क्राइमदेश

मम्‍मी-पापा! प्‍लीज ये लड़ाई अब बंद कीजिए… पत्‍नी की हत्‍या कर पति ने खुद भी दी जान, बेटा भी जख्‍मी

पति-पत्नी के बीच का झगड़ा मंगलवार रात इस कदर बढ़ गया कि पति ने पत्नी व बेटे पर चाकू से हमला कर दिया। दोनों को घायल करने के बाद उसने हाथ की नस काट ली। अन्य बेटों ने नीचे जाकर शोर मचाया तो पड़ोसियों ने मामले की सूचना पुलिस को दी।दीपक वर्मा

नई दिल्ली: ईस्ट दिल्ली के लक्ष्मी नगर इलाके में पति ने घरेलू कलह में पत्नी पर चाकू से हमला कर दिया। इस दौरान 13 साल का बेटा बचाव में आया तो उस पर भी वार कर दिया। इसके बाद ने खुद की कलाई भी काट ली। दोनों बच्चे शोर मचाते हुए बिल्डिंग से नीचे उतरे। पड़ोसियों ने पुलिस को कॉल कर वारदात की जानकारी दी। तीनों को हेडगेवार अस्पताल ले जाया गया, जहां से पति को जीटीबी अस्पताल रेफर कर दिया गया। पति और पत्नी दोनों को डॉक्टरों ने मृत करार दिया। शुरुआती जांच के बाद पुलिस का कहना है कि पति-पत्नी के बीच कलह चल रही थी।नीरज (42) परिवार समेत वेस्ट गुरु अंगद नगर की गली नंबर-2 में रहते थे। पालम निवासी ज्योति (40) से उनकी शादी 2009 में हुई थी। दो बेटे हुए, जिनमें एक 12 साल का तो दूसरा 8 साल का है। नीरज एसी रिपेयरिंग का काम करते थे। परिजनों ने बताया कि कि पति-पत्नी के बीच शुरुआत में सब ठीक चल रहा था। कुछ साल पहले माता-पिता ने बिल्डर को एक फ्लोर देकर चार मंजिला मकान बनवाया। तीनों भाइयों के हिस्से में एक-एक फ्लोर आया। बिल्डर के कहने पर माता-पिता ने तीनों बहुओं के नाम पर उनके फ्लोर कर दिए। लेकिन डेढ़ साल से अनबन होने लगी थी। नौबत मारपीट तक पहुंच जाती थी।

पति-पत्नी की कलह की वजहें

  • घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी। बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते थे और प्राइवेट ट्यूशन भी लेते थे।
  • बेटों के साथ पढ़ने वाले लड़कों की कुछ मां पत्नी की दोस्त बन गईं। पति इसे लेकर शक करता था।
  • पत्नी के नाम पर मकान का फ्लोर था, जो अब इसे बेच कर दूसरी जगह मकान खरीदना चाहती थी।
  • पति-पत्नी का विवाद थाने पहुंचा तो इसे विमिन सेल में ट्रांसफर कर दिया, जहां बुधवार को पेशी थी।

कई बार विवाद थाने चला गया। ज्योति के नाम टॉप फ्लोर था, इसलिए वो मकान बेचकर दूसरी जगह जाना चाहती थी। नीरज यहां से नहीं जाना चाहता था। इससे क्लेश बढ़ गया और पत्नी तलाक मांगने लगी। मंगलवार रात दोनों के बीच झगड़ा हुआ। अक्सर दोनों झगड़ते रहते थे, जिस वजह से आसपास के लोगों ने ज्यादा गौर नहीं किया। नीरज ने किचन के चाकू से पत्नी पर कई वार कर दिए। 12 साल का बेटा बचाने आया तो उसके बाजू पर भी वार कर दिया। नीरज ने खुद की भी कलाई काट ली। दोनों बच्चे शोर मचाते हुए बिल्डिंग की सीढ़ियों से उतरते हुए नीचे आए। पड़ोसियों ने पुलिस कॉल की।

