सवाई माधोपुर से बेहद हैरान करने वाली खबर सामने आई है। ट्रेन में वसूली करने के लिए चढ़े कथित किन्नरों के आतंक से परेशानी के चलते दो लोगों की मौत हो गई। दोनो की मौत का नजारा देखने के बाद से उनका तीसरा साथी सदमे में है। वह भी उनके साथ खाटू श्याम जी के जा रहा था। हादसा सवाई माधोपुर में रेलवे स्टेशन पर देर रात दो बजे के बाद होना सामने आया है। इस घटना के बाद से परिवारों में कोहराम मचा हुआ है। परिजन मुर्दाघर के बाहर जमा हैे। उधर इस पूरे घटनाक्रम के बाद जीआरपी और आरपीएफ के अधिकारियों ने घटना से पल्ला झाड़ लिया है।
तीन दोस्त जा रहे थे खाटू श्याम जी के, देर रात हुआ हादसा
प्रारंभिक जानकारी में सामने आया है कि सवाई माधोपुर चौधरी मौहल्ला निवासी तीन दोस्त फूलचंद्र, महेश कुमार और अनिल देर रात करीब दो बजे के बाद रींगस जाने वाली ट्रेन से सवाई माधोपुर जाने वाले थे। ट्रेन का टिकिट लेने के बाद वे ट्रेन मंे जा बैठे। ट्रेन जब चलने को हुई तो इसी दौरान ट्रेन मंे कुछ कथित किन्नर आ गए। उन्होनें यात्रियों को परेशान करना शुरु कर दिया। उनसे मारपीट और छीना छपटी शुरु कर दी। वसूली करने लगे। महिलाओं को परेशान करने लगे। अनिल ने पुलिस को बताया कि वे लोगों को पीट रहे थे और रुपए मांग रहे थे। हम लोग इतना डर गए कि ट्रेन से बाहर आने की तैयारी कर ली। फूल चंद और महेश आगे थे। वे जैसे ही ट्रेन से कूदे दूसरे ट्रेक से आ रही दूसरी ट्रेन ने दोनो को रौंद दिया। दोनो ने मौके पर ही जान दे दी। अनिल ने बताया कि मेरे सामने ही मेरे दोस्तों की जान चली गई, मैं कुछ नहीं कर सका। चौधरी मौहल्ला के लोगों ने बताया कि फूलचंद की नाई की दुकान है। उनके दो बच्चे हैं। उधर महेश ठेला लगाता था, वह पच्चीस साल का था। जल्द ही शादी होने वाली थी। परिवार का इकलौता बेटा तो था ही कमाने वाला भी इकलौता ही था। अब बुजुर्ग पिता का रो रोकर हाल बेहाल है।
किन्नर आए दिन करते हैं मारपीट और लूटपाट, जीआरपी और आरपीएफ ने हाथ खड़े किए
उधर इस पूरे घटनाक्रम के बाद आरपीएफ और जीआरपी के जिम्मेदार अधिकारियों ने इस पूरे घटनाक्रम से ही हाथ झाड़ लिए। जीआरपी अधिकारी धर्मसिंह का कहना है कि किन्नर जैसा कुछ नहीं है। बिना टिकिट के किसी को भी अंदर नहीं आने दिया जाता। आरपीएफ अधिकारी संतोष कुमार का कहना है कि दोनो लोग तो हवा खाने बाहर निकले थे, ट्रेन की चपेट मंे आ गए