाने के आरोप लगाए थे। इसके बाद SHO की मौजूदगी में दोनों ही समुदाय के 5-7 जिम्मेदार लोगों को बुलाया जाता है। दोनों समुदाय के जिम्मेदार लोगों की मौजूदगी में समझौता करा दिया गया था। बकायदा दोनों पक्ष के जिम्मेदार लोगों ने लिखित में समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते में दोनों पक्ष के लोगों ने लिखा था कि हम लोगों को आगे कोई कार्रवाई नहीं चाहिए। हम लोगों के बीच में जो भी कंफ्यूजन था वह दूर हो गया है। इस वजह से उस शिकायत पर आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई।

समझौता करने वाले लोगों से पुलिस करेगी पूछताछ
उन्होंने बताया कि कन्हैयालाल ने 15 जून को दिए शिकायत में कहा था कि उनके जान को खतरा है। उसके बाद समझौते पर भी कन्हैयालाल के हस्ताक्षर थे। समझौता पेपर और शिकायत पत्र दोनों कन्हैयालाल की हाथ से लिखी हुई है, यह पुलिस के पास मौजूद है।अब इस तरह की घटना होने के बाद समझौते में शामिल दोनों पक्ष के लोगों को बुलाया गया है। उनसे पूछा जा रहा है कि आखिर जब समझौता हो गया था तो फिर इस तरह की घटना कैसे हुई। मुस्लिम पक्ष के लोगों से भी पूछताछ की जाएगी कि आखिर उन्होंने समझौता कराने के बाद क्या किया। पुलिस यह समझने की कोशिश कर रही है कि आखिर यह बात आगे कैसे बढ़ी। जांच में सारे पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा। पहली स्थिति यह है कि आज जो हालात खराब हुए हैं उसे आगे नहीं बढ़ने दिया जाए। आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। पुलिस आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने की कोशिश में है।

उदयपुर में तनाव की स्थिति, आला अफसरों को भेजा गया


अब उदयपुर में बवाल मच जाने के बाद राजस्थान पुलिस कानून के रूप में काम करने को उतरी हैं। क्योंकि उदयपुर से लेकर राजस्थान में इस घटना ने प्रदेशवासियों को हिलाकर रख दिया। दहशत में ला दिया। राजस्थान लॉ एंड ऑर्डर के एडीजी हवासिंह घूमरिया ने जयपुर में मीडिया से बातचीत की। कहा, उदयपुर में तनाव की स्थिति है। तत्काल जयपुर से ऑफिसर और पुलिस के जवान जाप्ते के रूप में रवाना किए हैं। और भी जाप्ता भेजा जाएगा। दो एडीजी जंगा श्रीनिवास राव और दिनेश एमएन और एक डीआईजी राजेंद्र गोयल और एक एसपी राजीव पचार को उदयपुर सिनियर पुलिस ऑफिसर के रूप में भेजे गए हैं।

पूरा पुलिस प्रशासन अलर्ट, किसी भी आरोपी को छोड़ा नहीं जाएगा
उदयपुर ही नहीं पूरे प्रदेश में इंटरनेट बंद करवा दिया है। घूमरिया ने कहा तनाव निश्चित तौर पर है। घटना बड़ी गंभीर है। मौके पर लोग इक्कठा हैं। उत्तेजित नहीं हैं, लोग संयम बरत रहे हैं। घूमरिया ने कहा अपराध के पीछे जो चीज छुपी होती हैं वह अपराधी को पकड़ने पर सारा खुलासा होता है। लेकिन यह घटना शर्मनाक है। पूरा पुलिस प्रशासन अलर्ट है। लॉ एंड ऑर्डर के एडीजी ने प्रदेशवासियों से कहा है कि घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। उसे न देखें तो बैटर होगा। वह देखने लायक नहीं है। उससे उत्तेजित न हो, पुलिस विश्वास दिलाना चाहती हैं कि किसी भी आरोपी को छोड़ा नहीं जाएगा। जो भी हत्याकांड में शामिल होगा। उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी।

advertisement
advertisement
advertisement
advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button