पति-पत्नी ने झगड़े में एक-दूसरे पर चाकू से किया हमला
विवेक विहार इलाके में घरेलू विवाद में पति और पत्नी ने एक-दूसरे को चाकू मार दिया। पति बिल्ला वर्मा (43) और पत्नी सुषमा (37) का जीटीबी अस्पताल में इलाज चल रहा है। बिल्ला का बुधवार को ऑपरेशन हुआ, जिनकी हालत नाजुक है। विवेक विहार थाना पुलिस मामला दर्ज कर छानबीन कर रही है। बिल्ला और सुषमा परिवार के साथ विवेक विहार के ज्वाला नगर में रहते हैं। दोनों की शादी करीब 16 साल पहले हुई ‌थी। इनके 15 और 12 साल के दो बेटे हैं। बिल्ला डिलीवरी बॉय का काम करते हैं। परिजनों ने बताया कि सात साल पहले बिल्ला एक महिला के संपर्क में आए। इसने संन्यास लेने के लिए राजी कर लिया और बिल्ला का एक धर्म के प्रति झुकाव हो गया। इसने भोलानाथ नगर का फ्लैट बेच दिया। सुषमा वहीं अलग मकान में रहने लगी और बिल्ला भोपुरा चले गए। दोनों ने अलग रहने का फैसला किया। परिजनों के समझाने के बाद पांच-छह दिन से दोनों साथ रह रहे थे। मंगलवार रात दोनों का किसी बात पर झगड़ा हो गया। दोनों एक-दूसरे को चाकू मारकर जख्मी हो गए।

कलह और शक में हुए कुछ सनसनीखेज मर्डर

  • 26 फरवरी 2021 : रोहिणी के बुध विहार इलाके में पति चेतन प्रकाश सोलंकी ने पत्नी गीता की पीट-पीटकर हत्या कर दी। इनकी बेटी उस वक्त पांच साल की बेटी थी। पति ने भी खुदकुशी की कोशिश की थी।
  • 29 मार्च 2021: अलीपुर स्थित फार्म हाउस में फोन को लेकर बहस के बीच होली के दिन मिथलेश ने पहले पत्नी मोनिका की पीट-पीटकर हत्या की। इसके बाद खुद भी फंदे से झूलकर स्यूसाइड कर लिया।
  • 10 अप्रैल 2021 : रोहिणी के बुध विहार पति हरीश मेहता ने शादी के महज आठ महीने बाद सरेराह पत्नी नीलू की चाकू मारकर हत्या कर दी। दोनों बजार के लिए निकले। पति अपनी पत्नी पर शक करता था।
  • 27 अप्रैल 2021 : हजरत निजामुद्दीन इलाके में आठ महीने की गर्भवती पत्नी साइमा की गोली मार कर ली जान। आरोपी पति वसीम के साली के साथ बन गए थे रिलेशन। इस वजह से पति-पत्नी में था विवाद।
  • 22 जून 2021 : न्यू उस्मानपुर के ब्रह्मपुरी इलाके में रहने वाले 75 साल के अब्दुल हकीम ने अपनी 70 साल की पत्नी जैनब की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। दोनों के बीच छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा होता था।
  • 28 सितंबर 2021 : महरौली इलाके के छतरपुर एक्सटेंशन में नशे में पति अर्जुन ने पत्नी पार्वती की चाकू मारकर हत्या कर दी। पत्नी शराब पीने से रोकती थी तो पति झगड़ा करता था।
  • 9 अक्टूबर 2021 : बाबा हरिदास नगर में महेश ने पत्नी निधि और सास वीरो पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी। घरेलू कलह से आहत होकर महेश ने ये कदम उठाया था।
  • 6 मार्च 2022 : शकूरपुर गांव में हितेंद्र यादव का पत्नी सीमा से दाल के स्वाद को लेकर झगड़ा हुआ। पत्नी ने अपने मायके वालों को बुला लिया। हितेंद्र ने नशे में दो सालों और पत्नी की गोली मार हत्या कर दी।
  • 9 मई 2022 : महरौली में हरीश और बीना ने कोर्ट मैरिज की। कुछ दिन बाद हरीश की जॉब छूट गई तो झगड़ा होने लगा। बीना ने मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी तो हरीश ने चाकू से हत्या कर दी।
  • 17 मई 2022 : दरियागंज इलाके में मोइनुद्दीन कुरैशी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस जांच में पता चला कि पत्नी जीबा कुरैशी ने अपने प्रेमी शोएब के जरिए सुपारी किलर से हत्या करवाई थी।
  • 22 मई 2022 : महरौली में पति बेरोजगार था, जिससे पत्नी झगड़ती रहती थी। पति से झगड़ा होने के बाद पत्नी मायके चली गई थी। इससे आहत होकर पति ने सरेराह पत्नी की चाकू गोदकर हत्या कर दी।
  • 13 जून 2022 : महरौली की फ्रीडम फाइटर कॉलोनी में पति घर्मेंद्र का पत्नी रेनू से खाना बनाने को लेकर झगड़ा हो गया। गुस्से में आकर धर्मेंद्र ने पत्नी पर आठ बार चाकू से हमला कर दिया।
  • 14 जून 2022 : मैदानगढ़ी थाना इलाके में सुनील कुमार ने अपनी पत्नी की गुमशुदगी दर्ज करवाई। जांच में पता चला कि सुनील ने पत्नी की आदतों से तंग आकर अपने भाई के साथ उसकी हत्या की थी।
  • 16 जून 2022: फतेहपुर बेरी में विनोद कुमार दूबे ने अपनी पत्नी सोनाली की खाना परोसने को लेकर नशे में रात को गला दबाकर हत्या कर दी। शादी के 12 साल के बाद भी दोनों का बच्चा नहीं था।
  • 17 जून 2022: भलस्वा डेरी इलाके में विजय ने बच्चों की देखभाल को लेकर हुए झगड़े में पत्नी संतोषी की हत्या कर दी। खुद ही जाने में जाकर सरेंडर कर दिया और हत्या का जानकारी पुलिस को दी।
  • 18 जून 2022 : दयालपुर इलाके में शफीक उर्फ छोटे ने अपनी पत्नी नगमा बेगम का चापड़ से हमला कर मर्डर कर दिया। इसे अपनी बीवी का बुलंदशहर के एक शख्स से अफेयर होने का शक था।
  • 5 जुलाई 2022 : रोहिणी इलाके में अनिल ने अपनी पत्नी रश्मि की गला घोंटकर हत्या कर दी। अनिल के दोस्त बबलू से रश्मि का अफेयर चल रहा था। ये बात अनिल को नागवार गुजरी और मर्डर कर दिया।
  • 6 जुलाई 2022 : गोविंदपुरी इलाके में डीटीसी कर्मचारी संजीव कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जांच में पता चला कि दो पत्नियां थी, जिन्होंने एक बेटी के साथ मिलकर मर्डर की साजिश रची थी।

