राज्‍य

75 बांग्लादेशी लड़कियों को पत्नी बनाया, भारत लाया, फिर… मुनीर के गुनाह जान हैरान रह जाएंगे आप

इंदौर पुलिस ने पिछले साल एक ऐसे तस्कर को गिरफ्तार किया था, जिसने 75 बांग्लादेशी लड़कियों को शादी की थी। 

इंदौर: मुनीर उर्फ मुनीरुल… इसे इंदौर पुलिस ने 10 महीने पहले सूरत से गिरफ्तार किया था, तब इसकी शादियों की चर्चा खूब हुई थी। 28 साल की उम्र में एक-दो नहीं, इसने 75 शादियां कर ली थीं। संख्या सुनकर आपके हमारे होश उड़ जाएंगे लेकिन यह सच था। बांग्लादेशी लड़कियों को भारत लाने के लिए मुनीर उर्फ मुनीरुल उनसे शादी करता था। ऐसे में आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि मुनीर ने इतनी शादियां क्यों की। अगर उसने 75 शादियां की तो उसकी पत्नियां कहां हैं। इस सवाल का जवाब इंदौर पुलिस ने जब पिछले साल दिया था तो लोगों के होश उड़ गए थे। मुनीर सिर्फ बॉर्डर पार करवाने के लिए उन लड़कियों का दूल्हा बनता और उन्हें पत्नी बनाकर इंडिया लाता था। आइए आपको बताते हैं कि मुनीर ने इन लड़कियों के साथ शादी के बाद क्या करता था।मुनीर उर्फ मुनीरुल को इंदौर पुलिस ने सेक्स रैकेट के मामले में अक्टूबर 2021 में सूरत से गिरफ्तार किया था। इसकी गिरफ्तारी इंदौर से गिरफ्तार बंग्लादेशी लड़कियों से मिले सुराग के बाद हुई थी। इन लड़कियों को सीमा पार करवाकर बांग्लादेश से भारत मुनीर ही लाया था। मुनीर बांग्लादेश से एक-दो नहीं, पूरे 200 लड़कियों को लाकर जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल दिया था। इन 200 में से करीब 75 लड़कियों से उसने शादी की थी। गिरफ्तारी के बाद उसने जो खुलासे किए थे, उससे लोगों के होश उड़ गए थे। हर महीने वह सीमा के उस पार से भारत में लड़कियों को लाता था। सीमा पर चेकिंग के दौरान मुनीर उन लड़कियों को अपनी पत्नी दिखाता था। साथ ही शादी की तस्वीरें भी दिखाता था, जिसमें वह दूल्हा बना होता था।

मुंबई, इंदौर और सूरत में फैला था जाल
मुनीर बेहद ही शातिर था। वह कई एजेंसियों को चकमा देकर भारत में विदेशी लड़कियों को पत्नी बनाकर ला रहा था। दस्तावेजों पर मुनीर के अलग-अलग नाम होते थे। वह मुंबई, सूरत और इंदौर से बड़े शहरों में लड़कियों को उनलोगों के हाथ बेच देता था, जो सेक्स रैकेट में शामिल थे। मुनीर की लाईं लड़कियों के ग्राहक हाईप्रोफाइल लोग होते थे। इसलिए इस धंधे में उसकी बड़ी मांग थी।

पोरस बॉर्डर से लड़कियों को लाता था इंडिया

28 साल का मुनरी बेहद ही शातिर था। वह बॉर्डर से लेकर राज्य तक की पुलिस को चकमा दे रहा था। बांग्लादेश और भारत के पोरस बॉर्डर के जरिए वह लड़कियों को यहां लाता था। बॉर्डर पर उसने कई एजेंट्स फिक्स कर रखे थे, जिन्हें मोटी रकम देता था। वहीं, लोग इसके कागज तैयार करवाते थे, जिसमें ज्यादा परेशानी होती थी, उन लड़कियों से मुनीर की शादी होती थी। मुनीर इस काम में इतना माहिर हो गया था कि किसी को कभी भनक नहीं लगी।

21 बांग्लादेशी लड़कियों की गिरफ्तारी के बाद आया इसका नाम
करीब डेढ़ साल पहले इंदौर पुलिस ने 21 बांग्लादेशी लड़कियों को गिरफ्तार किया था। उन लड़कियों की गिरफ्तारी हुई, तब मुनीर समेत कुछ लोगों के नाम सामने आए थे। इसके बाद मुनीर के कुछ सहयोगियों को पुलिस ने तुरंत गिरफ्तार कर लिया था लेकिन यह भाग निकला था, जिसे बाद में सूरत से गिरफ्तार किया गया था।

खुद भी बांग्लादेश का रहने वाला है मुनीर
मुनीर खुद भी बांग्लादेश का रहने वाला है। अभी इंदौर के जेल में वह बंद है। बांग्लादेशी लड़कियों को भारत लाने में उसके पीछे बड़ा नेटवर्क काम करता था। वह लड़कियों को बॉर्डर पार करवाने के बाद सबसे पहले कोलकाता लेकर आता था। यहां से बांग्लादेशी लड़कियों को लेकर मुंबई जाता था।

मुंबई में लड़कियों की होती थी ट्रेनिंग
बांग्लादेश से लाई गईं लड़कियों को मुनीर मुंबई में बेच देता था। वह लड़कियां सिर्फ इसकी कागजी पत्नी होती थीं। इनके ग्राहक काफी हाईप्रोफाइल होते थे, इसलिए मुंबई में ट्रेनिंग होती थी। मुंबई में पर्सनालिटी डेवलपमेंट की ट्रेनिंग होती थी। इसके बाद देश के अलग-अलग शहरों में डिमांड के अनुसार सप्लाई की जाती थी।

बेहद गरीब होती थीं लड़कियां
बांग्लादेश से आईं लड़कियां बेहद गरीब परिवार की होती थीं। मुनीर और उसके साथी इसी का फायदा उठाते थे। उनके परिजनों को पैसे का लालच देकर लड़कियों को अपने चंगुल में फंसाते थे। बॉर्डर से सटे गांव में मुनीर के लोग सक्रिय रहते थे। भारत लाने के बाद इन्हें देह व्यापार के दलदल में धकेल दिया जाता था।

स्पा सेंटर्स से देह व्यापार के धंधे तक में लड़कियां
मुनीर बांग्लादेशी लड़कियों को ज्यादातर बड़े शहरों में बेचता था। पूछताछ में यह बात सामने आई थी कि वह उसकी लाईं लड़कियां स्पा सेंटर्स में भी काम करती थीं। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, पुणे, मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद और सूरत में ये लड़कियां काम करती थीं।

30 हजार से डेढ़ लाख तक में लड़कियों की बिक्री

बांग्लादेश से लाकर मुनीर इन लड़कियों को 30 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपये तक में बेचता था। उनमें से कुछ लड़कियों के जो कागजात थे, उनमें पति के रूप में मुनीर का नाम दर्ज होता था। साथ ही भारत की फर्जी नागरिकता भी उनके पास होती थी। इसलिए पुलिस और एजेंसियों से बचती रहीं।

सितंबर 2020 में आया था मुनीर का नाम
दरअसल, इंदौर पुलिस की टीम ने 2020 में सिंतबर और अक्टूबर महीने में इंदौर के एक गेस्ट हाउस पर छापेमारी की थी। इस दौरान वहां से कुछ बांग्लादेशी लड़कियां बरामद हुई थीं। बांग्लादेशी लड़कियों ने पूछताछ के दौरान कई खुलासे किए थे। इसी में मुनीर उल दाजी का नाम भी सामने आया था।

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