छत्तीसगढ़ में राजनीतिक कलह की सुलह दिल्ली में भी नहीं हो पाई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्री टीएस सिंहदेव रविवार को दिल्ली तो पहुंचे, लेकिन केंद्रीय नेताओं से मुलाकात नहीं हुई। मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश के नेताओं के साथ मुलाकात करके रायपुर वापस लौट आए। वहीं, भोपाल से दिल्ली पहुंचे सिंहदेव भी सोमवार को भोपाल वापस लौट जाएंगे। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो सिंहदेव की विधानसभा सत्र तक प्रदेश में वापसी संभव नहीं है। कांग्रेस नेताओं को उम्मीद थी कि सिंहदेव के पंचायत विभाग छोड़ने और रविंद्र चौबे को पंचायत विभाग की जिम्मेदारी मिलने के बाद दिल्ली दरबार में कुछ हल निकल सकता है।
मुख्यमंत्री बघेल ने दिल्ली में हिमाचल प्रदेश के नेताओं के साथ चर्चा की। कांग्रेस केंद्रीय संगठन ने बघेल को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। बैठक में राज्यसभा सदस्य राजीव शुक्ला, सचिन पायलट और प्रताप सिंह बाजवा सहित हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस नेता मौजूद थे।
दिल्ली से लौटने के बाद स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा में बघेल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर बैठक हुई है। जनता के बीच कैसे और किन मुद्दों को लेकर पहुंचना है, उस पर चर्चा हुई।
रेल के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को रेल यात्रा में 50 फीसद की सुविधा को खत्म किया गया है। केंद्र सरकार ने पहले ही एक हजार ट्रेन बंद कर दी है। अब जो सुविधाएं मिल रही थीं, वह भी बंद कर रहे हैं। टिकट और प्लेटफार्म टिकट के दाम बढ़ा दिए हैं। रेल अब निजीकरण की ओर बढ़ रहा है। लोगों को अब सस्ती यात्रा सुलभ नहीं होगी।