घरेलू हिंसा: घर और बचपन दोनों गंवा बैठते हैं मासूम
घरेलू हिंसा के बीच बच्चों का घर और बचपन दोनों ही छूटता है। बच्चों के साथ काम करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कई मामले लगभग रोजाना सामने आते है, जिसमें घरेलू हिंसा में मां-पिता दोनों की मौत हो गई या एक की मौत और दूसरा जेल चला गया। इनके पीछे छूटे बच्चे या तो रिश्तेदारों के पास या फिर शेल्टर होम में भेजे जाते हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अगर घर में पति-पत्नी में जो भी प्रताड़ित है, पहले ही पुलिस में शिकायत करे और कानूनी कार्रवाई करे, तो बच्चों के परेशान होने के ऐसे मामलों की संख्या काफी कम हो सकती है।

दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग की मेंबर रंजना प्रसाद कहती हैं, इस तरह के मामलों में अगर वक्त पर एफआईआर नहीं हुई है या फिर बच्चों को सुरक्षित जगह रखने का कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है तो बाल आयोग संबंधित बॉडी को आदेश देता है। ऐसे बच्चे चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के पास भेजे जाते हैं। अगर आयोग को ऐसी शिकायत भी मिलती है जहां घर में मां-बाप के झगड़े की वजह से बच्चे भी शिकार बनते हैं या उनकी सुरक्षा को खतरा है, इसके लिए भी हम संबधित बॉडी को लिखते हैं। सेंटर फॉर चाइल्ड राइट्स की एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर भारती अली हक कहती हैं, घर में हुए किसी अपराध के बाद जब बच्चे अकेले रह जाते हैं तो उन्हें चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के पास भेजा जाता है। अगर बच्चे का कोई रिश्तेदार उसे रखना चाहता है तो उसे वहां भेज दिया जाता है। अगर बच्चा रिश्तेदार के पास जा रहा है तो चाइल्ड वेलफेयर कमिटी की जिम्मेदारी बनती है कि वो एक सोशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट (एसआईआर) बनावाए कि रिश्तेदार कैसे हैं? क्या घर पर काम करवाने के लिए या फिर बच्चों की प्रॉपर्टी या फिर किसी और मकसद से तो वे बच्चे को नहीं रख रहे? यह रिपोर्ट जिले की चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट के अधिकारी / एनजीओ रिश्तेदार, पड़ोसी वगैरह से पूछताछ कर बनाते हैं।

भारती अली बताती हैं, अगर बच्चे का रिश्तेदार अच्छा है मगर उसके पास उसे पालने-पढ़ाने के लिए पैसे नहीं हैं, यहां भी बच्चे फंसते हैं। चिल्ड्रन होम से ज्यादा बढ़िया उनके लिए रिश्तेदार के साथ रहना है, मगर इस मजबूरी में उसे चिल्ड्रन होम रहना पड़ता है। मनोवैज्ञानिक तौर पर भी उस पर असर पड़ता है। ऐसे में सरकार की स्पॉन्सरशिप स्कीम का सिस्टम होता है, जिसके तहत हर महीने बच्चे के इस खर्चे के लिए पैसे दिए जाते हैं। मगर अब तक सरकारें इसे सही तरीके से लागू नहीं कर पाई हैं।

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